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Monday 29 May 2017 04:33:53 AM
नई दिल्ली। भारत की विश्व समुदाय के शक्तिशाली देशों पर ज़ोरदार पकड़ को और ज्यादा मज़बूत बनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौथे भारत-जर्मनी अंत: सरकारी विचार-विमर्श के लिए जर्मन चांसलर अंजेला मार्केल के निमंत्रण पर दो दिन के जर्मनी के दौरे पर हैं। उन्होंने कहा है कि भारत और जर्मनी विशाल लोकतंत्र, प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं तथा क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण देश है और भारत की नीतिगत साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्य तथा उन्मुख, समावेशी एवं नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारत की विकासात्मक गतिविधियों में जर्मनी महत्वपूर्ण साझेदार है और भारत के कायाकल्प के लिए मेरे दृष्टिकोण के साथ जर्मनी की क्षमताएं उपयुक्त बैठती हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी, स्पेन, रूस और फ्रांस की यात्रा पर हैं और वे सबसे पहले जर्मनी पहुंचे हैं। भारत से विदेश जाने से पहले उन्होंने इन यात्राओं के सम्बंध में एक वक्तव्य भी जारी किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वे जर्मनी में बर्लिन के पास मेसबर्ग से अपने दौरे की शुरूआत कर रहे हैं, जहां चांसलर अंजेला मार्केल ने उन्हें आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि 30 मई को चांसलर अंजेला मार्केल और मैं पारस्परिक द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की समीक्षा के लिए चतुर्थ आईजीसी की बैठक करेंगे, हम व्यापार, निवेश, सुरक्षा, आतंकवाद, नवाचार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, दक्षता विकास, शहरी आधारभूत संरचना, रेलवे, नागर विमानन, स्वच्छ ऊर्जा, विकासात्मक सहयोग, स्वास्थ्य एवं वैकल्पिक औषधि पर केंद्रित सहयोग का भावी रोड मैप भी तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि वे जर्मनी के राष्ट्रपति डॉ फ्रेंक-वाल्टर स्टेनमीयर से भी मुलाकात करेंगे, जर्मनी, भारत के व्यापार, प्रौद्योगिकी और निवेश क्षेत्र में अग्रणी साझेदार है। उन्होंने कहा कि बर्लिन में चांसलर और मैं दोनों देशों के शीर्षस्थ उद्योगपतियों से व्यापार और निवेश को और ज्यादा मजबूती देने के लिए वार्ता करेंगे।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस दौरे से जर्मनी के साथ भारत से द्विपक्षीय सहयोग की दिशा में एक और नए अध्याय की शुरूआत होगी और भारत की नीतिगत साझेदारी और ज्यादा सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि 30-31 मई को वे स्पेन की सरकारी यात्रा पर रहेंगे। इन तीन दशक में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की स्पेन की पहली यात्रा होगी, इस दौरान वे स्पेन के राजा फेलीप से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि वे 31 मई को राष्ट्रपति मारियो रजोय से मुलाकात कर उनके साथ आर्थिक क्षेत्र और आमहित के अंतर्राष्ट्रीय विषयों, विशेषकर आतंकवाद से लड़ाई में सहयोग पर द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की दिशा में विचार-विमर्श करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार तथा निवेश को मजबूत बनाने, आधारभूत संरचना, स्मार्ट सिटी, डिजीटल अर्थव्यवस्था, नवीकरणीय उर्जा, रक्षा और आतंकवाद सहित विभिन्न द्विपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए यह एक अनुकूल अवसर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे स्पेनिश उद्योग के शीर्षस्थ सीईओ से भी मुलाकात करेंगे और उन्हें भारत के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में साझेदारी करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत-स्पेन के सीईओ फोरम की पहली बैठक में आर्थिक साझेदारी को सुदृढ़ बनाने के लिए मूल्यवान सुझावों का आदान-प्रदान होगा। उन्होंने कहा कि वे 18वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता के लिए 31 मई से 2 जून तक सेंट पीटर्सबर्ग के दौरे पर रहेंगे, अक्तूबर 2016 में गोवा में हुई शिखर वार्ता से आगे वे राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के साथ विस्तृत विचार-विमर्श करेंगे और आर्थिक संबंधों के परिप्रेक्ष्य में दोनों देशों के सीईओ के साथ विचार-विमर्श करेंगे। नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे रूस के राष्ट्रपति के साथ सेंट पीटर्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक फोरम को संबोधित करेंगे। उन्होंने इस वर्ष फोरम में सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने पर आभार व्यक्त किया और कहा कि इस वर्ष एसपीआईएफ के लिए भारत एक अतिथि राष्ट्र है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे इस प्रकार की पहली बैठक में विभिन्न रूसी परिक्षेत्रों से आए तथा अन्य विविध स्टेक होल्डरों के साथ अपने दौरे की शुरूआत में पिस्कारोवकोए सिमेट्री जाएंगे, जहां वे लेनिनग्राड में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्व प्रसिद्ध स्टेट हर्मिटेज म्यूजियम और इंस्टीट्यूट ऑफ ओरियंटल जाने का भी अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि दोनों देश हमारे राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ आयोजित कर रहे हैं, अतएव द्विपक्षीय संबंधों को लेकर इस विशेष वर्ष में सेंट पीटर्सबर्ग का दौरा एक विशेष महत्व रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे 2-3 जून को फ्रांस के दौरे पर रहेंगे, इस दौरान वे फ्रांस के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रोल से 3 जून को सरकारी तौर पर मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि फ्रांस, भारत का सर्वाधिक महत्वपूर्ण नीतिगत साझेदार है और राष्ट्रपति मैक्रोन से मुलाकात और पारस्परिक हितों के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के वे इच्छुक हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार और संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता तथा विभिन्न निर्यात नियंत्रण क्षेत्रों में सहायता, आतंकवाद, सहयोग, जलवायु परिवर्तन में सहभागिता एवं अंतर्राष्ट्रीय सौर-सहयोग सहित महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि फ्रांस भारत का 9वां सबसे बड़ा निवेशक, रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु, नवीकरणीय ऊर्जा, शहरों विकास और रेलवे के क्षेत्र में विकासात्मक पहल में महत्वपूर्ण साझेदार देश है। उन्होंने कहा कि वे फ्रांस के साथ भारत की बहुआयामी साझेदारी को बड़े पैमाने पर सुदृढ़ बनाने के लिए वचनबद्ध हैं।