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Tuesday 23 May 2017 05:27:52 AM
नई दिल्ली। इनपुट और इनपुट सेवाओं से जुड़े भुगतान किए गए जीएसटी का पूर्ण इनपुट टैक्स क्रेडिट के सेवा प्रदाता पात्र होंगे। पंचायत या नगरपालिका के मनोरंजन करों को छोड़कर वस्तु और सेवाकर के तहत संविधान की राज्य सूची की 62 प्रविष्टि द्वारा कवर किए गए मनोरंजन पर लगने वाले विभिन्न करों को सम्मिलित किया गया है। सिनेमाघरों में मनोरंजन करने या फिल्मों के छायांकन देखने के लिए सेवाओं पर जीएसटी परिषद से अनुमोदित जीएसटी की दर 28 प्रतिशत है, हालांकि वर्तमान में कुछ राज्यों के थियेटर, सिनेमा हॉल में सिनेमाटोग्राफ़ी फिल्मों के प्रदर्शन के संबंध में मनोरंजन कर की दर शत-प्रतिशत तक है। कई राज्यों में केबल टीवी और डायरेक्ट-टू-होम पर मनोरंजन कर की दर 10-30 प्रतिशत तक है, इसके अलावा 15 प्रतिशत की दर से सेवाकर भी लगाया जाता है। इसके विपरीत इन सेवाओं पर जीएसटी परिषद से अनुमोदित जीएसटी की दर 18 प्रतिशत है।
जीएसटी परिषद सर्कस, थियेटर, लोकनृत्य और नाटक सहित भारतीय शास्त्रीय नृत्य देखने के लिए 18 प्रतिशत यथा मूल्य शुल्क है, इसके अलावा जीएसटी परिषद ने 250 रुपए प्रति व्यक्ति तक के प्रवेश पर छूट देने को मंजूरी दे दी है, इन सेवाओं पर वर्तमान में राज्य मनोरंजन कर लगाते हैं। इस प्रकार जीएसटी के तहत मनोरंजन सेवाओं पर कम कर लगेगा। जीएसटी की कम दरों के शीर्षक का लाभ लेने के अतिरिक्त सेवा प्रदाता इनपुट और इनपुट सेवाओं से जुड़े जीएसटी के पूर्ण इनपुट टैक्स क्रेडिट के पात्र होंगे। वर्तमान में ऐसे सेवा प्रदाता घरेलू पूंजीगत वस्तुओं पर भुगतान किए गए वैट और आयातित पूंजीगत सामान तथा इनपुट पर इनपुट या विशेष अतिरिक्त शुल्क के संबंध में इनपुट क्रेडिट का लाभ लेने के पात्र नहीं हैं। इस प्रकार जबकि जीएसटी एक मूल्य संवर्धित कर है, वहीं मनोरंजन कर वर्तमान में राज्यों के लगाए गए कुल बिक्रीकर की तरह है।
वस्तु और सेवाकर लागू होने से सीमेंट के पैकेट, दवाईयों, स्मार्ट फोन और सर्जिकल उपकरणों जैसी विभिन्न वस्तुओं पर कर दर घटने से उपभोक्ताओं को लाभ होगा। सीमेंट के पैकेट पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क 12.5 प्रतिशत और 125 रुपए पीएमटी तथा 14.5 प्रतिशत की दर से मानक वैट लगता है। इन दरों पर कुल वर्तमान कर 29 प्रतिशत से अधिक है, अगर इसमें केंद्रीय बिक्रीकर, चुंगी शुल्क, प्रवेशकर आदि शामिल करते हैं तो वर्तमान कुल कर 31 प्रतिशत से अधिक होगा, इसके विपरीत सीमेंट के लिए प्रस्तावित जीएसटी दर 28 प्रतिशत है। आयुर्वेदिक, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथिक या जैव रसायन संबंधी प्रणालियों सहित दवाईयों के मामले में भी कर का बोझ कम होगा। आमतौर पर दवाईयों पर छह प्रतिशत केंद्रीय उत्पाद शुल्क और 5 प्रतिशत वैट लगता है। इनके अलावा दवाईयों पर सीएसटी, चुंगी शुल्क, प्रवेशकर आदि भी लगते हैं, इन दरों पर वर्तमान कुल कर 13 प्रतिशत से अधिक है। इसके विपरीत आयुर्वेदिक औषधियों सहित दवाईयों पर प्रस्तावित जीएसटी दर 12 प्रतिशत है।
स्मार्ट फोन पर 2 प्रतिशत केंद्रीय उत्पाद शुल्क यानी 1 प्रतिशत उत्पाद शुल्क और 1 प्रतिशत राष्ट्रीय आपदा दस्ता शुल्क-एनसीसीडी लगता है। अलग-अलग राज्यों में वैट दर 5 प्रतिशत से 15 प्रतिशत होती है। स्मार्ट फोन पर भारित औसत वैट दर लगभग 12 प्रतिशत है, इस प्रकार स्मार्ट फोन पर कुल वर्तमान कर 13.5 प्रतिशत से अधिक है, इसके विपरीत स्मार्ट फोन के लिए प्रस्तावित जीएसटी दर 12 प्रतिशत है। इसी तरह सर्जिकल उपकरणों सहित चिकित्सीय उपकरणों पर आमतौर पर 6 प्रतिशत केंद्रीय उत्पाद शुल्क और 5 प्रतिशत वैट लगता है। सीएसटी, चुंगी कर, प्रवेश कर आदि के साथ कुल वर्तमान कर 13 प्रतिशत से अधिक है। इसके विपरीत जीएसटी के तहत प्रस्तावित दर 12 प्रतिशत है। हवन सामग्री सहित पूजा सामग्री कर की किसी भी श्रेणी में नहीं होगी, हालांकि इनके सही कर निर्धारण को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।