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Monday 15 May 2017 11:11:39 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कहा है कि कर प्रणाली को सीधा और सरल होना चाहिए, महाभारत के शांतिपर्व में कहा गया है कि जिस प्रकार भंवरा फूल को नुकसान पहुंचाए बिना पराग हासिल करलेता है, करोंकी व्यवस्था भी वैसीही होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्भवतः ऐसीही बातों को ध्यान में रखकर जीएसटी कानून पारित कराने का काम किया है। उन्होंने कहा कि विधायन विशेषकर आर्थिक विषयों पर विधि निर्माण जटिल कार्य है, विधि का प्रभाव सीधे तौर पर जनमानस पर पड़ता है, इसलिए विधायकों को विधेयकों के विभिन्न बिंदुओं की जानकारी आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि जीएसटी व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के ही हित में है, इससे अनेक वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी तथा व्यापारियों को भी अपने कर खातों को व्यवस्थित करने में सरलता होगी।
विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित लोकभवन में जीएसटी विषय पर पीआरएस लेजिस्लेटिव इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी रिसर्च स्टडीज के विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम में विचार व्यक्त कर रहे थे। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने आयोजित किया था। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के प्रबोधन केलिए इस तरह के आयोजन होते रहे हैं, उसी परिपाटी पर इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया है। पीआरएस संस्थान ने इस विषय सहित अन्य विषयों पर सांसदों और अन्य प्रदेशों के विधायकों का प्रबोधन किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कहा कि आजादी के बाद देश में आर्थिक सुधारों के क्षेत्र में जीएसटी सबसे बड़ा कदम है, इसके लागू होने से ‘एक देश-एक टैक्स’ की अवधारणा वास्तविक आकार लेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान कर प्रणाली के अंतर्गत एक वस्तु पर कईबार कर लगने के साथ ही कर पर कर लगने की स्थिति भी पैदा हो जाती है, इसलिए अलग-अलग करों को समाहित करते हुए एक कर प्रणाली लागू करने केलिए जीएसटी कानून पारित कराया जा रहा है, जो ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि संसद सहित 8 राज्यों ने जीएसटी विधेयक को पारित किया जा चुका है, उत्तर प्रदेश की विधानसभा में भी आज इस विधेयक को स्थापित कर दिया गया है। जीएसटी विधेयक पारित करने वाला उत्तर प्रदेश 9वां राज्य बनेगा। जीएसटी पर विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम के आयोजन हेतु विधानसभा अध्यक्ष को साधुवाद देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों को जनता पर प्रभाव डालने वाले जीएसटी जैसे विषयों की जानकारी होनी चाहिए, इससे विधानसभा में चर्चा के दौरान विधायकगण अपनी बात रखने में सरलता होने के साथ ही, विधानसभा में होने वाली बहस को नई गरिमा और ऊँचाई मिलेगी।
प्रबोधन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संसदीयकार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या के मामले में देश का सबसे बड़ा राज्य है, यहां उपभोक्ताओं की संख्या भी सर्वाधिक है, इसलिए जीएसटी के लागू होने से प्रदेश को राजस्व में बड़ा फायदा होगा। उन्होंने कहा कि राज्यों के राजस्व में कमी पर केंद्र सरकार ने 5 साल तक भरपाई के प्राविधान के लिए भारत सरकार को बधाई दी जानी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान पीआरएस लेजिस्लेटिव इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी रिसर्च स्टडीज की टीम ने विधायकों को प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जीएसटी एक्ट के विभिन्न प्राविधानों और पहलुओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई। प्रस्तुतिकरण के पश्चात पीआरएस की टीम ने विधायकों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। इस अवसर पर विधान परिषद के सभापति रमेश यादव, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ दिनेश शर्मा, मंत्रिपरिषद के अनेक सदस्य, प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे उपस्थित थे।