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Friday 21 April 2017 05:23:52 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 11वें लोक सेवा दिवस समारोह में कहा है कि लोकसेवक सौभाग्यशाली हैं कि बेहद कम उम्र में उनके पास मौके, दायित्व और उसे पूरा करने के लिए सुविधाएं हैं, मगर देश को उनसे बड़ी उम्मीदें भी हैं। उन्होंने लोक सेवा दिवस पर लोकसेवकों को बधाई देते हुए कहा कि यह दिवस अलग-अलग समस्याओं पर विचार-विमर्श करने और आत्मविश्लेषण के लिए है। उन्होंने कहा कि लोक सेवक आम लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी के प्रति आत्ममंथन करें। गृहमंत्री ने कहा कि देश के गृहमंत्री और लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने कहा था कि लोक सेवा को अगर देश का स्टील का ढांचा कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी, लोक सेवकों के लिए सरदार पटेल के 1948 में बनाए गए मार्गदर्शी सिद्धांत आज भी बेहद महत्वपूर्ण और प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि लोक सेवा का ढांचा आज़ादी के 70 साल बाद भी कमजोर नहीं हुआ है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है, आजादी के बाद से लोगों के रहन-सहन में सुधार हो रहा है, ऐसे में लोक सेवकों का दायित्व बनता है कि वे लोगों का जीवन बेहतर करने की दिशा में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि लोक सेवकों ने देश में और भारतीय राज्यव्यवस्था में प्रशासनिक निरंतरता को बनाए रखा है और इन वर्षों में इसमें कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने कहा कि लोकसेवकों के पास कई शक्तियां हैं, लेकिन शक्ति हमेशा जिम्मेदारी और जवाबदेही के साथ आती है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी का बंटवारा तो हो सकता है, लेकिन जवाबदेही को कभी बांटा नहीं जा सकता। गृहमंत्री ने कहा कि जिम्मेदारी और जवाबदेही के बाद तीसरी महत्वपूर्ण चीज है निष्पक्षता, अगर फैसले में निष्पक्षता नहीं होगी तो वो फैसला नहीं रह जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकसेवकों को हमेशा समाधान का हिस्सा होना चाहिए और कभी भी समस्या का हिस्सा नहीं होना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा विकास और अच्छे शासन पर जोर दिया है और उन्होंने 2022 तक रोटी, कपड़ा, मकान और शिक्षा जैसी जरूरी सुविधाएं समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार अंत्योदय को लेकर प्रतिबद्ध है और लोक सेवकों को इसे पूरा करने में और सक्रिय और प्रभावी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि लोक सेवक फैसला लेते समय हमेशा नियमों का पालन करें और अगर राजनीतिक प्रबंधकों का कोई फैसला कानून सम्मत नहीं हो तो उन्हें भी बताएं, किसी भी फैसले का मानदंड लोगों का विकास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले उन्हें खुशी देंगे और प्रतिष्ठा बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि लोक सेवकों को नियम-कानून को लागू करने का फैसला खुले और प्रगतिशील दिमाग से करें। राजनाथ सिंह ने कहा कि नियम-कानून का इस्तेमाल सुविधा के लिए होनी चाहिए ना कि इससे काम में कोई बाधा पैदा हो। गृहमंत्री ने विश्वास जताया कि लोक सेवक नव भारत निर्माण के सपने को साकार करने में अपनी भूमिका निभाएंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भी लोक सेवा दिवस समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद तत्कालीन गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल ने लोक सेवकों के पहले बैच को संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि ये मौका है कि हम नवभारत निर्माण के लिए खुद को तैयार करें, लोक सेवक को अपने को समकालीन नेतृत्व के लक्ष्यों के हिसाब से ढालना चाहिए। राज्यमंत्री ने कहा कि कार्मिक मंत्रालय ने पिछले 3 साल में कई कोशिशें की हैं, कई नए कदम उठाए हैं, सरकार ने कार्य अनुकूल माहौल बनाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का लक्ष्य ‘मैक्सिमम गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट’ है, जिसे हासिल करने के लिए लोकसेवक सबसे जरूरी हथियार हैं।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के सचिव सी विश्वनाथ ने इस अवसर पर कहा कि लोक सेवा दिवस समारोह 2006 से ही मनाया जा रहा है, समारोह की इस साल की थीम है ‘नवभारत निर्माण’। लोक सेवा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने किया। जिला, कार्यांवयन इकाई केंद्र और राज्य सरकार के उन संगठनों को, जिन्होंने निर्धारित वरीयता वाले कार्यक्रमों को उन्नत तरीकों से पूरा किया है सम्मानित किया गया। लोक सेवा दिवस पर जिन योजनाओं को अवॉर्ड दिए गए हैं, उनमें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया और ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट प्रमुख हैं।
देश में परिभाषित थीम पर कार्यकर रहे केंद्र, राज्य सरकार के संस्थानों जैसे-पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबंधन, जल संरक्षण, ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला और बच्चों पर केंद्रित शुरुआत को भी अवॉर्ड के लिए शामिल किया गया है। दस जिला, संगठन को इस साल पांच प्राथमिक प्रोग्राम के तहत प्रधानमंत्री अवॉर्ड दिया गया है। इन अवॉर्ड्स के तीन समूह हैं। पहले समूह में ये अवॉर्ड 8 उत्तर पूर्वी राज्यों और तीन पहाड़ी राज्य उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर को दिए गए हैं, दूसरे समूह में सात केंद्रशासित प्रदेशों को और तीसरे समूह में बचे हुए 18 राज्यों को पुरस्कार दिए गए हैं, इसके अलावा 2 पुरस्कार केंद्र और राज्य की संस्था को नवीकरण वर्ग में दिए गए हैं।