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Thursday 9 February 2017 03:40:30 AM
लखनऊ। राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन कोलकाता के महानिदेशक डॉ अरुण कुमार चक्रवर्ती ने कहा है कि वक्त के साथ पुस्तकालयों को बदलना होगा, यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, अब पुस्तकालय केवल पढ़ने के केंद्र नहीं रह गए हैं, बल्कि वहां विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से जरूरी जानकारियां हर उम्र के लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं। डॉ अरुण कुमार चक्रवर्ती माध्यमिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश और राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन की ओर से ताज होटल में आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। डॉ अरुण कुमार चक्रवर्ती ने कहा कि उनकी योजनाएं दीर्घकालिक नहीं होतीं, बल्कि क्षेत्र और समय की मांग के अनुरूप बदलती रहती हैं, क्योंकि यह इंटरनेट युग है, जो फुटफॉल का नहीं, बल्कि फिंगरफॉल का है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने भी संगोष्ठी को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज लोगों के पास समय की कमी है, ऐसे में जरूरतमंद तक ज्ञान पहुंचाना बड़ा लक्ष्य है, ऐसे में ई-लाइब्रेरी के माध्यम से इसके प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है। राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन कोलकाता के उपनिदेशक सोमेन सरकार ने कहा कि समय आ गया है, जब पुस्तकालयों को महज रीडिंग सेंटर के बजाए मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि देश के दूर दराज़ के इलाकों में संचालित मोबाइल लाइब्रेरी को भी वक्त के साथ बदलने की जरूरत है। उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमरनाथ वर्मा ने बताया कि वह प्रदेश के 21 करोड़ लोगों तक विभिन्न जानकारियों को ले जाने का कार्य कर रहे हैं, इस दिशा में आधुनिक पुस्तकालय अहम भूमिका अदा करेंगे।
राज्य पुस्तकालय सहयोग यूनिट के राज्य सलाहकार जतिन श्रीवास्तव ने मार्डन पुस्तकालय के मल्टी एक्टिविटी सेंटर के स्वरूप की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वह हब एंड स्पोक योजना पर कार्य रहे हैं, इसमें पायलेट प्राजेक्ट के रूप में लखनऊ की अमीरुद्दौला लाइब्रेरी को हब के रूप में विकसित किया जाएगा, इससे अन्य पुस्तकालयों को भी जोड़ा जाएगा, जिसके माध्यम से हब से काउसंलिंग, ट्रेनिंग आदि की जानकारियां इंटरनेट के माध्यम से प्रसारित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि ऐसे हब के रूप में उन्नाव का राजकीय जिला पुस्तकालय, इलाहाबाद की सेंट्रल लाइब्रेरी, रायबरेली राजकीय जिला पुस्तकालय और इटावा राजकीय जिला पुस्तकालय का चयन किया गया है। जतिन श्रीवास्तव ने कहा कि उनका मकसद है कि पुस्तकालय से केवल युवा ही नहीं, बल्कि हर उम्र के लोग जुड़ें, इसलिए वहां समय-समय पर विभिन्न गतिविधियां भी करवाई जाएंगी, जिसके लिए आईटी विशेषज्ञों से प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा।
सलाहकार जतिन श्रीवास्तव ने बताया कि योजना को वृहद रूप से संचालित करने के लिए राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन, माध्यमिक शिक्षा विभाग, केंद्रीय सूचना विभाग को भी जोड़ा जाएगा, आगामी पांच साल में 75 राजकीय जिला पुस्तकालय, एक केंद्रीय राज्य पुस्तकालय, एक अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी के साथ 200 राजकीय जिला पुस्तकालय और 430 स्वैच्छिक संगठनों के संचालित पुस्तकालयों को मार्डन लर्निंग हब के रूप में विकसित करने की है। राज्य सलाहकार राज्य पुस्तकालय सहायोग युनिट आईटी दीपक सिंह ने सार्वजनिक पुस्तकालय सबका विद्यालय के बारे में बताया कि ई-लाइब्रेरी योजना के तहत विश्व ई-बुक लाइब्रेरी से अनुबंध हो चुका है। इसके अंतर्गत डेढ़ लाख से अधिक पुस्तकों की उपलब्धता करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि मार्डन पुस्तकालय में कैफे की सुविधा मिलेगी, ऐसे पुस्तकालय करियर काउसिलिंग सेंटर के रूप में भी कार्य करेंगे, पुस्तकालयों में टच स्क्रीन, टैबलेट और लैबटॉप की सुविधा भी मिलेगी। पुस्तकालय बंधु के माध्यम से हर जिले को इस योजना से जोड़ा जाएगा।
विशेष कार्याधिकारी पुस्तकालय प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश शासन डॉ मृदुला पंडित ने इस पूरी योजना को विस्तार से बताया। माध्यमिक शिक्षा निदेशक उत्तराखंड आरके कुंवर ने कहा कि जल्द ही राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन कोलकाता की मदद से केंद्रीय राज्य पुस्तकालय का गठन किया जाएगा। इस मौके पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन नबी हसन, आईआईएम लखनऊ के लाइब्रेरियन एमयू रजा, वैज्ञानिक अरविंद मिश्रा, अवकाश प्राप्त आईएएस अधिकारी डीपी सिन्हा ने भी अपने विचार रखे। राज्य पुस्तकालय सहयोग यूनिट की समन्वयक विनि एलेक्जेंडर और रामेंद्र द्विवेदी ने पीपीटी के माध्यम से योजनाएं समझाईं।