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जम्मू-कश्मीर के बच्चों का भारत दर्शन!

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री से मिलकर हुए बच्चे उत्साहित

बीएसएफ ने 1578 बच्चों को कराया भारत दर्शन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 25 January 2017 05:18:22 AM

school children's meet hansraj gangaram ahir

नई दिल्ली। जम्मू क्षेत्र के दूरदराज इलाकों से आए हुए 40 स्कूली बच्चों के एक समूह ने गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर से मुलाकात की। इस समूह में 20 लड़के और 20 लड़कियां शामिल हैं। ये बच्चे 12 से 18 वर्ष की आयु समूह के हैं, जो सीमा सुरक्षा बल के 15 जनवरी से 29 जनवरी तक आयोजित भारत दर्शन टूर के तहत आए हुए हैं। गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने इस मौके पर बच्चों को देश की एकता और अखंडता को मजबूत बनाने और घर वापस जाकर इस संदेश को प्रसारित करने के लिए प्रोत्साहित किया। सीमापार दुश्मनों के नापाक इरादों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने ऐसे तत्वों के खिलाफ देश की रक्षा करने के लिए बच्चों को प्रेरित किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस यात्रा से बच्चों को काफी अनुभव प्राप्त होंगे।
सीमा सुरक्षा बल के निदेशक केके शर्मा ने गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर का स्वागत किया और बच्चों के समूह की संरचना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत दर्शन टूर बच्चों को देश की विविधता का अनुभव करने के लिए एक अभिनव अनुभव प्रदान करता है। बच्चों ने विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करने के अपने अनुभवों को साझा किया और इस प्रकार के टूर का आयोजन करने के लिए बीएसएफ को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम के तहत बच्चों को मैसूर, बैंगलुरू, दिल्ली, आगरा, कोलकाता-सुंदरवन और अमृतसर ले जाया गया। बच्चों को दिल्ली मेट्रो की सवारी करने का भी अवसर मिला। बच्चों ने ताजमहल देखा और उसकी सुंदरता की मंत्रमुग्‍ध प्रशंसा की। बच्चों ने पहली बार जाना कि उनका भारत विभिन्न संस्कृतियों और सद्भाव से कितना समृद्धशाली है।
जम्मू-कश्मीर के बच्चों के लिए बीएसएफ वर्ष 2000 से भारत दर्शन टूर का आयोजन करता आ रहा है। इस यात्रा का पूरा खर्च बीएसएफ वहन करता है, जिसमें कपड़े, यात्रा व्यय, आवास और भोजन आदि शामिल हैं। भारत दर्शन यात्रा से बच्चों को देश की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश के बारे में जानने का मौका मिलता है। यात्रा का उद्देश्य बच्चों में राष्ट्र के प्रति गर्व की भावना पैदा करना है। बीएसएफ के भारत दर्शन टूर में अभी तक जम्मू-कश्मीर से 1578 बच्चे भाग ले चुके हैं। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के बच्चों और छात्र-छात्राओं के देशाटन के लिए बीएसएफ का यह कार्यक्रम काफी लोकप्रिय हो रहा है, जिससे राष्ट्रीय एकीकरण की भावना को बहुत बल मिला है।

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