स्वतंत्र आवाज़
word map

बुंदेलखंड व पूर्वांचल में सरकार की कड़ी परीक्षा!

मुख्यमंत्री ने की सिंचाई योजनाओं व बाढ़ की प्रचंड समीक्षा

मुख्यमंत्री और सिंचाई मंत्री ने जारी किया 'हाई एलर्ट'

Monday 3 April 2017 06:15:07 AM

द‌िनेश्‍ा श्‍ार्मा

द‌िनेश्‍ा श्‍ार्मा

cm yogi adityanath

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुंदेलखंड क्षेत्र की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं की तगड़ी समीक्षा की है, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह की सरकार और विभाग की बागडोर संभालते ही बुंदेलखंड में सबको पेयजल देने और पूर्वांचल में बाढ़ पर नियंत्रण पाने की कड़ी परीक्षा शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश सरकार की नाकामियां साबित करने के लिए हर साल बुंदेलखंड इन्हीं दिनों पेयजल पर और वर्षाकाल लगते ही पूर्वांचल बाढ़ पर राजनीतिक रोटियों और आर्थिक पैकेज की लूट का साधन बनता है। देश और प्रदेश के विपक्ष के नेताओं की नज़रें इस बार बुंदेलखंड और पूर्वांचल पर ज्यादा ही टिकी हुई हैं और देखना है कि सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह बुंदेलखंड में पेयजल संकट पर विजय पाने की वाहवाही लूटते हैं या फिर विफलताओं की तोहमतें झेलते हैं।
गौरतलब है कि बुंदेलखंड में पेयजल की सबसे बड़ी समस्या इन्हीं दिनों शुरू होती है, जो हर साल अप्रैल मई जून और जुलाई में विकराल बन जाती है। इन महीनों में सरकार के पेयजल के प्रबंधों की असली परीक्षा होती है। उत्तर प्रदेश राज्य में कोई भी सर‌कार रही हो, अब तक का तो यही अनुभव रहा है कि बुंदेलखंड में पेयजल देने के बड़े-बड़े दावे हवाई सिद्ध हुए हैं। यहां तक कहा जाता है कि बुंदेलखंड में पेयजल देने और पूर्वांचल में बाढ़ से निपटने के आर्थिक पैकेज पर लखनऊ से लेकर बुंदेलखंड और पूर्वांचल तक नेताओं माफियाओं ठेकेदारों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों और उनसे जुड़े पिद्दी कर्मचारियों तक की कोठियां और बंगले खड़े होते हैं। सरकार की नाकामियां साबित करने के लिए बुंदेलखंड हर साल इन्हीं दिनों पेयजल पर और वर्षाकाल लगते ही पूर्वांचल बाढ़ पर राजनीतिक रोटियों और आर्थिक पैकेज की लूट का साधन बनता है। देश और प्रदेश के विपक्ष के नेताओं की नज़रें इस बार बुंदेलखंड और पूर्वांचल पर ज्यादा ही टिकी हुई हैं और देखना है कि सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह बुंदेलखंड में पेयजल संकट पर और पूर्वांचल में बाढ़ पर विजय पाने की वाहवाही लूटते हैं या फिर औरों की तरह विफलताओं की तोहमतें झेलते हैं।
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह भी बुंदेलखंड में पानी की समस्या से निपटने के उपायों और पूर्वांचल में बाढ़ की समस्या पर काबू पाने के प्रबंधों पर अलग से अधिकारियों से कई बार गहन विचार-विमर्श कर चुके हैं और प्रारंभिक तौरपर प्राथमिकता वाले बिंदुओं पर काम शुरू भी कर दिया है। उन्होंने तुरंत झांसी पहुंचकर स्‍थलीय समीक्षा करके प्राथमिकता के कार्य निश्चित किए और उनपर तत्काल ही कार्य शुरू करने के लिए करीब 47 करोड़ रुपए की धनराशि भी जारी कर दी है। इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने उन्हें सिंचाई विभाग मिलते ही सबसे पहले बुंदेलखंड पर फोकस किया है, जो खासतौर से पानी की समस्या के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उनकी ख़ुद की भी प्राथमिकताओं में शीर्ष पर है। विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड में सबके लिए पीने के पानी और पूर्वांचल में बाढ़ के मुद्दे ने इन क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी का भारी नुकसान किया है। उस समय के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, इन मुद्दों पर भाजपा के सवालों का संतोषजनक उत्तर नहीं पाए। योगी सरकार इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार का जोखिम उठाने को तैयार नहीं दिखती है, इसलिए ये दोनों मुद्दे लखनऊ से लेकर दिल्ली तक की शीर्ष समीक्षा एजंडे में हैं।
बहरहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश के इन दोनों अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में पेयजल और बाढ़ की समीक्षा बैठक में एक प्रकार से हाई एलर्ट जारी करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बुंदेलखंड में जल की कमी किसी भी हाल में न हो, किसी इंसान, पशु-पक्षी इत्यादि को पेयजल संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए अभी ही सारी तैयारियां कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में पेयजल संकट की खबरें मिलने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अपने सिंचाई मंत्री और अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे बुंदेलखंड क्षेत्र में चल रही विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं की गहन समीक्षा करें और उन्हें तय समय से पहले पूरा कराएं, इन योजनाओं के तहत आवंटित धनराशि का पूर्ण उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री को बताया गया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में इस समय अर्जुन सहायक नहर परियोजना, एरच बहुउद्देशीय बांध परियोजना, बबीना ब्लॉक में 15 ग्रामों की पेयजल परियोजना, भौंरट बांध परियोजना, जमरार बांध परियोजना, कचनौंदा बांध परियोजना, केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना चल रही हैं और पूरे बुंदेलखंड में 29 जलाशय हैं, जिनमें पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि बुंदेलखंड की सभी जल परियोजनाओं को शीघ्रताशीघ्र पूर्ण किया जाए।
योगी आदित्यनाथ ने इसी बैठक में पूर्वांचल की बाढ़ की समस्या से निपटने की तैयारियों की भी गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पानी से कटान बहुत तेजी से होती है, इसे रोकने की तैयारी अभी से की जाए। उन्होंने कहा कि तटबंधों का निर्माण ऐसे किया जाए कि पानी टकराने के बाद अपनी दिशा बदल ले। उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति का जायजा लेते हुए यदि आवश्यक हो तो जलधारा की दिशा बदलने पर भी विचार किया जाए, सुनिश्चित किया जाए कि बांध निर्माण तथा उनकी मरम्मत जैसे कार्य वर्षाकाल से पहले ही पूरे हो जाएं। उन्होंने सभी निर्माण कार्यों की वीडियोग्राफी करवाने के साथ-साथ सिंचाई विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को कार्यों तथा विगत में बाढ़ से ग्रसित रहे क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। समीक्षा बैठक इस दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण रही कि इसमें सिंचाई विभाग के अनेक अधिकारियों की कार्यप्रणाली और कार्यशैली का फीडबैक मिला, जिसके बाद से बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की भी आशा की जा रही है। 

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]