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Wednesday 1 March 2017 06:04:29 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने अल्पसंख्यकों एवं समाज के कमज़ोर वर्गों के लड़कों लड़कियों की शिक्षा और उन्हें रोज़गार के अवसर प्रदान करने के लिए बड़ा फैसला किया है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा है कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों और समाज के सभी कमज़ोर तबकों को सस्ती, सुलभ और गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के युद्धस्तरीय अभियान पर है। मुख्तार अब्बास नक़वी नई दिल्ली में 'माइनॉरिटी कम्युनिटी टीचर्स एसोसिएशन' के नेशनल सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय अल्पसंख्यकों को बेहतर पारंपरिक एवं आधुनिक शिक्षा मुहैय्या कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के 5 शिक्षण संस्थानों की स्थापना करेगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी, मेडिकल, आयुर्वेद, यूनानी सहित विश्वस्तरीय कौशल विकास की शिक्षा देने वाले संस्थान देशभर में स्थापित किए जाएंगे।
मुख्तार अब्बास नकवी ने जानकारी दी कि एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जो शिक्षण संस्थानों की रूपरेखा, स्थानों आदि के बारे में चर्चा कर रही है और जल्द ही वह अपनी विस्तृत रिपोर्ट अल्पसंख्यक मंत्रालय को देगी। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि यह शिक्षण संस्थान 2018 से काम करना शुरू कर दें, इन शिक्षण संस्थानों में लड़कियों के लिए 40 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का भी प्रस्ताव है। राज्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय का पूरा जोर इस बात पर है कि अल्पसंख्यकों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न कौशल ट्रेनिंग भी दी जाए, जिससे कि छात्र रोज़गार के योग्य हो सकें। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को बेहतर शिक्षा दिलाने और बेहतर रोज़गारपरक ट्रेनिंग देने के लिए मंत्रालय विभिन्न योजनाएं चला रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस बार अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में बड़ी वृद्धि की है, 2017-18 के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट बढ़ाकर 4195.48 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जो पिछले बजट के 3827.25 करोड़ रुपए के मुकाबले 368.23 करोड़ रुपए यानी 9.6 प्रतिशत अधिक है।
केंद्रीय राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि बजट में बढ़ोतरी से अल्पसंख्यकों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सशक्तिकरण में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस बार बजट का 70 प्रतिशत से ज्यादा धन अल्पसंख्यकों के शैक्षिक सशक्तिकरण एवं कौशल विकास, रोज़गारपरक ट्रेनिंग पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट का बड़ा भाग विभिन्न स्कॉलरशिप, फ़ेलोशिप और कौशल विकास की योजनाओं जैसे सीखो और कमाओ, नई मंजिल, नई रौशनी, उस्ताद, ग़रीब नवाज़ कौशल विकास केंद्र, बेगम हजरत महल स्कॉलरशिप पर खर्च किए जाने का प्रावधान है, इसके अलावा बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम के तहत भी शैक्षिक विकास की गतिविधियों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर धन खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरिट-कम-मींस स्कॉलरशिप पर 393.5 करोड़ रुपए, प्री-मेट्रिक स्कॉलरशिप पर 950 करोड़ रुपए, पोस्ट-मेट्रिक स्कॉलरशिप पर 550 करोड़ रुपए, सीखो और कमाओ पर पिछले साल के मुकाबले 40 करोड़ रुपए की वृद्धि के साथ 250 करोड़ रुपए, नई मंज़िल पर 56 करोड़ रुपए की वृद्धि के साथ 176 करोड़ रुपए, मौलाना आज़ाद फ़ेलोशिप स्कीम पर 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का प्रावधान है।
अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री ने कहा कि मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन के लिए 113 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि 2017-18 में 35 लाख से ज्यादा छात्रों को विभिन्न स्कॉलरशिप दी जाएंगी, इसके अलावा 2 लाख से अधिक युवाओं को रोज़गारपरक ट्रेनिंग दी जाएगी। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि 16 से ज्यादा गुरुकुल प्रकार के आवासीय स्कूलों को भी स्वीकृति दी गई है, साथ ही जो मदरसे मुख्यधारा की शिक्षा दे रहे हैं, उन्हें भी मदद दी जा रही है। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यकों के शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे केंद्र सरकार के प्रयासों में गरीब नवाज़ स्किल डेवलपमेंट सेंटर शुरू करना, छात्राओं के लिए बेगम हजरत महल स्कॉलरशिप करना एवं 500 से ज्यादा उच्च शैक्षिक मानकों से भरपूर आवासीय विद्यालय एवं रोज़गारपरक कौशल विकास केंद्र शामिल हैं।