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Friday 31 March 2017 11:18:20 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय जनजाति आयोग ने सिक्किम विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 12 से बढ़ाकर 17 करने संबंधित गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी देने समेत कई और भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। सिक्किम विधानसभा में इस समय 32 सदस्य हैं, जिन्हें बढ़ाकर 40 किया जाना है। सदस्यों की बढ़ाई जाने वाली आठ में से पांच सीटें लिम्बू एवं तमांग जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी। जनजाति आयोग ने यह भी निर्णय लिया है कि वह जनजातियों पर अत्याचारों के मामलों की मौके पर जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच दल भेजेगा, जो मामलों की जांच कर आयोग को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
जनजाति आयोग की दिल्ली में हुई बैठक के बाद आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि सभी राज्यों को पत्र भेजकर यह जानकारी एकत्र की जाए कि उनके यहां जनजाति कल्याण कार्यक्रमों की अद्यतन स्थिति क्या है और राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे अपने यहां गठित आदिम जाति मंत्रणा परिषद की गतिविधियों की भी पूरी जानकारी भेजें। प्रवक्ता ने बताया कि राज्यों से यह अनुरोध किया गया है कि वे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर केंद्रीय जनजाति आयोग का लिंक उपलब्ध कराएं, ताकि लोगों को आयोग की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त हो सके। नंदकुमार साय ने केंद्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद आयोग की पहली बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने इस बैठक में कहा कि आयोग जनजातियों की जमीन गैरकानूनी ढंग से हस्तांतरित करने को लेकर बहुत गंभीर है, इस पूरे मामले से संबंधित विभिन्न मुद्दों का विस्तृत अध्ययन कराया जा रहा है, बाद में उसपर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी राज्यों को आमंत्रित कर इस पर व्यापक विमर्श किया जाएगा।
नंदकुमार साय ने यह भी कहा कि जो कोई भी अधिकारी जनजाति आयोग के पत्राचार अथवा नोटिस को गंभीरता से नहीं लेगा और तय समय सीमा में समुचित जानकारी उपलब्ध नहीं कराएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जनजाति आयोग को प्रभावशाली बनाने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएंगे एवं यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आयोग के क्रियाकलापों का व्यापक प्रचार प्रसार हो, ताकि आयोग आदिवासी कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। नंदकुमार साय ने आयोग के सदस्यों एवं अधिकारियों का आह्वान किया कि वे सब एकजुट होकर जनजातियों के कल्याण के लिए व्यक्तिगत निष्ठा से कार्य करें। बैठक में आयोग की उपाध्यक्ष अनुसुइया उइके, सदस्य हरिकृष्ण डामोर, सदस्य हर्षद भाई चुनीलाल वसावा एवं सचिव राघव चंद्रा और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।