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ग्रामीण डाक सेवक के आश्रित को नौकरी ​

डाक विभाग में अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की पहल हुई

डाक विभाग के फैसले से ग्रामीण डाक सेवकों में खुशी की लहर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 27 April 2017 07:04:46 AM

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नई दिल्ली। भारतीय डाक विभाग ने मौजूदा नियम के तहत ग्रामीण डाक सेवक के आश्रित परिजन को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के लिए नई शुरुआत की है। ग्रामीण डाक सेवक की नौकरी के दौरान मौत होने पर आश्रित को बिना किसी मुश्किल के तय समय के भीतर अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और किसी भी ग्रामीण डाक सेवक की नौकरी के दौरान बीमारी या किसी दूसरी वजह से मृत्यु होती है तो उसके परिवार के सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल जाएगी। आश्रित परिजन के लिए यहां तक रियायत बरती जाएगी कि अगर जरूरी हुआ तो आवेदक की ऊपरी उम्र की सीमा में भी छूट दी जाएगी। अलग सेवा शर्त, सामाजिक और वित्तीय हालात और परिवार में वित्तीय अभाव, ज्यादा समय लेने वाली जटिल प्रक्रिया की वजह से ग़रीबी के आधार पर परिजनों के मूल्यांकन के पुराने तरीके को बदलकर नया तरीका लागू किया गया है। आगे से अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए आए आवेदन पर विचार कर आवेदन प्राप्ति की तारीख से तीन महीने के भीतर इसपर फैसला ले लिया जाएगा।
भारतीय डाक विभाग में नई योजना की शुरुआत से ग्रामीण डाक सेवक, जोकि समाज के कमजोर और ग़रीब तबके से आते हैं और किसी अनहोनी की स्थिति में जिनपर अचानक मुश्किल आ जाती है, उनके परिजनों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। ग्रामीण डाक सेवकों में भारतीय डाक विभाग के इस फैसले से खुशी की लहर चली है। ग्रामीण डाक सेवक के आश्रित को दूर ना जाना पड़े इसके लिए यह भी किया गया है कि ग्रामीण डाक सेवक की नियुक्ति वहीं करने की कोशिश की जाएगी, जहां उसका परिवार रहता है। आश्रित के निकटतम रिश्तेदार को भी इसमें शामिल किया गया है, जिसके अंतर्गत कुछ तथ्य शामिल होंगे, जैसेकि शादीशुदा बेटा जो मां-पिता के साथ रह रहा है और ग्रामीण डाक सेवक के निधन के समय अपनी आजीविका के लिए पिता पर पूरी तरह निर्भर है, तलाकशुदा बेटी जो ग्रामीण डाक सेवक के निधन के समय अपने पिता पर ही पूरी तरह से निर्भर है, ग्रामीण डाक सेवक की बहू जो निधन के समय उन्हीं पर पूरी तरह से निर्भर है और ग्रामीण डाक सेवक के एकमात्र बेटे का पहले ही निधन हो चुका है। परिवार के सदस्यों में इसके विस्तार का लक्ष्य समाज में महिलाओं के सामने उनके पति या परिजन के अचानक निधन से पैदा हुई मुश्किल परिस्थितियों में राहत देना है।

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