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Monday 15 May 2017 11:19:51 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से इजराइल के राजदूत डेनियल कारमॅन ने राजभवन में शिष्टाचारिक मुलाकात की। राजदूत डेनियल कारमॅन ने इस मौके पर राज्यपाल से कहा कि उत्तर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन, कृषि, उद्यान के साथ-साथ फूलों की खेती आदि ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें इजराइल सहयोग करना चाहता है, विशेषकर आम और अमरूद की खेती में। उन्होंने कहा कि इजराइल की इच्छा है कि वह पानी की कमी, ‘ड्राइफार्मिंग’ यानी कम सिंचाई में खेती में एवं ‘सेलाइन वाटर’ के क्षेत्र में भी भारत का सहयोग करे। डेनियल कारमॅन ने बताया कि वह चाहते हैं कि महाराष्ट्र के अल्फासों एवं मलिहाबाद की दशहरी आम पर अनुसंधान किया जाए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सुरक्षा के क्षेत्र में इजराइल को विशेषज्ञता हासिल है।
राज्यपाल राम नाईक ने राजदूत डेनियल कारमॅन को बताया कि उत्तर प्रदेश आबादी की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है, विश्व में चीन, ब्राजील, इंडोनेशिया और अमेरिका के बाद जनसंख्या के आधार पर भारत का अकेला राज्य उत्तर प्रदेश पांचवे स्थान पर है। उन्होंने राजदूत को बताया यूपी के पास एक बड़ी युवा शक्ति भी है, जिसे स्वावलम्बी, आत्मनिर्भर और शिक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश का मुख्य व्यवसाय कृषि एवं कृषि आधारित अन्य उद्योग हैं, जिनमें विस्तार और निवेश की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश का लगभग हर जिला किसी न किसी विशेष उत्पाद के लिए जाना जाता है, फलों की खेती एवं अन्य औद्यानिक फसलों की खेती भी यहां होती है, चाहे मलिहाबाद के आम हों या इलाहाबाद के अमरूद। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध प्रदेश है।
डेनियल कारमॅन ने ‘इजराइल सल्यूशन फार ए वाटर स्टारव्ड वर्ल्ड-लेट देयर बी वाटर’ नामक पुस्तक जो पानी की समस्याओं को दूर करने के संबंध में है, राज्यपाल को भेंट की तथा एक स्मृति चिन्ह भी दिया। राज्यपाल ने अपनी ओर से इजराइल के राजदूत को उत्तर प्रदेश के पक्षियों पर आधारित पुस्तक ‘बर्ड्स ऑफ उत्तर प्रदेश’ तथा स्वयं लिखित मराठी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ का अंग्रेजी अनुवाद ‘मार्चिंग अहेड’ उपहार स्वरूप दिया।