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राष्ट्रपति से सम्मानित होंगी हिंदी की हस्‍तियां

केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा की हिंदी सम्मान योजना

पुरस्कार योजना में देश-विदेश के हिंदी विद्वान

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Monday 29 May 2017 06:40:58 AM

central hindi institute agra logo

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कल राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय हिंदी संस्‍थान आगरा की ओर से विभिन्न विभूतियों के नाम से स्‍थापित सम्मान पुरस्कार देश और विदेश की जानी-मानी हस्तियों को प्रदान करेंगे। केंद्रीय हिंदी संस्‍थान अखिल भारतीय हिंदी सेवी सम्मान योजना के अंतर्गत वर्ष 2014 तक सात अलग-अलग पुरस्कार श्रेणियों के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 14 हिंदी सेवी विद्वानों को प्रति वर्ष सम्मानित करता रहा है। इस बार हिंदी के प्रचार-प्रसार की इन श्रेणियों का विस्‍तार करते हुए वर्ष 2015 से 12 पुरस्‍कार श्रेणियों के अंतर्गत विभिन्‍न क्षेत्रों में उल्‍लेखनीय कार्य करने वाले 26 हिंदी सेवी विद्वानों को पुरस्‍कृत किया जा रहा है। हिंदी सेवी सम्मान योजना की शुरूआत वर्ष 1989 में हुई थी। संस्थान की ओर से सम्मानित विद्वानों को भारत के राष्ट्रपति एक लाख रुपए, शॉल तथा प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित और पुरस्कृत करते आ रहे हैं। वर्ष 2015 से पुरस्‍कार राशि की अभिवृद्धि कर इसे रुपए पांच लाख कर दिया गया है।
सम्मान और पुरस्कार योजना के अंतर्गत वर्ष 1989 से 2014 तक गंगाशरण सिंह पुरस्‍कार से 119 विद्वान, गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्‍कार से 59 विद्वान, डॉ आत्‍माराम पुरस्‍कार से 57 विद्वान, सुब्रह्मण्‍य भारती पुरस्‍कार से 60 विद्वान, महापंडित राहुल सांकृत्‍यायन पुरस्‍कार से 44 विद्वान, डॉ जार्ज ग्रियर्सन पुरस्‍कार से 22 विद्वान तथा पद्मभूषण डॉ मोटूरि सत्‍यनारायण पुरस्‍कार से 13 विद्वान सम्‍मानित किए जा चुके हैं। इस प्रकार अब तक विभिन्न श्रेणियों में कुल 374 विद्वान सम्मानित और पुरस्‍कृत किए गए हैं। हिंदी सेवी सम्मान योजना में वर्ष 2015 में विभिन्‍न 12 श्रेणियों में सम्मानित किए जाने वाले कुल 26 विद्वानों के नाम 10 अप्रैल 2017 को केंद्रीय हिंदी संस्‍थान के मुख्‍यालय आगरा में केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के उपाध्यक्ष डॉ कमल किशोर गोयनका की अध्यक्षता में केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के सचिव और निदेशक केंद्रीय हिंदी संस्‍थान प्रोफेसर नंद किशोर पांडेय, संस्‍थान मुख्‍यालय के विभागाध्‍यक्षों, कुलसचिव प्रोफेसर बीना शर्मा तथा शैक्षिक एवं प्रशासनिक सदस्यों की उपस्थिति में जारी कर चुके हैं, जिन्हें कल राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे। संस्‍थान के वर्ष 2015 के पुरस्‍कारों से सम्मानित होने वाले विद्वान इस प्रकार हैं-
हिंदी प्रचार-प्रसार और हिंदी प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय कार्य के लिए प्रोफेसर एस शेषारत्‍नम् विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश, डॉ एम गोविंद राजन चेन्‍नई तमिलनाडु, प्रोफेसर हरमहेंदर सिंह बेदी अमृतसर पंजाब और प्रोफेसर एच सुबदनी देवी इम्‍फाल मणिपुर को गंगाशरण सिंह पुरस्‍कार, हिंदी पत्रकारिता तथा जनसंचार के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय कार्य के लिए बल्‍देवभाई शर्मा गाजियाबाद उत्तर प्रदेश और राहुल देव गुरुग्राम हरियाणा को गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्‍कार, विज्ञान तथा चिकित्‍सा विज्ञान एवं अभियांत्रिकी