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Thursday 22 June 2017 07:30:40 AM
नई दिल्ली। संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने आज सर्वे ऑफ इंडिया की 250वीं वर्षगांठ पर दो स्मारक डाक टिकटों तथा एक लघु चित्र जारी करते हुए कहा है कि सर्वे ऑफ इंडिया दुर्गम हिमालय, गर्म रेगिस्तान और जानवरों से परिपूर्ण जंगलों के सर्वे करने की चुनौतियों का सामना करने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि यह विभाग नई प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए हमेशा तैयार रहा है और अब यह डिजिटल मैपिंग और भौगोलिक सूचना प्रणाली के क्षेत्र में भी सफलतापूर्वक प्रवेश कर चुका है। मनोज सिन्हा ने कहा कि सर्वे ऑफ इंडिया मजबूत नींव, शक्तिशाली परंपराओं और गहरी जड़ों पर आधारित है, जो भारत को विश्व में सबसे बेहतर रूपसे सर्वे किए जाने वाला देश बनाना चाहता है।
संचार राज्यमंत्री ने कहा कि सर्वे ऑफ इंडिया नई तकनीकों का उपयोग करते हुए नई चुनौतियों का सामना करने में सफल रहा है, इसने अपने लक्ष्य ‘ए सेतु हिमाचलम्’ अर्थात सेतु से हिमालय तक सम्पूर्ण भारत के प्रति हमेशा प्रतिबद्धता जताई है। मनोज सिन्हा ने कहा कि डाक विभाग उन संस्थाओं के लिए स्मारक डाक टिकट जारी करता है, जिसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली हो या जिसने राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीयस्तर पर योगदान दिया हो। उन्होंने जानकारी दी कि सर्वे ऑफ इंडिया का इतिहास 1767 ईसवी से प्रारम्भ होता है, जब मेजर जेम्स रीनेल को बंगाल का सर्वेअर जनरल नियुक्त किया गया था, यह भारत का सबसे पुराना वैज्ञानिक विभाग है और साथ ही यह विश्व के सबसे पुराने सर्वे विभागों में से एक है। सर्वे ऑफ इंडिया को भारत के पहले डाक टिकट की छपाई करने तथा भारतीय संविधान की पहली प्रति छापने का विशिष्ट सम्मान प्राप्त है।
मनोज सिन्हा ने कहा कि सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यों के लिए दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचे हैं और पहुंचते हैं, यह दूसरों के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि उन्हें घने जंगल, मरूस्थल और ऊंचे बर्फीले पहाड़ों तक जाना पड़ता है, वास्तव में ये लोग देश के अछूते व निर्जन क्षेत्रों तक पहुंचने वाले पहले व्यक्तियों में थे। उन्होंने कहा कि सर्वे ऑफ इंडिया के कर्मी निरंतर प्रयत्नशील होकर, विश्वास के साथ और बाधाओं को दूर करते हुए मानचित्र बनाने का कार्य करते हैं, जो विकास, प्रतिरक्षा और प्रशासन के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सर्वे ऑफ इंडिया भारत सरकार के सभी सर्वे से संबंधित कार्यों जैसे भूगणित, फोटोग्रैमेट्री, मानचित्र बनाना और मानचित्र का पुन: प्रस्तुतिकरण आदि के लिए सलाहकार के रूप में कार्य करता है।