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Thursday 9 March 2017 04:35:07 AM
नई दिल्ली/ भोपाल/ लखनऊ। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इस 7 एवं 8 मार्च को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर रेल के सामान्य कोच में विस्फोट और लखनऊ में हाजी कालोनी में संदिग्ध आतंकवादी मोहम्मद सैफुल्लाह के एटीएस के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के अत्यंत गंभीर घटनाक्रम पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में वक्तव्य दिया, जिसमें उन्होंने दोनों घटनाओं का विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा है कि इस संपूर्ण घटनाक्रम की आगे की कार्रवाई केंद्रीय एजेंसियों को सौंप दी गई है और ट्रेन में विस्फोट में शामिल बाकी अभियुक्तों के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है। उन्होंने कहा कि घटनाक्रम पर कार्रवाई राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल का उदाहरण है, दोनों राज्यों की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई के चलते देश की सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में मौजूदा खतरे को टालने में सफलता प्राप्त की है। प्रकरण की जांच एनआईए को सौंपी जा रही है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें प्राप्त जानकारी के अनुसार लोकसभा में बताया कि 7 मार्च को सुबह 9 बजकर 41 मिनट पर मध्य प्रदेश के जिला शाजापुर में जबड़ी रेलवे स्टेशन के नजदीक गाड़ी नंबर 59320, भोपाल-उज्जैन पैसेंजर के सामान्य कोच में एक विस्फोट हुआ, जिसमें 10 रेलयात्री घायल हो गए और रेलवे की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा। घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। फिलहाल सभी घायलों की स्थिति खतरे से बाहर है। घटना के संबंध में थाना जीआरपी उज्जैन में रेल गार्ड से प्राप्त जानकारी के आधार पर मामले की जांच के लिए अज्ञात आरोपियों के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3/4 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है, जिसकी संख्या 47/17 है। गृहमंत्री ने बताया कि सूचना प्राप्त होते ही मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक तथा वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे तथा घटना की जांच के संबंध में प्राथमिक स्तर पर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी। घटनास्थल पर प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपियों ने विस्फोट को अंजाम देने के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध विस्फोटक पदार्थों से तैयार आईईडी का उपयोग किया था।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस ने घटना की जांच के संबंध में केंद्रीय एजेंसियों के साथ पर्याप्त तालमेल स्थापित किया, जिसके बाद प्राप्त सूचना के आधार पर मध्य प्रदेश पुलिस ने होशंगाबाद जिले के पिपरिया नामक स्थान पर वाहन जांच के दौरान 3 संदिग्धों को हिरासत में लिया। संदिग्धों से पूछताछ के दौरान रेल विस्फोट की घटना में इनका हाथ होने की आशंका के आधार पर इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। संदिग्धों से हुई पूछताछ और अन्य उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ, इटावा, कानपुर और औरैया में विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार संदिग्धों से लखनऊ में काकोरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत हाजी कॉलोनी में एक मकान में कानपुर निवासी मोहम्मद सैफुल्लाह उर्फ अली के किराये पर रहने की सूचना प्राप्त हुई। एटीएस उत्तर प्रदेश ने इस सूचना पर हाजी कॉलोनी लखनऊ में इस मकान की घेराबंदी की और उसमें छिपे खतरनाक हथियारबंद संदिग्ध सैफुल्लाह को गिरफ्तार करने के प्रयास किए गए, मगर उसने आत्मसमर्पण करने से इंकार कर दिया और एटीएस पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि अंततः लगभग 12 घंटे के प्रयास के बाद एटीएस की टीम ने सैफुल्लाह के कमरे में प्रवेश किया और आमने-सामने हुई मुठभेड़ में इस संदिग्ध आतंकवादी को मार गिराया गया। मारे गए सैफुल्लाह के कमरे से 8 पिस्टल, 630 जिंदा कारतूस, डेढ़ लाख रूपए नकद, लगभग 45 ग्राम सोना, 3 मोबाइल फोन, 4 सिमकार्ड, 2 वायरलेस सेट और कुछ विदेशी मुद्रा बरामद की गई है। घटना के संबंध में एटीएस पुलिस लखनऊ के थाने पर अपराध संख्या 2/2017, धारा 307/121ए/122/123/124ए आईपीसी, 3/4/25/27 आर्म्स एक्ट और 16/18/23 यूएपीए के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। एटीएस की कानपुर इकाई ने जाजमऊ थाना क्षेत्र से भी एक अन्य संदिग्ध को गिरफ्तार किया है, जिसके विरूद्ध अपराध संख्या 3/2017 धारा 121/121।/123/124ए आईपीसी और यूएपीए की धारा 16/18/23/38के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। इनके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी इटावा और औरैया से दो अन्य संदिग्धों को उपरोक्त संदिग्ध आतंकवादियों को हथियार उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस घटनाक्रम से जुड़े मामले में अब तक कुल 6 गिरफ्तारियां हुई हैं।