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Monday 29 May 2017 02:41:16 AM
नई दिल्ली। पशुओं का कल्याण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पशुओं की क्रूरता से सुरक्षा करने के नियम पशुधन बाजार के विनियमन 2017 के कुछ प्रावधानों के बारे में पर्यावरण मंत्रालय को अभिवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य पशु बाजार में पशुओं का कल्याण सुनिश्चित करना और पशुओं के आवास, भोजन भंडारण क्षेत्र, पानी की आपूर्ति, पानी की नांद, रैंप, बीमार पशुओं के बाड़े, पशु चिकित्सा देखभाल और उचित जल निकासी आदि के लिए पर्याप्त सुविधाएं सुनिश्चित करना है। इन सुविधाओं के लिए दो समितियां-पशु बाजार के पंजीकरण के लिए जिला पशु बाजार निगरानी समिति और बाजारों के प्रबंधन के लिए स्थानीय प्राधिकरण स्तर पर पशु बाजार समिति गठित की गई हैं।
पशुधन बाजार के विनियमन का मुख्य उद्देश्य पशुओं को क्रूरता से बचाना है, वधशालाओं के लिए मवेशियों के मौजूदा व्यापार को नियंत्रित करना नहीं है। इस विनियमन में यह माना गया है कि इससे बाजार में मवेशियों का कल्याण सुनिश्चित होगा और किसानों के लाभ के लिए कृषि उद्देश्यों के लिए केवल स्वस्थ पशुओं का ही कारोबार किया जाएगा। इस प्रक्रिया के माध्यम से मवेशी बाजार कृषि के लिए मवेशियों के व्यापार के लिए मुख्य केंद्र बन जाएंगे और वध के लिए किसानों के फार्मो से पशुओं को खरीदा जा सकेगा। विश्वास किया जाता है कि ये अधिसूचित नियम मवेशियों की अवैध बिक्री और तस्करी की संभावना समाप्त कर देंगे, जोकि एक बड़ी चिंता का विषय है। ये विशिष्ट प्रावधान केवल उन पशुओं पर लागू होंगे, जिन्हें अधिसूचित मवेशी बाजार में खरीदा या बेचा गया है और जिन पशुओं को केस संपत्ति के रूप में जब्त किया गया है। ये नियम अन्य क्षेत्रों पर लागू नहीं होते।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय के डब्ल्यू पी (सिविल) संख्या 881 वर्ष 2014 गौरी मौलखी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य मामले में शीर्ष न्यायालय ने नेपाल में आयोजित गधिमी महोत्सव के लिए भारत से पशुओं की हो रही तस्करी को रोकने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने हेतु 13 जुलाई 2015 को आदेश पारित किया था। नेपाल में इस त्यौहार के अवसर पर बड़े पैमाने पर पशुओं की बलि दी जाती है। उच्चतम न्यायालय ने सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी और सीमापार पशुओं की तस्करी रोकने के उपायों सहित कुछ सुझाव भी दिए थे। उच्चतम न्यायालय ने यह निर्देश भी दिए थे कि पशुधन बाजार और केस संपत्ति के पशुओं के संबंध में नियमों को अधिसूचित किया जाए। उच्चतम न्यायालय ने 12 जुलाई 2016 को अंतिम आदेश के माध्यम से इस मंत्रालय को पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम अधिनियम 1960 की धारा 38 के अधीन नियम बनाने के निर्देश दिए थे।
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने उपरोक्त मामले में उच्चतम न्यायालय के सभी सुझावों को शामिल करके मसौदा नियम तैयार किए हैं। पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम (पशुधन बाजार विनियमन) नियम 2017 का मसौदा 16 जनवरी 2017 को अधिसूचित किया गया था, जिसमें प्रभावित होने वाले सभी व्यक्तियों से 30 दिन के भीतर अपनी आपत्ति और सुझाव देने का आमंत्रण किया गया था। इन नियमों के संबंध में 13 अभिवेदन प्राप्त हुए थे, जिनकी विधिवत जांच की गई और जहां उपयुक्त पाया गया है, इन्हें शामिल किया गया है। इन नियमों को अंतिम रूपसे 23 मई 2017 को अधिसूचित किया गया है। प्राप्त प्रतिवेदनों की पर्यावरण मंत्रालय में विधिवत जांच की जाएगी, तद्नुसार आगे कार्रवाई की जाएगी।