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Thursday 18 May 2017 06:54:32 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने रेलवे स्टेशनों पर स्वच्छता से जुड़ी तीसरे पक्ष की लेखा रिपोर्ट जारी करते हुए स्वच्छ रेल परियोजना का उद्घाटन किया। आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम और पंजाब में ब्यास रेलवे स्टेशन ने क्रमशः ए1 और ए श्रेणी में देशभर के सबसे स्वच्छ स्टेशनों का स्थान हासिल किया। दूसरी ओर ए श्रेणी के रेलवे स्टेशनों में खम्मन स्टेशन स्वच्छता के मामले में पिछले वर्ष के 285वें स्थान से सीधा दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। रेलवे स्टेशन और रेलों की रैंकिंग एवं रैंकिंग के लिए अपनाई गई प्रणाली और स्टेशन या ट्रेन विशेष डैशबोर्ड को प्रदर्शित करने के लिए रेलमंत्री ने एक ‘एक स्वच्छ रेल पोर्टल’ देश को समर्पित किया। यात्री इसपर जाकर स्टेशनों एवं रेलों में स्वच्छता के बारे में अपना फीडबैक दर्ज करा सकते हैं। पोर्टल का लिंक http://www.railswachh.in है।
रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय रेलवे ने स्टेशनों की स्वच्छता संबंधी रैंकिंग तय करने के लिए पिछले वर्ष तीसरे पक्ष के स्वच्छता सूचकांक की शुरुआत की थी, जिसके चलते रेलवे ने स्टेशनों की सफाई में काफी अधिक सुधार किया है, इस सूचकांक ने स्टेशनों के बीच प्रतियोगी भावना भी पैदा की है। उन्होंने कहा कि प्लेटफॉर्म पर स्वच्छता को लेकर सबसे बड़ी चुनौती यात्रियों के साथ आने वाले आगंतुक हैं, रेलवे स्टेशनों पर आगंतुकों द्वारा बड़ी संख्या में शौचालयों आदि का भी उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि रेलवे को काफी आगे के बारे में सोचना है और तेज़ी से आगे बढ़ना है, रेलवे का ध्यान मुख्य रूपसे प्लेटफॉर्म की स्वच्छता, डिब्बों की स्वच्छता और रेल डिब्बों में शौचालयों की स्वच्छता पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि रेलवे ने क्लीन माइ कोच सेवा की शुरुआत भी की है, जिसे यात्रियों का ज़बर्दस्त समर्थन मिल रहा है।
सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संबंधित राज्यों की नगर निगमों से आग्रह करते हुए कहा कि वे आगे आएं और रेलवे ट्रैक के आस-पास के अतिक्रमण वाले क्षेत्रों में ट्रैकों को गंदा होने से बचाएं। उन्होंने कहा कि ए1 श्रेणी में प्रथम स्थान हासिल कर विशाखापट्टनम स्वच्छता सूचकांक में विजेता बन गया है, जबकि ए श्रेणी में प्रथम स्थान हासिल करने वाला ब्यास भी स्वच्छता सूचकांक में विजेता बना है। उन्होंने कहा कि गुवाहाटी, वाराणसी, मुग़लसराय और हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशनों ने स्वच्छता के मामले में काफी सुधार किया है। विभिन्न गैर सरकारी संगठनों, छात्रों के समूह आदि ने अपने-अपने शहरों में स्टेशनों को स्वच्छ बनाने में अहम योगदान दिया है। उन्होंने इस उपलब्धि को संबंधित क्षेत्र को लोगों को समर्पित करते हुए वहां की जनता को धन्यवाद दिया।
रेलमंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जिसके पास 66,000 किलोमीटर का रूट स्ट्रेच और 8000 से अधिक स्टेशन हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2 अक्टूबर 2014 को ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरुआत के परिणामस्वरूप भारतीय रेलवे ने भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर 2019 तक स्वच्छ भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से ‘स्वच्छ रेल, स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015, 2016 एवं 2017 में पेश किए गए रेल बजट में रेलवे स्टेशनों को स्वच्छ बनाने के लिए कई नई पहल एवं उपायों की घोषणा की गई है, इसी के तहत स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान की भी शुरुआत की गई। उन्होंने कहा कि फरवरी 2016 के बजट में एक नई पहल के तहत रेलवे स्टेशनों की ए1 और ए श्रेणी के लिए नियमित आधार रैंकिंग कराने की बात कही गई थी, यात्रियों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर तीसरे पक्ष के ऑडिट सूचकांक को इसके अंतर्गत तैयार कर स्टेशनों को रैंकिंग दी जाती है।
सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि रेल मंत्रालय (पर्यावरण एवं हाउसकीपिंग प्रबंधन निदेशालय रेलवे बोर्ड) ने बड़े रेलवे स्टेशनों पर यात्री फीडबैक सर्वेक्षण आयोजित किया। सर्वेक्षण का कार्य भारतीय रेलवे कैटरिंग और टूरिज़्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) को सौंपा गया था। आईआरसीटीसी ने पहला सर्वेक्षण 2016 में किया। सर्वेक्षण के दौरान स्टेशनों पर स्वच्छता से जुड़े विभिन्न मापदंडों के आधार पर यात्रियों का साक्षात्कार किया गया और उसके आधार पर स्टेशनों पर रेटिंग दी गई। दूसरा सर्वेक्षण भारतीय गुणवत्ता परिषद् ने किया था, जिसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर भारतीय रेलवे के 407 बड़े रेलवे स्टेशनों (75 ए1 श्रेणी के स्टेशन और 332 ए श्रेणी के स्टेशन) पर सर्वे किया था। सर्वेक्षण के लिए अपनाए गए मापदंडों में पार्किंग में स्वच्छता, मुख्य प्रवेश क्षेत्र, मुख्य प्लेटफॉर्म, प्रतीक्षा कक्ष की प्रक्रिया का मूल्यांकन (33.33 फीसदी), भारतीय गुणवत्ता परिषद् के निर्धारकों के प्रत्यक्ष अवलोकन (33.33 फीसदी) और यात्री फीडबैक (33.33 फीसदी) शामिल हैं। इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए एक 24x7 कंट्रोल कक्ष भी स्थापित किया गया था।
स्वच्छता सर्वे एजेंसी की आगे की कार्रवाई करने के लिए रेलवे मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट में स्टेशनों पर स्वच्छता सर्वेक्षण और आकलन के आधार पर 407 बड़े रेलवे स्टेशनों को रैंकिंग दी गई है। भारतीय गुणवत्ता परिषद् अपनी अंतिम रिपोर्ट जल्द ही मंत्रालय को सौंप देगा। कार्यक्रम में रेल राज्यमंत्री राजेन गौहेन, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल, रॉलिंग स्टॉक के सदस्य रविंद्र गुप्ता, रेलवे बोर्ड के सदस्य, भारतीय गुणवत्ता परिषद् के अध्यक्ष आदिल ज़ैनुलभाई और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। पर्यावरण और हाउसकीपिंग प्रबंधन सलाहकार एके तिवारी ने कार्यक्रम का आयोजन किया।