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Tuesday 21 March 2017 05:21:02 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली में राजस्थान पत्रिका के समारोह में प्रिंट पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए केसीके इंटरनेशनल पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि पत्रकारिता का हमारे देश में एक लंबा इतिहास रहा है, इसका हमारी आजादी और सामाजिक सुधारों के संघर्ष में काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों और पत्रकारिता ने सामाजिक पुर्नजागरण आंदोलन तथा देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक आदर्श भूमिका निभाई है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारतीय पत्रकारिता का इतिहास प्रगतिशील सुधारों, सामाजिक पुर्नजागरण और उपनिवेशवाद विरोध के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1819 में राजा राममोहन रॉय ने 'संवाद कौमुदी' के साथ 'संवाद चंद्रिका' और 'मिरत-उल-अख़बार' प्रकाशित किया था, बाद में महात्मा गांधी ने 'हरिजन और यंग इंडिया का संपादन किया। उन्होंने कहा कि अन्य कई प्रकाशनों के माध्यम से भारतीय समाज और राष्ट्रवाद के लिए प्रिंट पत्रकारिता का एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि प्रिंट पत्रकारिता का अपना प्रभाव है, क्योंकि पत्रकार अपने कॉलम, कहानियों, टिप्पणियों आदि के माध्यम से पाठकों के मन में स्थायी जगह बनाते हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया में प्रौद्योगिकी के उपयोग की वृद्धि हुई है और हाल के वर्ष में सोशल मीडिया में भी प्रभावी वृद्धि हुई है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें प्रिंट पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए केसीके इंटरनेशनल पुरस्कार प्रदान करते हुए खुशी हो रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पुरस्कार दूसरों को अपने मार्ग का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करेगा।