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Sunday 2 April 2017 01:28:00 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस अपने को जनता की मित्र सिद्ध करे, ग़ुंडों, माफियाओं, असामाजिक तत्वों से सख़्ती से पेश आए, बहु-बेटियों की पूर्ण संरक्षा और सुरक्षा का कर्तव्य निभाए, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार में इस प्रकार से कानून के राज को स्थापित करने की सर्वोच्च प्राथमिकता निर्धारित की है। उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों से साफ-साफ कहा है कि वह अपनी कार्यप्रणाली में त्वरित, सकारात्मक और पारदर्शी परिवर्तन लाएं, जिससे आम जनता को यह महसूस हो कि पुलिस उसकी मददगार है और वह सुरक्षित है एवं नई सरकार के आते ही उत्तर प्रदेश में सुरक्षा का वातावरण विकसित हुआ है। उन्होंने कहा कि पुलिस आम जनता से सीधा संवाद स्थापित करे और छोटी से छोटी घटनाओं का भी संज्ञान ले, ताकि छोटी घटनाएं बाद में किसी बड़े खतरे का कारण न बन सकें। उन्होंने ग्रेटर नोएडा और संतकबीरनगर की घटनाओं का संज्ञान लिया, अगर पुलिस पहले से जागरुक हुई होती तो ऐसी घटनाएं सर नहीं उठा पातीं। मुख्यमंत्री ने इन घटनाओं को बड़ी गंभीरता से लिया है और उनकी गहरी छानबीन कर शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शास्त्री भवन में जब राज्य के वरिष्ठतम पुलिस अधिकारियों के साथ गहन समीक्षा बैठक की तो उनका सीधे फोकस कानून व्यवस्था और पुलिस के सामान्य जनता के प्रति व्यवहार पर था। मुख्यमंत्री को लगा कि पुलिस पर्यवेक्षण में कहीं तो कमजोरी या ढिलाई है, इसलिए उन्होंने पुलिस अधिकारियों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए प्रत्येक पुलिस अधिकारी से उसकी पुलिस सेवा के बारे में, उसकी अनुकरणीय सेवाओं के बारे में और फील्ड में तैनाती के दौरान उसकी उपलब्धियों की जानकारी चाही। मुख्यमंत्री, जी-हुजूरी नहीं, बल्कि काम चाहते हैं और वे उन पुलिस अधिकारियों को चिन्हित करके आश्वस्त होना चाहते हैं, जो वास्तव में शासन, जनता एवं पुलिस सेवा के प्रति अपनी जवाबदेही की गंभीरता को समझते हैं। मुख्यमंत्री उनसे दूर रहना चाहते हैं, जो केवल शब्दों के खिलाड़ी हैं, अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर डालने, गुमराह करने में माहिर और तमगे हांसिल करने के पीछे भागते हैं और लॉबिंग करते हैं। मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह भी आया है कि पुलिस में तमगे बांटने में भी बड़ा फर्जीवाड़ा है और पुलिस में तमगों के वास्तविक पात्रों की उपेक्षा हुई है। इस पर मुख्यमंत्री सख्त हुए हैं और उन्होंने कहा है कि पुलिस के मनोबल को क्षीण करने की ऐसी किसी भी कोशिश पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जो प्राथमिकताएं निर्धारित की हैं, उनमें पुलिस कार्मिकों का वेलफेयर भी शामिल है।
योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि पुलिस भेदभाव-जातपात से दूर रहकर अपना काम करके दिखाए, सही काम करने वाले पुलिस अधिकारियों और पुलिस कार्मिकों पर कोई आंच नहीं आने देंगे, उनको प्रोत्साहित करेंगे, लेकिन पर्यवेक्षण और जिम्मेदारी से विमुख पाए जाने पर कार्रवाई भी करेंगे, चाहे वह कितने ही बड़े पद पर क्यों न हो। उन्होंने कहा कि वे भविष्य में कानून व्यवस्था और पुलिस की कार्यप्रणाली के संदर्भ में जमीनी हकीकत जानने के लिए फील्ड का दौरा करेंगे, तबतक पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार आना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी अपने समय में से कुछ समय अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के साथ बिताएं, अलग-अलग क्षेत्रों में उनके साथ पैदल भ्रमण करें, इससे जनता में विश्वास और सुरक्षा की भावना पैदा होगी। मुख्यमंत्री ने थानों और पुलिस कार्यालयों, पुलिस आवासों, बैरकों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के साथ-साथ नियमित पेट्रोलिंग करें। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है और संसाधनों की कमी भी है, किंतु वह संसाधनों के लिए जो बेहतर होगा करेंगे, मगर आम जनता को सुरक्षा का एहसास हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं होनी चाहिए, राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने का हमारा नैतिक दायित्व है, हम उसे निभाएंगे। उन्होंने पुलिस से सुरक्षा और शांति के लिए खतरा पैदा करने वाले लोगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने कहा कि सतर्कता, सक्रियता और सुरक्षा ही पुलिस का मूलमंत्र होना चाहिए, सुरक्षा के साथ जो कोई भी खिलवाड़ करे, उसे सख्ती से रोका जाए, रंगदारी और जबरन वसूली की जो भी घटनाएं प्रकाश में आएं, उनमें लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि उत्पीड़न और एसिड अटैक जैसी घटनाओं को प्राथमिकता देकर शीघ्रता से कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त कार्यप्रणाली अपनाए जाने पर बार-बार जोर दिया। उन्होंने दोहराया कि पुलिस विभाग के अंदर ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाए, जो अपराधियों और असामाजिक तत्वों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के आंतरिक अनुशासन पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि थाने में आने वाले फरियादियों के बैठने की समुचित व्यवस्था और उनसे सद्व्यवहार होना चाहिए। उन्होंने बैंक खुलने के समय और बाजार बंद होने के समय विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नवरात्रि जैसे पर्वों के दौरान काफी संख्या में लोग मंदिरों, मेलों वाले स्थानों पर आते-जाते हैं, इन स्थानों पर पेयजल, सफाई, पुलिस सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाए, शक्ति स्थलों का वरिष्ठ अधिकारी नियमित भ्रमण करें। उन्होंने अयोध्या में रामनवमी के मेले के लिए भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए और साथ ही यह भी कहा कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो, यह भी सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने खनन, वन, गो-माफियाओं और भू-माफियाओं के विरुद्ध भी अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डायल-100 समन्वय और सक्रियता से कार्य करे। उन्होंने गर्मी के मौसम में आग जैसी घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए फायर सर्विसेज़ को हर समय सतर्क और जागरूक रहने को कहा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की घटनाओं पर पूरी सतर्कता जरूरी है, किसी भी घटना को सामान्य कहकर टालने की प्रवृत्ति से बचा जाए, ऐसी ही जागरुकता गांव के स्तर पर हो। उन्होंने कहा कि महिलाओं और मानवाधिकारों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है, जिससे निपटना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। बैठक में प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा, डीजीपी जावीद अहमद, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत सिंह चौधरी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।