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Monday 5 June 2017 01:40:28 AM
ओस्लो (नार्वे)। केंद्रीय संसदीय मामले और कृषि तथा किसान कल्याण राज्यमंत्री एसएस अहलूवालिया ने नार्वे में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल की तीन दिन की यात्रा का नेतृत्व किया। यह यात्रा दोनों देशों के बीच संसदीय संबंध बढ़ाने के मकसद से की गई थी। नार्वे यात्रा के दौरान भारतीय शिष्टमंडल ने नार्वे सरकार के विभिन्न विभागों के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मुलाकात की। शिष्टमंडल ने नार्वे में भारतीय समुदाय के साथ भी विचार विमर्श किया और भारतीय राजदूत देवराज प्रधान के भोज में भी हिस्सा लिया। एसएस अहलूवालिया ने इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के भारत के दावे का समर्थन करने के लिए नार्वे का आभार व्यक्त किया।
भारत सरकार के केंद्रीय राज्यमंत्री एसएस अहलूवालिया ने कहा कि भारत और नार्वे को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष, समुद्री सहयोग, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, कचरा प्रबंधन, मत्स्य उद्योग, कृषि, बागवानी तथा कार्बनिक खेती के बारे में प्रौद्योगिकी के आदान प्रदान जैसे क्षेत्रों में सहयोग अधिक सुदृढ़ करना चाहिए। आतंकवाद के वैश्विक खतरे के बारे में एसएस अहलूवालिया ने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के समक्ष सबसे गंभीर चुनौती है, इससे मानवाधिकारों का हनन होता है और लोकतांत्रिक राष्ट्रों के सामाजिक तथा आर्थिक विकास में बाधा आती है। एसएस अहलूवालिया ने इस बात पर जोर दिया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना चाहिए।
एसएस अहलूवालिया ने कहा कि भारत आतंकवाद की कड़ी निंदा करता है और आतंकवादियों को पनाह, हथियार, प्रशिक्षण या धन देने वाले राष्ट्रों को कतई सहन नहीं करने के पक्ष में है। एसएस अहलूवालिया ने कहा कि भारत और नार्वे संयुक्त राष्ट्र में एक दूसरे का समर्थन करते रहे हैं और दोनों देशों को इस क्षेत्र में अधिक सहयोग करने की आवश्यकता है। मत्स्य उद्योग के क्षेत्र में सहयोग के बारे में एसएस अहलूवालिया ने कहा कि जल-जीवपालन प्रणालियों का पुनश्चक्रण भारत के लिए नया विषय है और इस उच्च उत्पादन तकनीक के लिए भारत, नार्वे से तकनीकी जानकारी और विशेषज्ञता के आदान प्रदान की उम्मीद करता है।