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Tuesday 21 March 2017 12:56:08 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अधिकारी भारतीय जनता पार्टी के लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 पढ़ें और उसमें किए गए वादों पर पूर्णतः अमल करें। उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र पर विश्वास करके उत्तर प्रदेश की जनता ने इतने बड़े बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनाने का काम किया है, इसलिए संकल्प पत्र के सभी बिंदुओं को पूरी गंभीरता एवं संवेदनशीलता के साथ लागू किया जाए। उन्होंने नई कार्य संस्कृति विकसित करने के लिए अधिकारियों से 15 दिन में निर्धारित प्रारूप पर अपनी संपत्तियों का विवरण उपलब्ध कराने, अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने एवं जनसामान्य को सम्मानपूर्ण जीवन जीने के लिए उपयुक्त माहौल बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकभवन में सरकार के सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों की पहली बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों का आह्वान किया कि वे जनता को संवेदनशील, जवाबदेह, ऊर्जावान एवं प्रगतिशील व्यवस्था देने के लिए संकल्पित हों।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति स्पष्ट करते हुए निर्देश दिए कि संवेदनशील, ईमानदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तैनाती दी जाए, पक्षपात रहित काम हो, प्रत्येक विभाग का सिटीजन चार्टर तैयार किया जाए, ताकि आम आदमी को राज्य सरकार की सेवाएं निर्धारित समय एवं व्यवस्था के अनुरूप मिल सकें। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था का जिक्र करते हुए अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने साफ-साफ कहा कि थानों एवं तहसीलों जैसी प्रशासनिक इकाइयों को राजनैतिक दबावों से मुक्त रखा जाए, प्रदेश की लगभग 90 फीसदी जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति थानों एवं तहसीलों के माध्यम से ही होती है, इसलिए इनपर विशेष निगाह रखी जाए। कृषि क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं और आवश्यकताओं पर उन्होंने कहा कि किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान समय से किया जाए, अनाजों के उत्पादन के सुरक्षित भंडारण की सही एवं पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, इसके साथ ही कृषि आधारित उद्योग-धंधों को बढ़ावा देने पर गंभीरता से काम किया जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बेहतर औद्योगिक वातावरण बनाने तथा नौजवानों को रोज़गार उपलब्ध कराने के लिए जरूरी निर्णय लेने का निर्देश देते हुए कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की जाए, इसके साथ ही केंद्र सरकार की संचालित स्टार्टअप एवं कौशल विकास योजनाओं को भी प्रभावी रूपसे लागू किया जाए, जिससे प्रदेश में निवेश का वातावरण बन सके। योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री के स्वच्छता मिशन का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश इस मामले में अन्य प्रदेशों की अपेक्षा काफी पीछे है, राज्य के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता का अभाव है। उन्होंने कहा कि सफाईकर्मियों की उपलब्धता के बावजूद स्वच्छता में लापरवाही बरती जा रही है, जिससे कई प्रकार की बीमारियां भी फैल रही हैं। इस दिशा में तत्काल कार्य करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि दिसंबर 2017 तक प्रदेश के 30 जनपदों में स्वच्छता मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जाए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को स्वच्छता की शपथ दिलाते हुए भरोसा जताया कि उनके स्तर से शपथ के अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश का बजट तैयार करते समय लोक कल्याण संकल्प पत्र में दिए गए बिंदुओं का विशेष ध्यान रखा जाए, जिससे जनता को समय से वादों के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। उन्होंने अधिकारियों से भ्रष्टाचार एवं गुंडाराज से मुक्त पारदर्शी प्रशासन देने के लिए और कड़ी मेहनत एवं टीम भावना से कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश को 5 वर्ष में अग्रणी राज्यों में शामिल करने के स्तर के कार्य और प्रयास किए जाएं। बैठक में मुख्यमंत्री ने अपनी प्राथमिकताओं और कार्यशैली का पूरी तरह एहसास कराया। मुख्यमंत्री ने विभागों के अधिकारियों से परिचय करते समय कार्य संबंधी संक्षिप्त टिप्पणियां भी कीं। उन्होंने अधिकारियों को अपनी कार्यसंस्कृति को और ज्यादा विकसित करने के प्रति प्रेरित किया। बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ दिनेश शर्मा एवं मुख्य सचिव राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल, सूचना निदेशक सुधेश ओझा और बाकी सभी वरिष्ठ अधिकारी, अधिकारी उपस्थित थे।