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Wednesday 25 January 2017 05:31:20 AM
नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने नई दिल्ली में एक विशेष समारोह में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया। कार्यक्रम का विषय बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ था। इस अवसर पर बच्चों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना 2016 जारी की गई, जिसके बाद महिला और बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने कार्यक्रम को संबोधित किया। महिला और बाल विकास मंत्रालय की सचिव लीना नायर और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की सचिव प्रीति सूडान ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में रियो पैरालिम्पिक्स 2016 की रजत पदक विजेता दीपा मलिक, महिला फाइटर पायलट अवनि चतुर्वेदी, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला ऐम्प्युटी अरुर्णिमा सिन्हा, पूर्व स्ट्रीट गर्ल और सड़क के बच्चों के लिए बालकनामा अख़बार की सलाहकार शन्नो और जाने-माने वक्ताओं ने भी विशेष संबोधन दिए।
महिला और बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने कहा कि बीबीबीपी कार्यक्रम ने पूरे देश में विशेष रूप से हरियाणा राज्य में बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपनी बेटियों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और सफलता सुनिश्चित करने के अलावा उनकी प्रतिभा के विकास में योगदान देना है। स्वयं अपने जीवन का अनुभव बताते हुए उन्होंने कहा कि माता-पिता और विशेष रूप से मां लड़कियों को सफल बनाने में मदद कर सकती हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय की सचिव लीना नायर ने कहा कि उनके मंत्रालय ने लोगों की मानसिकता में बदलाव लाते हुए प्रतिकूल लिंगानुपात को रोकने के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नामक एक बड़े कार्यक्रम की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि महिला और बाल विकास मंत्रालय लड़कियों के कुपोषण और लड़कियों तथा महिलाओं प्रति हिंसा से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।
मेनका गांधी ने बताया कि बच्चों के लिय राष्ट्रीय कार्य योजना के चार प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं-अस्तित्व, स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा और विकास, संरक्षण और भागीदारी। राष्ट्रीय कार्य योजना इन चार प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के तहत प्रगति मापने के लिए उद्देश्य, उपउद्देश्य, रणनीतियां, कार्यबिंदु और संकेतकों को परिभाषित करती है। योजना में ऑनलाइन बच्चों का शोषण, प्राकृतिक और मानव निर्मित प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित बच्चे और जलवायु परिवर्तन आदि जैसी नई और उभरती हुई चिंताओं पर ध्यान दिया गया है। योजना के रणनीति और कार्य बिंदुओं को मुख्य रूप से विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के मौजूदा कार्यक्रम और योजनाओं से लिया गया है। यह योजना बच्चों से संबंधित नए और उभरते मुद्दों के लिए नए कार्यक्रमों और नीतियों को तैयार करने का भी सुझाव देती हैं। बच्चों की राष्ट्रीय नीति 2013 महिला और बाल विकास मंत्रालय के अधीन एक राष्ट्रीय समन्वय और कार्य समूह के गठन का प्रावधान है, ताकि योजनाओं का समन्वय और कार्यांवयन तथा इसके सदस्यों के रूप में संबंधित मंत्रालयों के साथ प्रगति की निगरानी की जा सके।
कार्यक्रम में बालिकाओं के सशक्तिकरण के विषय पर दिल्ली के विभिन्न केंद्रीय विद्यालयों में आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना में प्रदर्शन के लिए कई जिलों को सम्मानित किया गया। समारोह में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के गीत और नाटक प्रभाग की पेशवर मंडलियों ने हिंदी, पंजाबी, राजस्थानी, मलयालम भाषाओं में क्षेत्रीय प्रस्तुतियां दीं।