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Monday 27 March 2017 11:45:06 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज संत गाडगे प्रेक्षागृह में भारत सरकार की संगीत नाटक अकादमी एवं संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय शास्त्रीय नृत्य उत्सव ‘नृत्य प्रणति’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर संगीत नाटक अकादमी की सदस्य कमलिनी, संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव आराधना गोयल, अतुल तिवारी और बड़ी संख्या में शास्त्रीय नृत्य के प्रेमीजन उपस्थित थे। राज्यपाल ने भारतीय नववर्ष 2074 की पूर्व संध्या पर नृत्य उत्सव आयोजित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
गौरतलब है कि नवसंवत्सर को गुड़ी पाडवा, उगादि, चेटीचंद आदि पर्व के नाम से भी मनाया जाता है। उन्होंने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय नव वर्ष सबके लिये मंगलमय हो। राज्यपाल ने इस अवसर पर कलाकारों को विश्व रंगमंच दिवस मनाये जाने पर बधाई दी। राम नाईक ने कहा कि भारतीय कला की विशेषता है कि यह सबको आकृष्ट करती है। उन्होंने कहा कि नृत्य संगीत की अपनी कोई भाषा नहीं होती है, भारत में कला की संस्कृति बहुत पुरानी है, कला सीमाओं से परे है, उसे किसी सीमा में नहीं बांधा जा सकता। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में 64 कलाएं हैं और हर कला का अपना महत्व है, कला की विविधता मनुष्य को मंत्रमुग्ध करती है तथा उससे आनंद और समाधान प्राप्त होता है। राज्यपाल ने चैन्नई से पधारी पारवती रवि घंटशाला का भरतनाट्यम तथा नासिक की सुविख्यात कलाकार रेखा नादगौड़ा की कथक प्रस्तुति को भी देखा।