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Thursday 23 March 2017 02:15:48 AM
नई दिल्ली/ बंगलुरू। कर्नाटक में भी फिर से कमल खिलने जा रहा है, यहां के राजनीतिक घटनाक्रम से लगभग यह तय है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता एसएम कृष्णा ने कल जब दिल्ली में अपने समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की तो यहां से यह संदेश निकला कि एक और राज्य कर्नाटक से कांग्रेस का सफाया होने जा रहा है और यहां अब पूरी आभा से कमल खिलेगा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा का सदस्यता प्रपत्र और पुष्प गुच्छ देकर एसएम कृष्णा का भाजपा परिवार में जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार, सदानंद गौड़ा, कर्नाटक भाजपा के वरिष्ठ नेता आर अशोक और कई गणमान्य नेता भी उपस्थित थे। एसएम कृष्णा के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि एसएम कृष्णा कर्नाटक के कद्दावर राजनेता माने जाते हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि मैं ह्रदय की गहराइयों और बड़े हर्ष के साथ एसएम कृष्णा का भारतीय जनता पार्टी परिवार में स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि एसएम कृष्णा के पास लंबे सार्वजनिक जीवन का अनुभव है, साथ ही विभिन्न दायित्वों का उन्होंने निर्वहन किया है। उन्होंने कहा कि देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास रूपी परिवर्तन की लहर चल रही है, देश हर मोर्चे पर सफलता की नई कहानियां लिख रहा है, ऐसे में एसएम कृष्णा का भाजपा में शामिल होने का फैसला बहुत समयोचित है। उन्होंने कहा कि एसएम कृष्णा के भाजपा में शामिल होने से कर्नाटक में भाजपा की ताकत तो बढ़ेगी ही, साथ ही यह देश में साफ-सुथरी राजनीति के प्रति भी एक संदेश है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों को मजबूत करते हुए देश को विकास के पथ पर आगे ले जाना है।
एसएम कृष्णा ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जोरदार तारीफ की। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ‘पॉलिटिक्स ऑफ परफॉरमेंस' एवं ‘अंत्योदय’ के सिद्धांतों पर चलते हुए देश के गांव, ग़रीब और किसान की भलाई के लिए लागू की गई नीतियों में उनकी गहरी आस्था है। उन्होंने कहा कि देश एवं कर्नाटक का विकास केवल और केवल भारतीय जनता पार्टी की अगुआई में ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में विकास की नित नई कहानियां लिख रहा है, हम सब को एकजुट होकर देश के विकास पर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों को मजबूत करने की जरूरत है। एसएम कृष्णा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में देश के दलित, पिछड़े, गरीब, किसान, युवा एवं महिलाओं की आशा का प्रतीक बनी है। उन्होंने कहा कि अमित शाह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी मजबूत हुई है, आम जनता की आशाओं एवं आकांक्षाओं पर खरा उतरी है और देश में पॉलिटिक्स ऑफ़ परफॉरमेंस की राजनीति के एक नए युग की शुरुआत हुई है।
एसएम कृष्णा का पूरा नाम है-सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा। वे वर्ष 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे हैं। वर्ष 1968 में पहली बार मांड्या से सांसद चुने जाने के बाद इंदिरा गांधी और उसके बाद राजीव गांधी के कार्यकाल और डॉ मनमोहन सिंह की कैबिनेट में भी मंत्री रहे और महाराष्ट्र के राज्यपाल भी बनाए गए। मैसूर के महाराजा कॉलेज से स्नातक, बैंगलोर के सरकारी कॉलेज से कानून की डिग्री लेकर उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए एसएम कृष्णा ने वहां पढ़ाई के बाद अंतर्राष्ट्रीय कानून में शिक्षण कार्य भी किया और यही नहीं उन्होंने अमेरिका में जॉन एफ कैनेडी के राष्ट्रपति पद के चुनाव का प्रचार भी किया। अपने गृह राज्य कर्नाटक लौटने के तुरंत बाद वे 1962 में कर्नाटक विधानसभा के सदस्य चुने गए, वो दिन और अब तक उनकी राजनीतिक उपलब्धियां जारी हैं। वे कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं और तब उनके नेतृत्व में कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बन चुकी है। उन्हें आधुनिक बैंगलोर का जनक कहा जाता है। वे कर्नाटक के एक मात्र ऐसे मंत्री हैं जो मंत्री, उपमुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल और तीन बार केंद्रीय मंत्री का पद संभाल चुके हैं। एसएम कृष्णा एक बेहतरीन टेनिस खिलाड़ी भी हैं और आज भी नियमित टेनिस खेलते हैं।
कर्नाटक में एक बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन चुकी है और तब डॉ बूकानाकेरे सिद्धलिंगप्पा येदियुरप्पा यानी बीएस येदियुरप्पा उसके मुख्यमंत्री थे। वे कर्नाटक के पच्चीसवें मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने 2014 में शिमोगा से लोकसभा का चुनाव विशाल अंतर से जीता है। उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया गया, लेकिन राज्य की राजनीति में उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें राज्य भाजपा का अध्यक्ष बना दिया गया। वे 2008 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे, वे 2007 में जद (एस) के साथ गठबंधन टूटने से पहले भी थोड़े समय के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे थे। वे किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री रहे हैं। मुख्यमंत्री रहते हुए उन पर जमीन आवंटन में गड़बड़ी के आरोप लगे, उन्हें जेल जाना पड़ा, लेकिन उनको कोर्ट से क्लीनचीट मिल गई है, जिससे वे कर्नाटक की भाजपा की राजनीति में पुनः शीर्ष पर हैं और भाजपा के भावी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जाते हैं। कला से स्नातक बीएस येदियुरप्पा हिंदू धर्म के लिंगायत समुदाय के हैं और कर्नाटक के तुमकुर जिले में येदियुर में संत सिद्धलिंगेश्वर के नाम पर उनका नाम है। कर्नाटक की राजनीति में बीएस येदियुरप्पा के सामने एसएम कृष्णा के आने से भाजपा की यदि ताकत बढ़ी है तो यह भी माना जाता है कि ये दोनों कर्नाटक की अहम राजनीतिक हस्तियां हैं, जिनके रहते कर्नाटक में कांग्रेस का टिकना अब बेहद नामुमकिन है।