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Tuesday 30 May 2017 07:01:57 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में वर्ष 2015 के लिए हिंदी सेवी सम्मान पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा ने 1989 में इन पुरस्कारों को स्थापित किया था। हिंदी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में विद्वानों को उनके योगदान के लिए 12 विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाते हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हिंदी प्रचार-प्रसार और हिंदी प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रोफेसर एस शेषारत्नम् विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश, डॉ एम गोविंद राजन चेन्नई तमिलनाडु, प्रोफेसर हरमहेंदर सिंह बेदी अमृतसर पंजाब और प्रोफेसर एच सुबदनी देवी इम्फाल मणिपुर को गंगाशरण सिंह पुरस्कार, हिंदी पत्रकारिता तथा जनसंचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए बल्देवभाई शर्मा गाजियाबाद उत्तर प्रदेश और राहुल देव गुरुग्राम हरियाणा को गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार, विज्ञान तथा चिकित्सा विज्ञान एवं अभियांत्रिकी केक्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए डॉ गिरीश चंद सक्सैना आगरा उत्तर प्रदेश और डॉ फणी भूषण दास बिहार को डॉ आत्माराम पुरस्कार, सर्जनात्मक एवं आलोचनात्मक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित लखनऊ उत्तर प्रदेश और चंद्रकांता गुरूग्राम हरियाणा को सुब्रह्मण्य भारती पुरस्कार, हिंदी माध्यम से ज्ञान के विविध क्षेत्र, पर्यटन एवं पर्यावरण से संबंधित क्षेत्र में मौलिक अनुसंधान के लिए चित्रा मुद्गल दिल्ली और डॉ जयप्रकाश कर्दम दिल्ली को महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार, विदेशी हिंदी विद्वान को विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं लेखन में उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रोफेसर ताकेशी फुजिइ जापान और प्रोफेसर गब्रिइलानिक इलिएवा न्यूयार्क को डॉ जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कार, किसी अप्रवासी भारतीय विद्वान को विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं लेखन में उल्लेखनीय कार्य के लिए डॉ पुष्पिता अवस्थी नीदरलैंड और डॉ पद्मेश गुप्त लंदन को पद्मभूषण डॉ मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार, कृषि विज्ञान एवं राष्ट्रीय एकता के क्षेत्र में उल्लेखनीय लेखन कार्य के लिए डॉ बीआर छीपा बीकानेर राजस्थान और दयाप्रकाश सिन्हा नोएडा को सरदार वल्लभभाई पटेल पुरस्कार, मानविकी के क्षेत्र, कला-संस्कृति एवं विचार की भारतीय चिंतन परंपरा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए डॉ महेश चंद्र शर्मा राजस्थान और डॉ राकेश सिन्हा दिल्ली को पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुरस्कार, भारत विद्या (इंडोलॉजी) के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए श्रीधर गोविंद पराड़कर ग्वालियर मध्य प्रदेश और डॉ श्रीरंजन सूरिदेव पटना बिहार को स्वामी विवेकानंद पुरस्कार, शिक्षाशास्त्र एवं प्रबंधन में हिंदी माध्यम से उल्लेखनीय लेखनकार्य के लिए प्रोफेसर नित्यानंद पांडेय सिल्चर असम और प्रोफेसर जेपी सिंघल जयपुर राजस्थान को पंडित मदनमोहन मालवीय पुरस्कार, विधि एवं लोकप्रशासन के क्षेत्र में हिंदी भाषा में उल्लेखनीय कार्य के लिए, प्रोफेसर शिवदत्त शर्मा अल्मोड़ा उत्तराखंड और प्रोफेसर अशोक कुमार शर्मा जयपुर राजस्थान को राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन पुरस्कार प्रदान किया गया।