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Wednesday 26 April 2017 07:06:44 AM
नई दिल्ली। दिल्ली के तीनों नगर निगमों में भारतीय जनता पार्टी के प्रचंड बहुमत से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का बुरा हाल है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनवाने का खामियाजा भुगत रहे दिल्लीवासियों ने तीनों नगर निगम चुनाव में आप और कांग्रेस पर जमकर डंडा चलाया है। इन दोनों दलों में पराजय की पराकाष्ठा यह है कि नेता और कार्यकर्ता आप और कांग्रेस को गालियां दे रहे हैं और इस्तीफे देकर आप और कांग्रेस छोड़ रहे हैं। कांग्रेस का दिल्ली में जनाजा ही उठ गया है। कांग्रेस के दिग्गज लीडर एक-दूसरे पर तोहमतें लगा रहे हैं और आप के लिए यह भविष्यवाणी हो रही है कि इसका पत्ता साफ हो चुका है, बस विधानसभा चुनाव की देर है और हो सकता है कि दिल्ली को मध्यावधि चुनाव में जाना पड़े, जहां जनता आप और कांग्रेस को सबक सिखाने बैठी है।
पंजाब और दिल्ली का बड़ा गहरा रिश्ता है। पंजाब विधानसभा के चुनाव में वहां की जनता ने भाजपा-अकाली गठबंधन को किनारे कर कांग्रेस को सत्ता सौंपी है और उम्मीद की जा रही थी कि एमसीडी के चुनाव में उसका अच्छा प्रदर्शन हो सकता है, लेकिन कांग्रेस तो आप से भी पीछे चली गई। इसका मतलब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पंजाब ही कांग्रेस को सरकार दे पाया, लेकिन बाकी राज्यों के चुनाव नतीजों ने यह सिद्ध किया कि पंजाब ने गलती की जिसका परिणाम एमसीडी में दिखाई दिया। हालाकि पंजाब के लोकलबॉडी चुनाव में जनता ने भाजपा को ही जबरदस्त जीत दी थी, लेकिन पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत से दिल्ली की जनता को कोई भ्रम नहीं हुआ और उसने आप और कांग्रेस पर कोड़े बरसाए हैं और देखना यदि दिल्ली विधानसभा में मध्यावधि हुए तो यहां भी भाजपा की आंधी देखने को मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू सर चढ़कर बोल रहा है। मीडिया के थके-थकाए राजनीतिक विश्लेषणों के सोशल मीडिया पर चिथड़े उड़ रहे हैं। टीवी चैनलों पर बैठकर इसके और उसके खिलाफ उल्टी करने वालों और एंकरों या रिपोर्टरों को देश की जनता लगातार आइना दिखा रही है, मगर वे सच्चाई का सामना करने को तैयार नहीं दिखते। ऐसा लगता है कि ये भी जनता की लात खाने वाले हैं, जोकि मीडिया के लिए एक अपशकुन के समान है। दिल्ली में मीडिया काफी समय से अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बराबर खड़ा करता आ रहा था, ये कर्म मीडिया का था, लेकिन जनता ने अरविंद केजरीवाल को आज कहां पहुंचाया, इसका प्रमाण देश की जनता के सामने है और अब यही लगता है कि दिल्ली अरविंद केजरीवाल को बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है। आम आदमी पार्टी में विद्रोह की स्थिति कोई भी गुल खिला सकती है। आम आदमी पार्टी टूट सकती है, वैसे भी उसके अनेक विधायक कई कानूनी पेचीदगियों की चपेट में हैं, इसलिए दिल्ली को एमसीडी चुनाव में आप और कांग्रेस के सफाए से भी बड़ी खबर सुनने को मिल सकती है।
कांग्रेस और आप में भारी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। एमसीडी के 272 में से 270 सीटों पर आए चुनाव नतीजों में भाजपा 184 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है, जबकि दूसरे नंबर पर आप है, जिसके खाते में 45 सीटें ही आईं और कांग्रेस तीसरे नंबर पर चली गई है, जिसे 30 सीटें ही मिली हैं। इस चुनाव में कुछ अन्य को 11 सीटें गई हैं, जिनमें से ज्यादातर दिल्ली के राजनीतिक माहौल का रुख देखकर भाजपा के ही आगे-पीछे मंडराते दिखाई देंगे। भारतीय जनता पार्टी का एमसीडी चुनाव में कई पुराने लोगों का पत्ता साफकर नए लोगों को अवसर देने का फॉर्मूला सफल रहा। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी की राजनीतिक अहमियत भी बढ़ गई है और इनके लिए आगे क्या हो सकता है, इसके कयास भी शुरू हो गए हैं।
दिल्ली में फिर से तीनों नगर निगमों में भाजपा का शासन आने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की जनता का धन्यवाद अदा किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों ने बीजेपी में जो भरोसा जताया, उसके लिए मैं जनता का शुक्रगुजार हूं और भाजपा की भारी जीत सुनिश्चित करने के लिए टीम बीजेपी की कड़ी मेहनत की प्रशंसा करता हूं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कोलकाता में हैं, उन्होंने कोलकाता में प्रेस कांफ्रेंस करके इस जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की जीत और जनता में उनपर भरोसे का परिणाम बताया है। दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने यह जीत को नक्सलियों के सुकमा हमले में हुए शहीदों को समर्पित की है। मनोज तिवारी ने वादा किया है कि तीन महीने के अंदर दिल्ली गंदगी मुक्त हो जाएगी।
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन कांग्रेस की पराजय से पूरी तरह टूट गए हैं। उन्होंने इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा भी दे दिया है। अजय माकन ने शमशान में वैराग्य जैसी बातें करते हुए कहा है कि मैं एक साल तक कांग्रेस का कोई भी पद नहीं संभालूंगा, मैं हार की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं। अजय माकन यह भी कहते हैं कि कांग्रेस ने वापसी की है, लेकिन उन्हें और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी। अजय माकन अब ईवीएम की निष्ठा पर उंगली उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि चुनाव आयोग को इसकी जांच करनी चाहिए। अजय माकन के साथ कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने भी इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव गुरुदास कामत ने भी कांग्रेस की हार पर कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। आम आदमी पार्टी के नेता और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आप की हार पर कह रहे हैं कि ईवीएम में छेड़छाड़ हुई है, जबकि अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शक रहे अन्ना हजारे ने कहा है कि ईवीएम ने नहीं, उनकी कथनी-करनी के फर्क ने आप पार्टी को हराया है। गौरतलब है कि एमसीडी में 23 अप्रैल को चुनाव हुआ था, जिसके आज नतीजे आप और कांग्रेस को भयभीत किए हुए हैं।