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Wednesday 1 February 2017 03:35:11 AM
लखनऊ। भारतीय पुलिस सेवा 2015 बैच के 11 प्रशिक्षु अधिकारियों ने राज्यपाल राम नाईक से राजभवन में भेंट की। राज्यपाल ने इस मौके पर प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों से कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए वे संवेदनशील रवैया अपनाएं और कानून एवं व्यवस्था सुदृढ़ करते हुए यह जानकारी अवश्य करें कि समस्या और अपराध का कारण क्या है, फिर उसका समाधान करें। उन्होंने कहा कि वे अपराध के कारण पर रोक लगाने के लिए अपने स्तर से कार्य संस्कृति बनाएं। कानून एवं व्यवस्था का मुख्य कारण जमीन के झगडे़ हैं। आप इस पर कैसे नियंत्रण करते हैं, जमीनी हकीकत पर विवेक से काम लें। उन्होंने कहा कि दायित्व का निर्वहन कार्य की अपेक्षा के अनुसार करें, समाज में सुधार लाने के लिए बहुत कुछ व्यक्तित्व और व्यवहार पर निर्भर होता है।
राम नाईक का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, पुलिस अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को महसूस करते हुए समर्पित भाव से कार्य करें, नियम का पालन करते हुए सही निर्णय लें। उन्होंने प्रेरणा दी कि कार्यालय छोड़ने से पहले आने वाले कल की तैयारी करें, प्राथमिकता तय करने के लिये विषय को नोट करने की आदत डालें, अपने कार्य को समय पर निस्तारित करें और उसकी निरंतर समीक्षा करते रहें। उन्होंने कहा कि वे ऐसे समय पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जब प्रदेश में विधानसभा के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और उन्हें सीखने एवं चुनाव के अनुभव का अच्छा अवसर मिला हुआ है।
राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों से जब उनका परिचय प्राप्त किया तो इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि सभी अधिकारी उच्च शिक्षा में अलग-अलग विषयों में पारंगत हैं, विशेषकर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि वे अपने विषय ज्ञान का उपयोग व्यवहारिकता में लाएं, उस शिक्षा का लाभ स्वयं के साथ-साथ दूसरों को भी पहुंचाने की कोशिश करें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अधिकारी न्यायप्रियता और संवदेनशीलता से अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे। राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों को व्यक्तित्व विकास एवं सफलता के मंत्र बताए और कहा कि वे सदैव प्रसन्नचित रहें, दूसरों के अच्छे काम की प्रशंसा करें, किसी की अवमानना न करें तथा हर काम को बेहतर ढंग से करने का प्रयास करें।
प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों ने जिज्ञासावश राज्यपाल से भी प्रश्न किए, जिनका उन्होंने उत्तर दिया। एक सवाल के जवाब में राज्यपाल ने उन्हें बताया कि बीकाम के पश्चात उन्होंने महालेखाकार कार्यालय में नौकरी की और राजनीति सेवा का पर्याय है, इसलिए नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गए, जबकि राजनीति को जीवन यात्रा बनाने का उनका कोई इरादा नहीं था। उन्होंने राज्यपाल बनने तक का सफर प्रशिक्षु अधिकारियों से साझा किया और उन्हें अपनी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ भेंट की। राज्यपाल से भेंटवार्ता का कार्यक्रम उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस अकादमी मुरादाबाद ने आयोजित किया था। प्रशिक्षु पुलिस अधिकारी नेशनल एकेडमी आफ पुलिस हैदराबाद से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद राज्य पुलिस अकादमी मुरादाबाद में भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण सुलखान सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण बी मौर्य और राजभवन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण सुलखान सिंह ने राज्यपाल को धन्यवाद ज्ञापित किया।