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Tuesday 28 February 2017 05:42:37 AM
नई दिल्ली। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेल यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए जिम्मेदार एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग की आवश्यकता पर और अधिक जोर दिया है। असामाजिक तत्वों ने हाल ही में रेल पटरियों को काटने और पटरियों पर विभिन्न प्रकार से बाधा उत्पन्न करने का प्रयास किया था, इसे ध्यान में रखते हुए रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने रेल भवन नई दिल्ली में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों एवं आयुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की, जिसमें गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहिर, रेलवे बोर्ड के कार्मिक सदस्य प्रदीप कुमार, सदस्य यातायात मोहम्मद जमशेद, रेलवे बोर्ड के सदस्य, रेलवे बोर्ड, गृह मंत्रालय, रेलवे पुलिस बल और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेल पटरियों में तोड़फोड़ को रोकने के लिए सजगता से काम करने वाले सुरक्षाकर्मियों को पुरस्कृत करने की बात कही। उन्होंने गोपनीय सूचनाओं के आदान-प्रदान और रेल विभाग की अपनी एक फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने सक्रिय सहयोग के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों और आयुक्तों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहिर ने रेलवे में हाल में हुईं आपराधिक वारदातों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने राज्य पुलिस बलों को आगाह किया कि वे अपराधियों और राष्ट्र विराधी तत्वों से चौकस रहें, उनसे सख्ती से निपटे एवं रेलवे प्रबंधन का पूरा सहयोग करें। रेलवे बोर्ड के कार्मिक सदस्य प्रदीप कुमार ने राज्य पुलिस और जीआरपी को रेलवे की चिंताओं से अवगत कराया।
रेलवे पुलिस बल के महानिदेशक एसके भगत ने वर्ष 2015 और 2016 में तोड़फोड़ की प्रमुख घटनाओं का हवाला देते हुए इस बात पर चिंता व्यक्त की कि मौजूदा वर्ष में इस तरह की घटनाओं में तेजी आई है। उन्होंने उल्लेख किया कि तीन मामले जांच के लिए एनआईए को सौंपे गए हैं और एक मामला सीबीआई को दिया गया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी भागीदारों ने रेलवे के सहयोग की आकांक्षा व्यक्त की और रेलवे में सुरक्षा में सुधार करने के लिए सुझाव दिए। बैठक में असामाजिक तत्वों से निपटने की रणनीति पर गंभीर चर्चा हुई। रेलमंत्री के इस विचार को स्वीकार किया गया कि रेल पटरियों की संरक्षा और सुरक्षा में रेलवे के जो लोग लगे हैं, उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार योजना चलाई जाए।