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Thursday 6 April 2017 03:09:58 AM
नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग दावा कर रहा है कि उसने मोबाइल नेटवर्क में कॉल ड्रॉप्स की समस्या को दूर करने के लिए अनेक पहल की हैं, जिनके तहत दूरसंचार सेवा प्रदाता ने जून 2016 से फरवरी 2017 की अवधि के दौरान पूरे देश में 2,12,917 अतिरिक्त बीटीएस यानी बेस ट्रांससीवर स्टेशन स्थापित किए हैं। ग्राहकों से सीधी प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए दूरसंचार विभाग ने 23 दिसंबर 2016 को दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और गोवा में एक इंटेग्रेटिड वॉयस रिस्पांस सिस्टम प्रणाली की शुरूआत की है, जिसका 12 जनवरी 2017 को पंजाब और मणिपुर के अलावा अन्य राज्यों में विस्तार किया गया है। पंजाब और मणिपुर में आईवीआरएस प्रणाली की शुरूआत 16 मार्च 2017 को हुई। इस प्रणाली के माध्यम से ग्राहक को शॉर्ट कोड 1955 से आईवीआरएस कॉल प्राप्त होती है और कॉल ड्रॉप्स की समस्या के बारे में कुछ प्रश्न पूछे जाते हैं। ग्राहक इसी शॉर्ट कोड 1955 पर टोल फ्री एसएमएस भी भेज सकता है, जिसमें उसके उस शहर नगर गांव के नाम का उल्लेख हो, जहां वह अक्सर कॉल ड्रॉप्स की समस्या से ग्रस्त है।
दूरसंचार विभाग का कहना है कि कॉल ड्रॉप्स की समस्या घर के भीतर अधिक गंभीर है। आईवीआरएस प्रणाली की 23 दिसंबर 2016 को शुरूआत से लेकर 28 फरवरी 2017 तक पूरे देश में सभी टीपीएस के ग्राहकों को 16,61,640 सफल आउटबाउंड कॉल की गईं और लगभग 2,20,935 ग्राहकों ने सर्वेक्षण में भाग लिया, जिनमें से लगभग 1,38,072 यानी 62.5 प्रतिशत ग्राहकों ने कॉल ड्रॉप्स की सूचना दी है। इस प्रतिक्रिया से यह पता चला है कि कॉल ड्राप्स की समस्या घर के अंदर अधिक गंभीर है, इस प्रतिक्रिया को समयबद्ध तरीके से कार्रवाई करने के लिए प्रति सप्ताह दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ साझा किया जाता है। दूरसंचार विभाग द्वारा भेजे गए आईवीआरएस फीडबैक डाटा का उपयोग करने के लिए टीएसपी ने एक विस्तृत तंत्र स्थापित किया है। टीएसपी, हर पखवाड़े दूरसंचार विभाग कार्यबल को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहा है। टीएसपी ने 15-28 फरवरी 2017 के पखवाड़े के 43,403 फीडबैक मामले जांच हेतु लिए थे। कॉल ड्रॉप्स समस्या के बारे में अतिरिक्त जानकारी के लिए ग्राहकों को टेलीफोन कॉल और एसएमएस करने के बाद 7,210 मामलों की समाधान हेतु पहचान की गई।
दूरसंचार विभाग में इस पखवाड़े के दौरान 2467 मामलों को ऑप्टिमाइजेशन, हार्डवेयर, बिजली की समस्याओं को क्षेत्र के दौरे आदि के माध्यम से सुलझाया और सकल आधार पर आईवीआरएस की शुरूआत से लेकर अब तक इस पहल के दौरान 9328 मामलों को हल किया है। इसके अलावा, 5529 मामले कॉल ड्रॉप समस्या से संबंधित नहीं थे, लेकिन वे डेटा, रोमिंग, बिलिंग, एमएनपी, मोबाइल डिवाइस आदि की समस्या से जुड़े थे। ऐसे मामलों की टीएसपी ने आवश्यक कार्रवाई करने के लिए पहचान की है। टीएसपी ने आने वाले समय में लगभग 603 नई साइटें, बूस्टर लगाने की योजना बनाई है। दूरसंचार कार्यबल इस समस्या पर सक्रिय है और आईओआरएस प्रणाली से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए एक महीने में एक बार टीएसपी के साथ बैठक कर रहा है। संचार मंत्री का कार्यालय, आईवीआरएस प्रणाली के परिचालन के बारे में नियमित समीक्षाओं का भी आयोजन कर रहा है।