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Monday 22 May 2017 11:39:46 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के कार्यांवयन को लेकर एक संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्त, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त, राज्य सूचना आयुक्त, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि और अन्य हितधारक शामिल हुए। संगोष्ठी का शुभारंभ केंद्रीय सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त राधाकृष्ण माथुर ने किया और पिछले कुछ साल के दौरान केंद्रीय सूचना आयोग में लंबित मामलों को निपटाने के लिए विभाग के प्रयासों पर प्रकाश डाला और आयोग में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देने और उसका सदुपयोग करने की दिशा में कार्य करने के बारे में भी बताया।
सूचना आयुक्त प्रोफेसर एम श्रीधर आचार्युलु ने गिरीश आर देशपांडे और अन्य मामलों का उदाहरण देते हुए सार्वजनिक कर्मियों की गोपनीयता के दायरे पर विस्तार से चर्चा की। कॉमनवेल्थ ह्युमन राइट्स इनिशिएटिव के निदेशक संजय हज़ारिका ने ‘अधिक प्रोफेशनल पत्रकारिता के एक हथियार के तौर पर आरटीआई’ से जुड़े विषय पर प्रकाश डाला। अंजलि ने आरटीआई कानून से जुड़े विभिन्न फैसलों के बारे में जानकारी दी। अमृता जौहरी ने ‘आरटीआई अधिनियम के कार्यांवयन पर राष्ट्रीय आकलन’ विषय पर संबोधित किया। आरटीआई कार्यकर्ता एससी अग्रवाल ने आवेदकों को आरटीआई अधिनियम के दुरुपयोग के बारे में जानकारी दी। सीएचआरआई के वेंकटेश नायक ने आरटीआई न्यायशास्त्र में कुछ विरोधात्मक घटनाओं पर प्रकाश डाला। महिति अधिकार गुजरात पहल की पंक्ति जोग ने आरटीआई के जरिए दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों की शासन प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों से जुड़े विषयों पर प्रकाश डाला।
बीएच वीरेश ने कर्नाटक में टिकट और पंजीकरण विभाग में आरटीआई अधिनियम के कार्यांवयन के लिए महिथि हक्कु अध्ययन केंद्र के प्रयासों के बारे में संगोष्ठी में बताया। यूपी स्टेट रिसॉर्स पर्सन के राजेश मेहतानी ने उत्तर प्रदेश में आरटीआई अधिनियम के कार्यांवयन में हुए विकास पर प्रकाश डाला। बीएसएनएल के दीपक सिंह ने आरटीआई अधिनियम की धारा-24 में संशोधन के मुद्दे के बारे में बताया। वाईएएसएचएडीए की एसोसिएट प्रोफेसर दीपा सादेकर देशपांडे ने महाराष्ट्र में आरटीआई अधिनियम से जुड़ी कुछ सफलतम घटनाओं एवं कहानियों पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी का समापन सूचना आयुक्त यशोवर्धन आज़ाद के संबोधन के साथ हुआ।