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Thursday 2 March 2017 05:33:31 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक ने उच्च शिक्षा को अधिक पारदर्शी एवं एकरूप बनाने के लिए प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में डिजिटाइजेशन और कम्प्यूटराइजेशन प्रक्रिया के अधिक से अधिक प्रयोग पर जोर दिया है। राज्यपाल ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झाँसी के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दूबे तथा आईटी राजभवन लखनऊ के विशेष कार्याधिकारी सुदीप बनर्जी को नामित किया गया है।
विशेष कार्याधिकारी शिक्षा राजवीर सिंह राठौर एवं विशेष कार्याधिकारी आईटी राजभवन सुदीप बनर्जी ने संबंध में 21 फरवरी 2017 को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ एवं 27 फरवरी 2017 को लखनऊ विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया। राज्यपाल ने शीघ्र ही अन्य विश्वविद्यालयों के निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए हैं। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ के निरीक्षणोपरांत सदस्यों ने राज्यपाल को दी अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि संबद्ध महाविद्यालयों से उत्तर पुस्तिकाओं को प्राप्त करने हेतु अपनाई जा रही वर्तमान प्रक्रिया के स्थान पर यह प्रावधान किया जाए कि संबद्ध महाविद्यालय के स्तर पर ही विषयवार कोडिंग करके एक लिफाफे में तथा उपस्थिति शीट को संलग्न करते हुए दोनों को दूसरे लिफाफे में विश्वविद्यालय को प्रेषित किया जाए, ताकि सॉर्टिंग में होने वाली गलतियों एवं इसमें लगने वाले समय की भी बचत हो।
सदस्यों के सुझाव हैं कि प्रवेश, परीक्षा एवं मूल्यांकन प्रक्रिया पर पुरानी एवं नई प्रणाली पर आने वाले व्ययभार का तुलनात्मक विवरण भी उपलब्ध कराया जाए। महाविद्यालयों की रैंकिंग के संदर्भ में मानकों का समावेश ऑनलाइन प्रणाली में हो, जिससे छात्र को काउंसिलिंग के समय ही महाविद्यालयों के तुलनात्मक विश्लेषण के पश्चात चयन में आसानी हो। मास्टर डेटा को सर्वर में पूर्ण करने के पश्चात ही उत्तर पुस्तिकाओं को कटिंग एवं प्रोसेसिंग के लिए भेजा जाए। सदस्यों ने लखनऊ विश्वविद्यालय के निरीक्षण से संबंधित रिपोर्ट में सुझाव दिए हैं कि वर्तमान सत्र में जिन शिक्षकों ने विषय विशेष के प्रश्न पत्र निर्धारित किए हैं, मात्र उन्हीं से परीक्षा पुस्तिकाओं का मूल्यांकन न कराया जाए। उन्होंने कहा कि परीक्षा प्रश्न पत्र की प्रोसेसिंग व्यवस्था को तत्काल सुदृढ़ किया जाए। परीक्षा साफ्टवेयर में इंगित की गई खामियों को दूर करवाना तथा थर्ड पार्टी वेंडर द्वारा छात्रों के संवेदनशील डेटा का संरक्षण तथा प्रोसेसिंग को विश्वविद्यालय में ही करवाया जाए।
सुझावों के अनुसार प्रवेश, परीक्षा एवं मूल्यांकन प्रक्रिया पर पुरानी एवं नई प्रणाली पर आने वाले व्ययभार का तुलनात्मक विवरण उपलब्ध कराया जाए। वर्तमान सत्र में मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों की सूची उपलब्ध कराई जाए। आगामी शैक्षिक सत्र 2017-18 की संपूर्ण प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन सुनिश्चित की जाए तथा इसे आधार से लिंक किया जाए। आगामी सत्र 2017-18 से यह सुनिश्चित किया जाए कि पाठ्यक्रम निर्धारण से लेकर मूल्यांकन उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के दृष्टिगत अधिकाधिक शिक्षकों का उपयोग किया जाए तथा आत्मनिर्भर होने की दिशा में अपना तकनीकी तंत्र विकसित करे। इस संबंध में यदि आवश्यक हो तो तकनीकी परामर्श डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ से प्राप्त किए जा सकते हैं।