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Thursday 11 May 2017 05:11:01 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके कार्यालय शास्त्री भवन लखनऊ में जापान के राजदूत केंजी हिरामत्सू ने भेंट की और जापान और उत्तर प्रदेश के बीच संपर्क बढ़ाने, पर्यटन, भाषा शिक्षा और औद्योगिक क्षेत्रों में सहयोग करने एवं जापान में उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा की संभावनाओं के संबंध में मुख्यमंत्री के साथ लम्बा विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर जापानी दूतावास के सेकेंड सेक्रेटरी अकिओ सुगिमोतो भी उपस्थित थे। योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान केंजी हिरामत्सू ने उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने पर भी हार्दिक बधाई दी। जापान के राजदूत ने कहा कि भारत और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के साथ जापान के सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक सम्बंध रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा कि भारत और जापान के प्रगाढ़ सम्बंध हैं, जिनके दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार इन मजबूत रिश्तों का राज्य के विकास के लिए सदुपयोग करना चाहेगी। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि ये संबंध और बड़ी ऊँचाइयां हासिल करें। जापानी राजदूत से भेंट के अवसर पर उत्तर प्रदेश के विकास तथा आपसी सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
जापान के राजदूत केंजी हिरामत्सू ने मुख्यमंत्री से कहा कि जापान की सरकार यह चाहती है कि दोनों देशों के गहरे रिश्तों को आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से और ज्यादा सुदृढ़ किया जाए, जापान और भारत के नागरिकों के बीच सम्पर्क बढ़ाते हुए वैचारिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वाराणसी भ्रमण के मौके पर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने कन्वेंशन सेंटर की जो सौगात दी थी, वह शीघ्र ही पूरी हो जाएगी। वाराणसी एवं क्योटो के बीच पार्टनर सिटी एग्रीमेंट किया गया, जिसके तहत जल, सीवरेज तथा कूड़ा प्रबंधन के आधुनिकीकरण के साथ ही, शहरी यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने की बात कही गई है। उन्होंने वाराणसी में गंगा नदी के पुनरुद्धार तथा अपशिष्ट निस्तारण सहित गोरखपुर में फातिमा अस्पताल एवं जनपद अम्बेडकरनगर में विद्यालय की स्थापना हेतु जापान से प्रदत्त आर्थिक मदद का उल्लेख करते हुए कहा कि भविष्य में भी उनके देश से उत्तर प्रदेश को ऐसा ही सहयोग मिलता रहेगा। जापान के राजदूत ने यह भी जानकारी दी कि तापीय बिजली घरों में प्रदूषण को कम करने के लिए ओडीए के लोन भी प्रदान किए जाते हैं और प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में प्रदेश के तापीय बिजलीघरों को नई तकनीक के माध्यम से आधुनिक बनाने की दिशा में जापान सरकार सहयोग करने की इच्छुक है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बौद्ध परिपथ के तहत वाराणसी, सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु एवं श्रावस्ती आदि क्षेत्रों में जापान सहित विभिन्न देशों के बौद्ध पर्यटकों की सुविधाओं के विस्तार हेतु राज्य सरकार विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जापान सरकार ने बौद्ध परिपथ की पिछली परियोजनाओं में सहयोग प्रदान किया है, राज्य सरकार चाहेगी कि उसी प्रकार का सहयोग भविष्य में भी प्राप्त होता रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार शिक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन लाकर इसे गुणवत्ता एवं रोज़गारपरक बनाने के लिए संकल्पबद्ध है, इसे ध्यान में रखकर कक्षा 11 व 12 के विद्यार्थियों के लिए विदेशी भाषाओं के अध्ययन की व्यवस्था कराई जाएगी, इसीके तहत जापानी भाषा के पठन-पाठन की भी व्यवस्था कराई जाएगी। जापान के राजदूत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच उत्तर प्रदेश के संदर्भ में काफी देरतक वार्तालाप हुआ, जिसमें समझा जाता है कि योगी आदित्यनाथ ने यहीं बैठे बैठाए जापान से उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास संबंधी और भी आश्वासन प्राप्त किए हैं।
जापान के राजदूत केंजी हिरामत्सू ने उत्तर प्रदेश सरकार की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि जापानी भाषा सिखाने के लिए शिक्षकों की ट्रेनिंग में उनके देश की सरकार सहयोग प्रदान करने की इच्छुक है। उत्तर प्रदेश में जापानी भाषा को सिखाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में आईआईटी कानपुर, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय तथा एमिटी विश्वविद्यालय के स्तर पर अच्छी व्यवस्था की गई है। उन्होंने इन तीनों विश्वविद्यालयों में जापानी भाषा सिखाने के गुणवत्तायुक्त प्रयासों की सराहना की और कहा कि आईआईटी कानपुर तथा टोक्यो विश्वविद्यालय के बीच शैक्षणिक आदान-प्रदान की तरह ही उत्तर प्रदेश एवं जापान के और भी विश्वविद्यालयों को जोड़ा जा सकता है। गौरतलब है कि इनमें एमिटी विश्वविद्यालय भारत का निजी क्षेत्र का विख्यात शिक्षण संस्थान है, जिसके और भी कई देशों में प्रतिर्स्पद्धात्मक कैम्पस हैं। उन्होंने कहा कि जापान विभिन्न सांस्कृतिक एवं शिक्षा-शोध संबंधी कार्य के लिए भी उत्तर प्रदेश से सहयोग करना चाहेगा। इसपर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए कृतसंकल्प है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि जापान उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड जैसे पिछड़े इलाकों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास में उल्लेखनीय भूमिका निभा सकता है और ऐसा होने पर इस संबंध में राज्य सरकार जापान को हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। राजदूत हिरामत्सू ने कहा कि वे जापान के प्रतिष्ठित निवेशकों एवं उद्योगपतियों के एक दल को उत्तर प्रदेश में भ्रमण के लिए लाना चाहेंगे। मुख्यमंत्री ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार औद्योगिकरण एवं विकास योजनाओं के सफल क्रियांवयन के लिए कृतसंकल्पित है, जापान सरकार की ओर से जो सहयोग मिलेगा, उससे आपसी रिश्तों को और प्रगाढ़ करने में मदद ही मिलेगी। भारत और जापान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के चलते इन वर्षों में एक दूसरे के काफी करीब आए हैं और जापान की भारत के विकास में और खासतौर से उत्तर प्रदेश के विकास में दिलचस्पी बढ़ी है। सांस्कृतिक तौरपर जापान और उत्तर प्रदेश में बड़ा गहरा रिश्ता है, जिसका मुख्य संबंध भगवान बुद्ध से है, जिनका उत्तर प्रदेश में परिनिर्वाण का रिश्ता है और जापान बौद्धधर्म को माननेवाला देश है।