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Monday 19 June 2017 08:01:44 AM
नई दिल्ली/ लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी एक दलित को भारत का राष्ट्रपति बनवाने जा रही है। जी हां! बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज राष्ट्रपति पद हेतु उत्तर प्रदेश से दलित समुदाय के योग्य कानूनविद् बीजेपी के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले, भाजपा के महामंत्री और भाजपा प्रवक्ता एवं अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष रहे रामनाथ कोविंद के नाम का ऐलान किया और इसी के साथ ही यह तय हो गया है कि रामनाथ कोविंद देश के चौदहवें महामहिम राष्ट्रपति होंगे। रामनाथ कोविद उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात क्षेत्र से हैं। भाजपा मुख्यालय पर भाजपा संसदीय दल की बैठक में राष्ट्रपति चुनाव और उम्मीदवार पर हुई लंबी चर्चा के बाद रामनाथ कोविद के नाम का ऐलान किया गया। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी और संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्य मौजूद थे।
भाजपा नेतृत्व ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी गठित की थी, जिसने सभी दलों से राष्ट्रपति के संभावित उम्मीदवारों को लेकर चर्चा की। कमेटी में वित्तमंत्री अरुण जेटली, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू हैं। इस बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह शामिल नहीं हो पाए, क्योंकि उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया है, जबकि वित्तमंत्री अरुण जेटली विदेश में हैं। राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। इस पद हेतु अब तक पंद्रह महानुभावों ने अपना नामांकन कराया है। नामांकन की आखिरी तारीख 28 जून है। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 1 जुलाई है, 17 जुलाई को चुनाव होगा और 20 जुलाई को नतीजे आएंगे कि देश के चौदहवें राष्ट्रपति कौन होंगे। चूंकि बहुमत एनडीए का है, इसलिए हर स्थिति में रामनाथ कोविद की जीत निश्चित है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो जाएगा और नव निर्वाचित राष्ट्रपति 25 जुलाई को अपना पदभार संभालेंगे।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए ईवीएम मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, मगर मतदाता मतदान के लिए विशेष प्रकार की पेन का इस्तेमाल करेंगे। चुनाव आयोग के अनुसार वोटिंग के लिए किसी भी पार्टी को व्हिप जारी करने का अधिकार नहीं होगा, हर विधायक या सांसद अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट दे सकेगा। उम्मीदवारों के लिए भी कई जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं। उन्हें पंद्रह हजार रुपये की जमानत जमा करानी होगी और यदि कोई उम्मीदवार किसी भी तरह के भ्रष्टाचार में दोषी पाया जाता है तो उसकी दावेदारी स्वतः रद्द हो जाएगी। भारत जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज जब प्रेस कांफ्रेंस बुलाई तो यह तो सभी को पता था कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी प्रेस कांफ्रेंस का मुख्य ऐजंडा है, लेकिन यह सुनकर मीडिया चौक गया कि रामनाथ कोविद को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा रहा है। रामनाथ कोविद का नाम कहीं चर्चा में नहीं था।
रामनाथ कोविद का जन्म एक अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुआ था। रामनाथ कोविद उत्तर प्रदेश के भाजपा के दलित नेता के साथ-साथ दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। वे कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे हैं। वे केंद्र सरकार के वकील और 1971 में बार काउंसिल के लिए नामांकित भी हुए। उन्होंने दिल्ली हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में डेढ़ दशक तक वकालत की है। कई विदेश यात्राएं की हैं। उनकी पहचान एक दलित चेहरे के रूप में रही है। कहा जाता है कि वकील रहने के दौरान रामनाथ कोविद ने ग़रीब दलितों के लिए मुफ़्त में क़ानूनी लड़ाई लड़ी है। उनके परिवार में पत्नी सविता कोविद, एक पुत्र प्रशांत और एक बेटी स्वाति है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामनाथ कोविद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने पर उन्हें बधाई दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा संसदीय दल का यह निर्णय उत्तर प्रदेश की करीब 22 करोड़ जनता एवं देश के दलितों के लिए गौरव की बात है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी आवास पर मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि रामनाथ कोविद दलित वर्ग से आते हैं। उन्होंने कहा कि यह संतोष की बात है कि प्रधानमंत्री ने देश के सर्वोच्च पद के लिए दलित समुदाय को प्राथमिकता देते हुए राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी मनोनीत किया है। उन्होंने कहा कि रामनाथ कोविद का एक लम्बा सार्वजनिक जीवन रहा है, ग्रामीण पृष्ठभूमि से सम्बंध रखने वाले रामनाथ कोविद को देश के सर्वोच्च पद का प्रत्याशी बनाये जाने से ग्रामीण जनता और दलित समाज का भी सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के इस निर्णय से सामाजिक चेतना को और अधिक जागृत करने में मदद मिलेगी। उन्होंने प्रदेश की सभी राजनैतिक पार्टियों से दलीय राजनीति से ऊपर उठकर रामनाथ कोविद को समर्थन देने की अपील करते हुए कहा कि यह निर्णय पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है।