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Wednesday 3 May 2017 01:23:23 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कल विद्या वीरता अभियान शुरू किया और इसके महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने सशस्त्र बलों के अत्यंत कठिनाई में राष्ट्र की सेवा करने में उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद यही हमारे असली नायक हैं, जबकि स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता के लिए अत्याचारों का मुकाबला किया और अपना बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि सत्याग्रह के समय से ही स्वतंत्रता सेनानी हमारे स्वाभाविक महानायक रहे हैं, जिनके प्रयासों से भारत को विदेशी शासन से मुक्ति मिली। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि विद्या वीरता अभियान के जरिए देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ‘वीरता की दीवार’ बनाई जाएगी, इसके लिए स्वैच्छिक आधार पर छात्र और अध्यापक वित्त का प्रबंध करेंगे। उन्होंने कहा कि इस दीवार का आकार 15X20 फीट होगा, जिसपर सभी 21 परमवीर चक्र विजेताओं के पोट्रेट लगाए जाएंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इससे युवाओं में देशभक्ति की भावना संचारित होगी।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस तरह के आयोजन से हमारे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों का माहौल बदलेगा, इसका उद्देश्य हमारे युवाओं में देशभक्ति की भावना को दोबारा जीवित करना है। उन्होंने कहा कि हम किसी को देशभक्ति की सीख देने में रुचि नहीं रखते, क्योंकि यह स्वत: स्फूर्त भावना होती है, परंतु इसको दोबारा उभारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम इसे किसी पर थोपना नहीं चाहते। आयोजन में परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार और योगेंद्र सिंह यादव ने अपने युद्धकालीन स्मृतियों और अनुभवों को उपस्थितजनों के साथ साझा किया और युवाओं में देशभक्ति की भावनाओं का निरूपण किया।
कार्यक्रम को रक्षा राज्यमंत्री डॉ सुभाष रामाराव भामरे और आयोजन के संयोजक तरुण विजय ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर थलसेना, वायुसेना और नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल सरत चंद्र, एयर मार्शल एचएन भागवत, रियर एडमिरल केके पांडेय, परमवीर चक्र प्राप्त ग्रेनेडियर संजय कुमार और सूबेदार योगेंद्र सिंह उपस्थित थे। परमवीर चक्र विजेताओं पर फोटो पोट्रेट और पुस्तक भी जारी की गई और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को प्रस्तुत की गई। आयोजन में विश्वविद्यालयों के कई कुलपति, विद्वान, पूर्व सैनिक और स्कूली बच्चे उपस्थित थे।