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Monday 27 February 2017 05:18:00 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने नई दिल्ली में केंद्रीय वक्फ परिषद की 75वीं बैठक में कहा है कि कुछ लोग निहित स्वार्थ के लिए वक्फ संपत्तियों के विकास और समाज के हितों के रास्ते में अवरोध उत्पन्न कर रहे हैं, कुछ वक्फ बोर्डों में गंभीर गड़बड़ियों के मामले भी सामने आए हैं, जिनकी उच्चस्तरीय जांच चल रही है, जांच पूरी होने पर इन मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के कार्यों में वक्फ संपत्तियों का मुस्लिम समुदाय के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए इस्तेमाल किया जाना मुख्य रूपसे शामिल है। उन्होंने कहा कि कई राज्य सरकारें एवं वक्फ बोर्ड इस मामले में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। मुख्तार अब्बास नकवी की समीक्षा बैठकों से लगता है कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय वक्फ शिकायतों पर बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है।
राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि केंद्र सरकार का प्रयास है कि सभी वक्फ बोर्ड एवं वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड डिजिटल हो जाएं, अल्पसंख्यक मंत्रालय इस संदर्भ में राज्य वक्फ बोर्डों को हर संभव मदद दे रहा है। उन्होंने कहा कि कंप्यूटराइज़ेशन से वक्फ बोर्ड एवं वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड पारदर्शी हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों की शिकायतों और विवादों के निपटारे हेतु केंद्र स्तर पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक सदस्यीय 'बोर्ड ऑफ़ एडजूडिकेशन' का गठन किया गया है, इसी तरह राज्यों में 3 सदस्यीय न्यायाधिकरण की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि लगभग 24 राज्यों में इनका गठन किया जा चुका है और बाकी राज्यों से कहा गया है कि वे भी इसका गठन शीघ्र करें। उन्होंने बताया कि पंजीकृत और गैर पंजीकृत वक्फ संपत्तियों की संख्या लगभग 4,49,314 है, रिकॉर्डों के कंप्यूटराईजेशन के बाद यह संख्या और बढ़ सकती है।
अल्पसंख्यक राज्यमंत्री ने कहा कि इसकी भी जानकारी मिली है कि कंप्यूटराईज़ेशन की प्रक्रिया के दौरान कुछ वक्फ बोर्ड संपत्तियों को दर्ज नहीं कर रहे हैं, ऐसी शिकायतों पर कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि बजट 2017-18 में वक्फ संपत्तियों के कंप्यूटराईज़ेशन के लिए 3 करोड़ 30 लाख, राज्यवक्फ बोर्डों के विकास के लिए 9 करोड़ 70 लाख के अलावा वक्फ को ग्रांट-इन-एड के रूप में 3 करोड़ 18 लाख रूपए की राशि आवंटित की गई है। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक मंत्रालय अल्पसंख्यकों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सशक्तिकरण के संकल्प के साथ एक मिशन के रूप में काम कर रहा है, इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ते हुए केंद्र सरकार ने इस बार अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में बड़ी वृद्धि की है, वर्ष 2017-18 के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट बढ़ाकर 4195.48 करोड़ रूपए कर दिया गया है। यह पिछले बजट के 3827.25 करोड़ रूपए के मुकाबले 368.23 करोड़ रूपए (9.6 प्रतिशत की वृद्धि) अधिक है।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि बजट में बढ़ोतरी से अल्पसंख्यकों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सशक्तिकरण में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के प्रयासों में प्रोग्रेस पंचायत, हुनर हाट, गुरुकुल जैसे आवासीय स्कूलों की स्थापना, गरीब नवाज़ स्किल डेवलपमेंट सेंटर शुरू करना, छात्राओं के लिए बेगम हजरत महल स्कालरशिप, अल्पसंख्यकों के लिए 5 विश्वस्तरीय शिक्षा संस्थान स्थापित करना एवं 500 से ज्यादा उच्च शैक्षिक मानकों से भरपूर आवासीय विद्यालय एवं रोजगार परक कौशल विकास केंद्र शामिल हैं। अल्पसंख्यक विकास मंत्रालय वक्फ संपत्तियों में भ्रष्टाचार के खिलाफ, केंद्रीय योजनाओं का गरीब अल्पसंख्यकों तक पूरा लाभ नहीं पहुंचने की गंभीर शिकायतों और देशभर की वक्फ संपत्तियों के खुर्द-बुर्द होने से रोकने के लिए समुचित कदम उठा रहा है और इन सब मामलों पर विधानसभा चुनाव के बाद बड़ी कार्रवाई हो सकती है।