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Saturday 13 May 2017 01:35:32 AM
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने कॉंस्टीट्यूशन क्लब नई दिल्ली में सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य के राजनीतिक दलों के साथ एक बैठक आयोजित की, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपैट, चुनाव में रिश्वतखोरी को एक संज्ञेय अपराध बनाना, चुनाव में रिश्वतखोरी के अपराध के लिए आरोप तय करने पर अयोग्यता, वीवीपैट रिकाउंट रूल्स के बारे में सुझाव जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में 7 राष्ट्रीय और 35 राज्यस्तरीय दलों ने भाग लिया। बैठक में मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ नसीम जैदी ने सभी राजनीतिक दलों के योगदान को रेखांकित किया और कहा कि प्रणालीगत सुधार और प्रगतिशील उपायों का उद्देश्य चुनावी प्रक्रियाओं और प्रणालियों में सुधार लाना है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने हाल ही में भिंड और धौलपुर में हुए उपचुनावों में कथित तौरपर ईवीएम में हेरफेर की घटनाओं के बारे में कुछ राजनैतिक दलों के सवालों का जवाब देते हुए इन्हें बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया। चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट की छेड़छाड़ के खिलाफ तकनीकी, प्रशासनिक और प्रक्रियात्मक प्रोटोकॉल के बारे में मजबूत सुरक्षा की व्यापक रेंज पर प्रकाश डाला। डॉ नसीम जैदी ने कहा आयोग उन सुझावों का स्वागत करता है कि कैसे ईवीएम की विश्वसनीयता में और सुधार किया जा सकता है। गौरतलब है कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा को आशातीत सफलता मिलने पर बसपा अध्यक्ष मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं उसके बाद बारी-बारी से बाकी राजनीतिक दलों ने ईवीएम की वफादारी पर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद चुनाव आयोग को यह कहना पड़ा है कि सभी राजनीतिक दलों के सामने ईवीएम मशीन अपनी वफादारी सिद्ध करेगी।
सीईसी ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को जानकारी दी कि चुनाव आयोग राजनैतिक दलों को चुनौती देगा तथा उन्हें इसका मौका भी देगा कि वे हाल में ही हुए विधानसभा चुनावों में प्रयोग की गई ईवीएम मशीनों के साथ हुई छेड़छाड़ का सबूत दें और सिद्ध करें कि ईवीएम मशीनों के साथ निर्धारित तकनीकी एवं प्रशासनिक सुरक्षा उपायों के तहत भी गड़बड़ी की जा सकती है। ईवीएम मशीनें बिल्कुल ईमानदार हैं, यह बात चुनाव आयोग शुरू से ही कहता आ रहा है। दिल्ली विधानसभा में एक डैमो ईवीएम का यह प्रदर्शन किया गया कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है। यह केवल डैमो ईवीएम थी, जिसका असली ईवीएम मशीन से कोई भी मतलब नहीं था, जोकि एक गैरकानूनी प्रदर्शन था। चुनाव आयोग इस विषय पर बहुत गंभीर है और वह राजनीतिक दलों के सामने ईवीएम की वफादारी पर लोकापवाद को सदा के लिए समाप्त कर देना चाहता है। बैठक में चुनाव आयुक्त एके जोति और ओपी रावत भी मौजूद थे।