स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 10 March 2017 02:09:41 AM
नई दिल्ली। रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु की उपस्थिति में रेल मंत्रालय ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में संयुक्त सहयोग को औपचारिक रूप प्रदान करने के लिए कल रेलभवन में संयुक्तराष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के साथ एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर रेल राज्यमंत्री राजेन गोहेन, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल, रेलवे बोर्ड में सदस्य रोलिंग स्टॉक रविंद्र गुप्ता, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी, केन्या के नैरोबी स्थित मुख्यालय से आए संयुक्तराष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक एवं अवर महासचिव संयुक्तराष्ट्र एरिक सोलहीम भी उपस्थित थे।
भारतीय रेलवे और यूएनईपी के प्रतिनिधियों ने पर्यावरण एवं स्थायित्व के क्षेत्र में संयुक्त रूपसे सहयोग की व्यवस्था के अवसर तलाशने तथा इसके विकास से जुड़े आशय पत्रों पर हस्ताक्षर किए और उनका आदान-प्रदान किया। संयुक्त पहल के लिए चिन्हित फोकस वाले क्षेत्रों में रेलवे के प्रतिष्ठानों में पानी की खपत में 20 फीसदी की कमी को प्राप्त करने के लिए विशिष्ट रोडमैप तैयार करने हेतु सहयोग करना, भारतीय रेलवे के प्रमुख स्टेशनों पर अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र स्थापित करने के लिए एक मसौदा कार्ययोजना विकसित करने में सहयोग करना, हरित प्रौद्योगिकी हेतु टिकाऊ सार्वजनिक खरीद पर भारतीय रेलवे के लिए एक मसौदा कार्ययोजना विकसित करने में सहयोग करना शामिल है।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय रेलवे इस साझेदारी का स्वागत करती है, रेलवे में इस बात को प्राथमिकता दी जा रही है कि कार्बन के उत्सर्जन में कमी की जाए, जिससे सभी लोगों को फायदा होगा, इस साझेदारी के बाद यूएनईपी के सहयोग से पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करने हेतु व्यापक अवसर हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे कई हरित कदम पहले से उठा रही है और वह 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने जा रही है, इस संयुक्त सहयोग से भारतीय रेलवे को अपने हरित उद्देश्यों की पूर्ति में मदद मिलेगी। संयुक्तराष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक एरिक सोलहीम ने कहा कि भारतीय रेलवे एक प्रतिष्ठित संगठन है, जो पर्यावरण अनुकूल परिवहन उपलब्ध कराती है।
एरिक सोलहीम ने कहा कि इस साझेदारी के तहत विशेष ध्यान वाले ये तीन प्रमुख क्षेत्र हैं-अपशिष्ट प्रबंधन, जो समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हैं, जल की खपत में कमी, जो पर्यावरण से जुड़े मसलों के केंद्र में हैं और सतत सार्वजनिक खरीद। भारतीय रेलवे एक प्रमुख खरीद एजेंसी है, इसके तहत और ज्यादा हरित माहौल सुनिश्चित करने की दिशा में आगे बढ़ने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रेलमंत्री के सुधारवादी नेतृत्व में भारतीय रेलवे अवश्य ही और ज्यादा हरित एवं बेहतर परिवहन प्रणाली सुनिश्चित करने की दिशा में आगे बढ़ेगी। गौरतलब है कि भारतीय रेल एक ऐसा नेटवर्क है, जिसका पर्यावरण संरक्षण में बड़ा योगदान माना जाता है। भारत में यह एक ऐसा परिवहन है, जिसने खतरनाक धुएं पर काफी हद तक काबू पा लिया है।