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Wednesday 19 April 2017 12:11:17 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के कुल राजस्व संग्रह में वाणिज्यकर विभाग की भागीदारी लगभग 60 प्रतिशत है, जिस कारण राज्य के आर्थिक विकास में इस विभाग की बड़ी भूमिका है, इसलिए बिक्रीकर विभाग उत्तरप्रदेश के राजस्व संग्रह में अपने योगदान को बढ़ाने का प्रयास करे, लेकिन यह भी कि टैक्स उगाही में करदाता का शोषण नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वाणिज्यकर विभाग में यह क्षमता है कि वह कुल राजस्व संग्रह में अपने योगदान को बढ़ाकर 70 प्रतिशत से भी अधिक पहुंचा सकता है। वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में उत्तरप्रदेश वाणिज्यकर सेवा संघ के 51वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे।
वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा है कि राज्य सरकार में नई उद्योग नीति पर काम हो रहा है और शीघ्र ही इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कल्पना उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की है, राज्य सरकार ने किसानों के कर्ज माफी का मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही फैसला लिया। वित्तमंत्री ने कहा कि एक नागरिक होने के नाते सभी को बोध होना चाहिए कि प्रदेश आगे बढ़ेगा तो सभी को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, इसलिए सभी को अपने उत्तरदायित्व पूरे करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने उत्तरदायित्व के पालन में यदि हमें सुविधा चाहिए तो अन्य लोगों की सुविधा के प्रति भी हमारा मन और मानस होना चाहिए।
राजेश अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी लागू होने पर वाणिज्यकर विभाग का नाम चौथी बार बदलेगा। उन्होंने कहा कि परिवर्तन अवश्यम्भावी है, बदलाव के प्रति हठी नहीं होना चाहिए, परिवर्तन अच्छाई के लिए तथा प्रयत्न से हो, तो यह और भी अच्छा है, हालांकि बदलाव के साथ समायोजन की भी आवश्यकता होगी। वित्तमंत्री ने कहा कि व्यापारी के सामने काफी समस्या होती है, करदाता से टैक्स उगाही के दौरान इसका भी विचार करके काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चाहे कर अधिकारी का पक्ष हो, व्यापारी का पक्ष हो अथवा उद्यमी का पक्ष हो, सभी में सुधार की काफी गुंजाइश है। वित्तमंत्री ने कहा कि संघ की मांगों पर विचार किया जाएगा औचित्यपूर्ण होने पर उन्हें लागू करने का प्रयास किया जाएगा।
उत्तरप्रदेश वाणिज्यकर सेवा संघ के संरक्षक अम्बेश श्रीवास्तव ने भी अधिवेशन को सम्बोधित किया और बिक्रीकर अधिकारियों से निष्ठा और ईमानदारी से अपना दायित्व निभाने का आह्वान किया। अध्यक्ष इंद्रप्रकाश तिवारी ने वाणिज्यकर सेवा संघ की ओर से वित्तमंत्री का सम्मान उद्बोधन करते हुए उन्हें संघ का मांगपत्र तथा स्मृति चिन्ह भेंट किया।इस अवसर पर वाणिज्यकर सेवा संघ के महासचिव राज्यवर्धन सिंह, उपाध्यक्ष बृजेश दीपांकर और संघ के बाकी पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे। अधिवेशन के अवसर पर वाणिज्यकर सेवा संघ का चुनाव भी हुआ।