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Thursday 14 February 2013 08:29:57 AM
नौंगांव (उत्तरकाशी) देहरादून। मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन ने गुरूवार को नौगांव में रिफर वैन को झंडी दिखाकर बाजार के लिए रवाना किया, सेब के नियंत्रित वातावरण कोल्ड स्टोरेज और जूस संयंत्र का निरीक्षण किया और किसानों को प्रीमियम का वितरण किया। बड़ी संख्या में मौजूद किसानों, उद्यानपतियों, किसान समूहों को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि विकास का यह माडल बेहतर है, इससे किसानों को उनकी उपज की उचित कीमत मिलती है, मुनाफे का अंश भी उन्हें दिया जाता है। कंपनी की मालिकाना हिस्सेदारी भी उनकी रहती है, किसानों को अपने सेब के अतिरिक्त मूल्य के अलावा उन्हें नकद भुगतान, प्रशिक्षण की सुविधा, समय का बचाव और बिचौलियों से राहत मिलती है।
मुख्य सचिव ने जगदंबा समिति की एफएफटी फ्रेश प्रोडयूस प्राइवेट लिमिटेड की चर्चा करते हुए कहा कि सामाजिक उद्यम का यह नमूना राज्य में सफल हो सकता है। सामाजिक उद्यम के इस प्रयास में पूंजीपतियों और किसानों का टकराव नहीं होगा। किसान की अंशपूंजी में मुनाफा जुड़ता जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर भी इसी तरह सोशल बेंचर कैपिटल फंड बनाया जाना चाहिए, इसके आर्थिक विशेषज्ञ हों, प्रोफेशनल लोग हों और इसका फुल प्रूफ मानक तय किया जाए।
मुख्य कार्यकर्ता एलपी सेमवाल ने बताया कि समावेशी व्यापार माडल एक त्रिपक्षीय भागीदारी है, जिसे जगदंबा समिति किसान ट्रस्ट और एसएचजीडब्लू के जरिये विकसित किया गया है। इसमें किसान संगठन और सामाजिक निवेशक के साथ व्यापार में बराबर के भगीदार हैं। इस माडल को अनाज के प्रसंस्कृत खाद्य में भी लागू करने की योजना है।इस अवसर पर जिलाधिकारी उतरकाशी आर राजेश कुमार, कंपनी डायेक्टर अमर सिंह कफोला, पूर्व पालिका अध्यक्ष सकलचंद रावत सहित अन्य लोग उपस्थित थे।