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Sunday 21 May 2017 11:58:38 PM
नई दिल्ली। रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने रेल सुरक्षा विषयों पर गैर-रेल हितधारकों के साथ गोलमेज सम्मेलन का उद्घाटन किया और कहा कि रेल में संरक्षा और सुरक्षा हमेशा चुनौती का विषय रहे हैं, इसलिए इसका महत्व अधिक है। उन्होंने कहा कि सुरक्षित और सुनिश्चित तरीके से रेलगाड़ियों के परिचालन में अनेक चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि भारत में रेल नेटवर्क में अनेक कमजोर सेक्शन हैं, भारतीय रेल सुरक्षा में सुधार के लिए विभिन्न हितधारकों के विचारों पर गौर कर रहा है, उदाहरण के लिए भारतीय रेल ने सुरक्षा निगरानी के लिए कोंकण रेलवे में केंद्रीय निगरानी प्रणाली की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि रेलवे अब खुफिया सूचनाएं एकत्र करने और फोरेंसिक विषयों पर बल दे रहा है।
रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि भारतीय रेलवे अपने नेटवर्क में महिला यात्रियों की सुरक्षा में सुधार के विभिन्न अतिरिक्त कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल को स्थानीय पुलिस के साथ घनिष्टता से काम करना होता है, क्योंकि कानून और व्यवस्था राज्यों का विषय है, भारतीय रेल में सुरक्षा की नई चुनौतियों का सामना करने के लिए यह विचार आवश्यक है। सम्मेलन में मौजूद रेल बोर्ड के सदस्य (स्टाफ) प्रदीप कुमार ने बताया कि यात्रियों, विशेषकर महिलाओं, नाबालिकों, दिव्यांगजनों और बीमार व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकताओं और संवेदी दृष्टिकोण विकसित करने के लिए सूक्ष्म कौशल प्रशिक्षण प्रदान किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटकों विशेषकर विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता दी गई है।
आरपीएफ के महानिदेशक एसके भगत ने कहा कि बड़ी संख्या में यात्रियों की चिंताओं को दूर करने के लिए जुड़ना चुनौतीपूर्ण कार्य है और आरपीएफ फेसबुक, ट्वीटर जैसे सोशल मीडिया का व्यापक उपयोग कर रहा है और यात्रियों के शिकायतों के समाधान के लिए सुरक्षा हेल्पलाइन 182 स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि 182 पर कॉल में 32.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, इन कॉलों में चिकित्सा सहायता, यात्री सुविधा, नवजातों के दूध के लिए कॉल शामिल है और यात्रियों की संतुष्टि का स्तर 90 प्रतिशत से अधिक है। गोलमेज सम्मेलन में रेल राज्यमंत्री राजेन गोहेन, रेल बोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल, रेल बोर्ड के सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सत्र में चर्चा के दौरान विभिन्न हितधारकों ने इनपुट प्रदान किए, जिन्हें लागू करने के प्रयास किए जाएंगे।