स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 28 February 2017 04:40:43 AM
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साई ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया है। नंदकुमार साई ने इस अवसर पर कहा कि वह देश के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करने की भरसक कोशिश करेंगे। नंदकुमार साई संसद सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में रहने वाले ज्यादातर आदिवासी उन्हें संविधान में प्रदत्त अधिकारों से अब भी अनभिज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि वह इस बात पर गौर करेंगे कि देश में अनुसूचित जनजातियों के लोगों के समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए एनसीएसटी एक महत्वपूर्ण साधन में तब्दील हो जाए।
नंदकुमार साई के एनसीएसटी कार्यालय में आगमन पर एनसीएसटी की उपाध्यक्ष अनुसुइया यूइके, सांसद बारी कृष्ण दामोर एवं हर्षदभाई चुनीलाल वसावा और आयोग के सचिव राघव चंद्र ने अगवानी की। छत्तीसगढ़ के जसपुर जिले के भगोरा गांव में 1 जनवरी 1946 को जन्मे नंदकुमार साई ने जसपुर के एनईएस कॉलेज में पढ़े और रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। नंदकुमार साई वर्ष 1977, 1985 और वर्ष 1998 में मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। वह वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए और इस विधानसभा के पहले नेता प्रतिपक्ष हुए।
नंदकुमार साई वर्ष 1989, 1996 और वर्ष 2004 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। वह वर्ष 2009 और 2010 में राज्यसभा में भी रहे। वे कोयले एवं इस्पात पर गठित स्थायी संसदीय समिति के सदस्य, शहरी विकास मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। नंदकुमार साई आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा के प्रसार में काफी सक्रिय रहे हैं। मद्य निषेध के प्रबल समर्थक नंदकुमार साई आदिवासियों के शोषण एवं उन पर अत्याचार के विरोध स्वरूप शुरू किए गए विभिन्न आंदोलनों की कमान संभालते रहे हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष पद भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री के समतुल्य और कानूनी अधिकार प्राप्त है।