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Sunday 9 April 2017 11:54:24 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने भगवान श्रीलक्ष्मी नारायण धाम के कांशीराम स्मृति उपवन में प्रभु कृपा दुःख निवारण समागम में महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी से भेंट की और उनका आर्शीवाद प्राप्त किया। समागम में विश्वविख्यात रामायण धारावाहिक के श्रीराम और आयोजन समिति के अध्यक्ष अरुण गोविल, सुशील वर्मा गुरूदास और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। राज्यपाल को कार्यक्रम में ‘देश रत्न’ सम्मान और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने राज्यपाल को अपनी आध्यात्मिक पुस्तक ‘मयखाना’ एवं ‘कॉस्मिक साईंस’ नामक पुस्तक भेंट की।
राज्यपाल राम नाईक ने प्रभु कृपा दुःख निवारण समागम पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सुख और दुःख मन की भावना होती है, सुख बांटने से बढ़ता है और दुःख बांटने से घटता है। उन्होंने कहा कि गीता का पवित्र ग्रंथ हमारे लिए आदर्श है, जो यह बताता है कि बिना फल की आशा किए अपने कर्तव्य पथ पर कैसे चलना चाहिए। राज्यपाल ने छत्रपति शिवाजी के गुरू स्वामी रामदास का एक श्लोक भी उद्धृत किया। उन्होंने कहा कि ऐसे समागम के माध्यम से दुःख और पीड़ा समाप्त करने का विश्वास पैदा होता है तो दुःख स्वतः समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि गीता का अनुसरण करने वाले को आनंद और समाधान मिलता है।
लखनऊ समागम में महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने राज्यपाल को राष्ट्र के प्रति अद्भुत राजनैतिक कौशल, सामाजिक कल्याण और विकास के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान के लिए ‘देश रत्न’ सम्मान से सम्मानित किया। राज्यपाल ने सम्मान को स्वीकार करते हुए कहा कि मैं बड़ा कृतज्ञ हूं और नम्रता से आप सबको तथा प्रदेश की जनता को आश्वस्त करता हूं कि आपके विश्वास के योग्य रहने की कोशिश करूंगा। कार्यक्रम का संचालन प्रख्यात कलाकार अरुण गोविल ने किया।