केक्षेत्र में उल्‍लेखनीय कार्य के लिए डॉ गिरीश चंद सक्‍सैना आगरा उत्तर प्रदेश और डॉ फणी भूषण दास बिहार को डॉ आत्‍माराम पुरस्‍कार, सर्जनात्‍मक एवं आलोचनात्‍मक क्षेत्र में उल्‍लेखनीय कार्य के लिए प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित लखनऊ उत्तर प्रदेश और चंद्रकांता गुरूग्राम हरियाणा को सुब्रह्मण्‍य भारती पुरस्‍कार, हिंदी माध्‍यम से ज्ञान के विविध क्षेत्र, पर्यटन एवं पर्यावरण से संबंधित क्षेत्र में मौलिक अनुसंधान के लिए चित्रा मुद्गल दिल्‍ली और डॉ जयप्रकाश कर्दम दिल्‍ली को महापंडित राहुल सांकृत्‍यायन पुरस्‍कार, विदेशी हिंदी विद्वान को विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं लेखन में उल्‍लेखनीय कार्य के लिए प्रोफेसर ताकेशी फुजिइ जापान और प्रोफेसर गब्रिइलानिक इलिएवा न्‍यूयार्क को डॉ जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्‍कार, किसी अप्रवासी भारतीय विद्वान को विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं लेखन में उल्‍लेखनीय कार्य के लिए डॉ पुष्पिता अवस्‍थी नीदरलैंड और डॉ पद्मेश गुप्‍त लंदन को पद्मभूषण डॉ मोटूरि सत्‍यनारायण पुरस्‍कार, कृषि विज्ञान एवं राष्‍ट्रीय एकता के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय लेखन कार्य के लिए डॉ बीआर छीपा बीकानेर राजस्‍थान और दयाप्रकाश सिन्‍हा नोएडा को सरदार वल्‍लभभाई पटेल पुरस्‍कार, मानविकी के क्षेत्र, कला-संस्‍कृति एवं विचार की भारतीय चिंतन परंपरा के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय कार्य के लिए डॉ महेश चंद्र शर्मा राजस्‍थान और डॉ राकेश सिन्‍हा दिल्‍ली को पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय पुरस्‍कार, भारतविद्या (इंडोलॉजी) के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए श्रीधर गोविंद पराड़कर ग्‍वालियर मध्य प्रदेश और डॉ श्रीरंजन सूरिदेव पटना बिहार को स्‍वामी विवेकानंद पुरस्‍कार, शिक्षाशास्‍त्र एवं प्रबंधन में हिंदी माध्‍यम से उल्‍लेखनीय लेखनकार्य के लिए प्रोफेसर नित्‍यानंद पांडेय सिल्‍चर असम और प्रोफेसर जेपी सिंघल जयपुर राजस्‍थान को पंडित मदनमोहन मालवीय पुरस्‍कार, विधि एवं लोकप्रशासन के क्षेत्र में हिंदी भाषा में उल्‍लेखनीय कार्य के लिए, प्रोफेसर शिवदत्‍त शर्मा अल्‍मोड़ा उत्‍तराखंड और प्रोफेसर अशोक कुमार शर्मा जयपुर राजस्‍थान को राजर्षि पुरुषोत्‍तम दास टंडन पुरस्‍कार प्रदान किया जाएगा।
गौरतलब है कि केंद्रीय हिंदी संस्‍थान आगरा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के उच्‍चतर शिक्षा विभाग (भाषा प्रभाग) के अंतर्गत द्वितीय और विदेशी भाषा के रूप में हिंदी के शिक्षण-प्रशिक्षण अनुसंधान और बहुआयामी विकास के लिए कार्यरत एक अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर की शैक्षिक संस्था है। इसका संचालन स्वायत्तशासी संगठन केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल करता है। राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर हिंदी के विकास, प्रचार-प्रसार और प्रोत्‍साहन में संस्‍थान की महत्‍वपूर्ण भूमिका रही है। जैसा कि हिंदी राष्‍ट्रीय एकता और समन्‍वय की एक महत्‍वपूर्ण कड़ी मानी जाती है, राजभाषा, राष्ट्रभाषा और संपर्कभाषा के रूप में विभिन्न भारतीय भाषाओं से आपसी संवाद को बढ़ाते हुए भारत की समावेशी संस्कृति के विकास की भी ज़िम्मेदारी इसपर है। यही तथ्य केंद्रीय हिंदी संस्थान की स्थापना और इसके हर कार्यक्रम के मूल में भी विद्यमान रहा है। केंद्रीय हिंदी संस्थान विदेशों में हिंदी भाषा और उसके माध्यम से आधुनिक भारत की चेतना और उसके लोकतांत्रिक मूल्यों को भी प्रसारित करने को संकल्पित है।

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