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Monday 1 May 2017 11:45:08 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की अध्यक्षता में आज राजभवन लखनऊ में ‘महाराष्ट्र दिवस समारोह’ का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल एवं उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने दीप प्रज्जवलित कर समारोह का उद्घाटन किया। गौरतलब है कि 1 मई को महाराष्ट्र राज्य की स्थापना हुई थी। इस दिन महाराष्ट्र में वृहद स्तर पर आयोजन किए जाते हैं। इस समारोह में मराठी के प्रसिद्ध गायक श्रीधर फड़के ने जीडी माडगुलकर रचित ‘गीत रामायण’ की प्रस्तुति दी। ‘गीत रामायण’ की रचना जीडी माडगुलकर ने की थी तथा इसको श्रीधर फड़के के पिता सुधीर फड़के ने गाया था। राज्यपाल ने जीडी माडगुलकर की गीत रामायण के बारे में जानकारी दी और गीत रामायण की प्रस्तुति देने वाले कलाकार श्रीधर फड़के एवं उनके सहयोगियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मान भी किया। राज्यपाल ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के प्रोफेसर पद्मश्री एमएम गोडबोले और कुष्ठ पीड़ितों की सहायता करने वाले डॉक्टर प्रकाश आमटे का भी सम्मान किया।
राज्यपाल राम नाईक ने महाराष्ट्र के इतिहास का ज़िक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का महाराष्ट्र से पुराना नाता है, भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था पर वे वनवास के लिए नासिक गए थे, शिवाजी का राज्याभिषेक काशी के गागा भट्ट ने कराया था, उत्तर प्रदेश में प्रथम स्वाधीनता संग्राम में झांसी की रानी और नानाजी पेशवा सहित अन्य मराठी लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक ने ‘स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है’ जैसी सिंह गर्जना लखनऊ में की थी, सदी के महानायक सिने कलाकार अमिताभ बच्चन का रिश्ता उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से है, लेकिन उनका कार्यक्षेत्र मुंबई है, राज्यपाल ने प्रकार से महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग रूप से अनेक रिश्ते सिद्ध किए। उन्होंने कहा कि दोनों प्रदेशों का आपस में अटूट रिश्ता है।
राम नाईक ने कहा कि मैं दो साल से कह रहा था कि हर प्रदेश अपने स्थापना दिवस का उत्सव मनाता है, मैने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी कहा था कि मुंबई में उत्तर प्रदेशवासी उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस बड़े धूम-धाम से मनाते हैं, वह भी यूपी में उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस मनाएं, लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं मानी, पर आज इस सरकार ने मेरी बात मानकर उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिससे मैं अत्यन्त प्रसन्न हूं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोग पूरे विश्व में रहते हैं और सरकार का उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस मनाना उनके लिए एक उपहार होगा, अपने राज्य के बाहर रहने वाले उत्तरप्रदेश के नागरिकों को समारोहपूर्वक एक जगह एकत्र होने का अवसर भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर अपने भाषण की शुरूआत ‘जय महाराष्ट्र’ के उद्घोष से की और कुछ मराठी भाषा में कुछ पंक्तियां बोलकर उपस्थित मराठी लोगों का अभिनंदन कर उन्हें बधाई दी। उन्होंने बताया कि राज्यपाल की प्रेरणा से ‘उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस’ आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, उत्तर प्रदेश सरकार में अगले वर्ष से 24 जनवरी को हर जिले में उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के साथ एक एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में मराठी भाषा पढ़ाए जाने की भी व्यवस्था की जाएगी।
योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल राम नाईक के भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद को प्रोत्साहन देने वाले प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वंदे मातरम् राष्ट्रीयता का जीवंत उदाहरण है, इसने युवाओं को देश की स्वाधीनता के लिए सब कुछ न्यौछावर करने की प्रेरणा दी है और संसद में वंदे मातरम् तथा सांसद निधि की शुरूआत कराने का श्रेय राज्यपाल को जाता है, जब वे सांसद हुआ करते थे। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के उच्चशिक्षा में सुधार हेतु लिए गए निर्णयों की भी प्रशंसा की और कहा कि उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोह समय पर आयोजित हो रहे हैं और विश्वविद्यालयों के सत्र भी नियमित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल शिक्षा, समाज और राष्ट्र से जुड़े मुद्दे प्रभावी ढंग से उठाते हैं। समारोह में राज्यपाल राम नाईक की पत्नी कुंदा नाईक, सांगली से सांसद काका पाटिल, भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर श्रुति सडोलीकर काटकर, महाराष्ट्र समाज लखनऊ के अध्यक्ष अनुराग नातू, मराठी समाज उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष उमेश पाटील और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इनके बीच कहा कि लोकतांत्रिक संघर्षों के बाद 1960 में महाराष्ट्र अलग राज्य के रूपमें स्थापित हुआ, महाराष्ट्र का धार्मिक, राजनैतिक एवं आर्थिक क्षेत्र में योगदान अप्रतिम है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयता के लिए शिवाजी का नाम लिया जाता है, शिवाजी ने हिंदवी साम्राज्य की स्थापना की तथा बिना किसी भेदभाव के स्वाभिमान से जीने का रास्ता दिखाया। मुख्यमंत्री ने भी महाराष्ट्र के इतिहास पर संक्षिप्त विचार रखे। इस अवसर पर मराठी में पुस्तिका ‘गीत रामायण’ का वितरण किया गया। समारोह का आयोजन महाराष्ट्र समाज लखनऊ, मराठी समाज उत्तर प्रदेश और भातखंडे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय लखनऊ के सहयोग से किया गया था। समारोह में श्रीधर फड़के ने अपनी विशिष्ट शैली में गीत रामायण प्रस्तुत करके जनसमूह को भावविभोर कर दिया। उन्होंने गायन की शुरूआत ‘वंदे मातरम्’ से की तथा महाराष्ट्र गीत ‘जय-जय महाराष्ट्र माझा’ जैसी शानदार प्रस्तुति दी।