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Saturday 17 June 2017 04:50:23 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा 2016-17 के विजेताओं को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। प्रकाश जावड़ेकर ने विद्यार्थियों से कहा कि जब तक वे अपने मनोभावों का अनुपालन नहीं करेंगे, तब तक वे अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिभा, समर्पण, कड़ी मेहनत और अनुशासन का दृढ़ संकल्प सफलता की कुंजी है। उन्होंने विद्यार्थियों के माता-पिता को भी बधाई दी और कहा कि वे अपने बच्चों को अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रेरित करें।
राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य विज्ञान के प्रति छात्र की आत्मीयता विकसित करना और विज्ञान को भविष्य के कैरियर के रूप में लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। विद्यार्थी विज्ञान मंथन में नामांकन प्राप्त छात्रों के अध्ययन सामग्री के लिए विभा ने दो पुस्तक प्रकाशित की हैं। पहली पुस्तक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी है और दूसरी पुस्तक है विज्ञान में भारतीय योगदान परंपरा से आधुनिकता तक। विजन भारती तथाविज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन एक स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय शिक्षा एवं अनुसंधान परिषद के संयुक्त तत्वावधान में विद्यार्थी विज्ञान मंथन के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा खोज का आयोजन किया गया था।
राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा परीक्षा में कक्षा 6-10 के 1.4 लाख छात्र शामिल हुए थे। इन छात्रों को 29 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों के 1472 स्कूलों से चयनित किया गया था, जिनमें से 2400 छात्रों को राज्य स्तर पर उत्तीर्ण घोषित किया गया। इन 2400 छात्रों में से 264 छात्रों को 20 कैंपों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर विजेता घोषित किया गया। इन 264 विद्यार्थियों के लिए दो दिवसीय कैंप का आयोजन आईआईटी दिल्ली में हुआ। प्रसिद्ध वैज्ञानिकों की एक शैक्षणिक समिति ने इन विद्यार्थियों में से 18 छात्रों को राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभाओं के रूप में चयनित किया और इन्हें हिमालयंस का नाम दिया।