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Sunday 5 March 2017 11:14:13 PM
नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के अनुसार पिछले पांच वर्ष के दौरान पहचान की चोरी और उससे वित्तीय हानि की किसी भी घटना में आधार बायोमेट्रिक के दुरुपयोग की जानकारी नहीं मिली है, जबकि इस दौरान आधार आधारित कोई 400 करोड़ लेन-देन का प्रमाणीकरण किया गया है। यूआईडीएआई ने संग्रह प्वांइट पर बायोमेट्रिक और डाटा संग्रह करने वाले उपकरणों का पंजीकरण करने का निर्णय लिया है। इससे आधार इको सिस्टम की सुरक्षा संबंधी गुण और मजबूत होगा। सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया में पिछले कुछ दिनों से आधार डाटा के उल्लंघन, बायोमेट्रिक के दुरुपयोग, निजता का उल्लंघन आदि की गलत सूचनाएं और समाचार प्रकाशित किए जाने के संबंध में व्यापक स्पष्टीकरण जारी किया है।
यूआईडीएआई ने कहा है कि इन सूचनाओं को सावधानीपूर्वक देखा गया और बल पूर्वक कहा जा सकता है कि यूआईडीएआई डाटा बेस का किसी भी प्रकार से कोई उल्लंघन नहीं हुआ है और यूआईडीएआई के पास जमा व्यक्तिगत डाटा पूरी तरह सुरक्षित है। यूआईडीएआई के एक बयान में कहा गया है कि किसी भी दूसरी समकक्ष प्रणाली की तुलना में आधार आधारित प्रमाणीकरण सुदृढ़ और सुरक्षित है। आधार प्रणाली किसी भी तरह के बायोमेट्रिक के दुरुपयोग की घटना की जांच और चोरी की पहचान कर कार्रवाई करने में सक्षम है। बयान के अनुसार यूआईडीएआई, डाटा के पारेषण, भंडारण में दुनिया की सबसे उन्नत एंक्रिप्शन प्रौद्योगिकी का प्रयोग करती है, इसी का परिणाम है कि पिछले सात साल के दौरान यूआईडीएआई से किसी भी तरह का उल्लंघन या निवासियों के डाटा बाहर जाने की कोई घटना नहीं घटी है। बयान में यह भी बताया गया है कि साइबर स्पेस में खतरे को देखते हुए यूआईडीएआई अपनी सुरक्षा मापदंडों को लगातार अद्यतन करती है। यह अपनी सुरक्षा का परीक्षण करती है और सुरक्षा विशेषताओं को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाती है।
बायोमेट्रिक के दुरुपयोग की समाचापत्रों में छपी खबर के संदर्भ में यूआईडीएआई ने कहा है कि यह इस तरह की इकलौती घटना है और इसमें बैंक बिजनेस करपोंडेंट के रूप में काम कर रहे कर्मचारी ने अपने ही बायोमेट्रिक का दुरुपयोग करने का प्रयास किया था, जिसे यूआईडीएआई की सुरक्षा प्रणाली ने पकड़ लिया और साथ ही इस संबंध में आधार अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई भी शुरू की गई है। इको सिस्टम पार्टनर के ऑन बोर्डिंग के बारे में मीडिया में छपी रिपोर्ट का जवाब देते हुए यूआईडीएआई ने कहा है कि आधार अधिनियम के अंतर्गत सख्त नियमों के अनुसार जो कंपनी आधार की सूचनाओं का प्रयोग करना चाहती है, उसपर डाटा साझेदारी प्रतिबंध सहित ऑन बोर्डिंग के सख्त नियम लागू होते हैं।