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Wednesday 3 May 2017 06:50:45 AM
पोर्ट ब्लेयर। दक्षिण पश्चिमी कमान ‘सट्राइक वन’ ने भूमि पर प्रहार करने वाली क्रूज़ मिसाइल प्रणाली से युक्त अत्याधुनिक ब्रह्मोस ब्लॉक-3 का आज अंडमान निकोबार में लगातार दूसरे दिन सफल परीक्षण किया। इस परीक्षण ने दुर्जेय हथियारों से मार करने की क्षमता को और मज़बूत किया है। इसी स्थान से कल लंबी-दूरी तक मार करने वाले सामरिक हथियारों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों का ये परीक्षण, मोबाइल ऑटोनॉमस लॉंचर्स से पूर्ण परिचालन अवस्था में भूमिसे भूमि पर मार करने वाली मिसाइल के रूप में अपनी पूर्ण क्षमता के साथ किया गया।
ब्रह्मोस ब्लॉक-3 ने उच्चस्तर और जटिल युद्धाभ्यासों को आयोजित करते समय कॉपीबुक तरीके से सभी उड़ान मापदंडों को पूरा करते हुए भूमि आधारित निर्धारित लक्ष्य पर वांछित सटीकता के साथ सफलतापूर्वक हमला किया। बहुभूमिका वाली इस मिसाइल की दोनों ही परीक्षणों के दौरान लक्ष्य पर हमले करने के मामले में मिसाइल की सटीकता एक मीटर से भी कम रही। यह लगातार पांचवां मौका है, जब ब्रह्मोस के ब्लॉक-3 संस्करण का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है और भूमि पर हमला करने के मामले में इसकी श्रेणी के किसी अन्य हथियार ने अभी तक यह अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल नहीं की है।
ब्रह्मोस को वर्ष 2007 में अपनाने वाली दुनिया की पहली थलसेना की उपलब्धि पाने वाली भारतीय सेना इस दुर्जेय हथियार की कई अन्य श्रेणियों को विकसित कर चुकी है। इस मिसाइल को संयुक्त रूपसे भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओएम ने मिलकर विकसित किया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री अरुण जेटली ने भारतीय आयुद्ध विज्ञानियों की इस सफलता पर और भारतीय सेना के पास ऐसी मिसाइल होने पर बधाई दी है। गौरतलब है कि भारतीय सेना ने युद्ध की इस तकनीक में खासी सफलता हासिल की है। ब्रह्मोस की मारक क्षमता से चीन और पाकिस्तान में चिंता है और ये दोनों देश भारत के सामने अपनी युद्धक क्षमता बढ़ाने में लगातार प्रयासरत हैं।