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Wednesday 20 February 2013 07:57:46 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के जरिए विदेशी विद्यार्थियों को भारत में 2005 से आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी पाठ्यक्रम के लिए छात्रवृत्तियां उपलब्ध करा रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुष के पुनरूत्थान ने विदेशी विद्यार्थियों को भारतीय संस्थानों में पढ़ने के लिए आकर्षित किया है। इसको देखते हुए आयुष विभाग ने भारत के प्रमुख संस्थानों में आयुष पाठ्यक्रम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय फैलोशिप कार्यक्रम के तहत विदेशी नागरिकों को सहयोग देने का प्रस्ताव किया। शुरूआत में आयुष पाठ्यक्रम के लिए छात्रवृत्तियों की कुल संख्या 30 थी, इसके बाद अंतरराष्ट्रीय सहयोग योजना के तहत अन्य 20 छात्रवृत्तियों को जोड़ा गया। विभाग ने मलेशिया के विद्यार्थियों के लिए 20 छात्रवृत्तियां भी शुरू की हैं। भारत में जिन पाठ्यक्रमों के लिए छात्रवृत्तियां दी जाती हैं, वो ये हैं-
अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रम-आयुर्वेदिक मेडिसन और सर्जरी में स्नातक (बीएएमएस) एक साल के अनिवार्य क्लिनिकल प्रशिक्षण सहित साढ़े पांच साल का डिग्री पाठ्यक्रम। सिद्ध मेडिसन और सर्जरी में स्नातक (बीएसएमएस) एक साल के अनिवार्य क्लिनिकल प्रशिक्षण सहित साढ़े पांच साल का डिग्री पाठ्यक्रम। यूनानी मेडिसन और सर्जरी में स्नातक (बीयूएमएस) एक साल के अनिवार्य क्लिनिकल प्रशिक्षण सहित साढ़े पांच साल का डिग्री पाठ्यक्रम। होम्योपैथी मेडिसन और सर्जरी में स्नातक (बीएएमएस) एक साल के अनिवार्य क्लिनिकल प्रशिक्षण सहित साढ़े पांच साल का डिग्री पाठ्यक्रम।
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम-एमडी आयुर्वेद 3 साल का पाठ्यक्रम। पात्रता: सीसीआईएम से मान्यता प्राप्त बीएएमएस डिग्री। एमडी सिद्ध 3 साल का पाठ्यक्रम। पात्रता: सीसीआईएम से मान्यता प्राप्त बीएसएमएस डिग्री। एमडी यूनानी 3 साल का पाठ्यक्रम। पात्रता: सीसीआईएम से मान्यता प्राप्त बीयूएमएस डिग्री। एमडी होम्योपैथी 3 साल का पाठ्यक्रम। पात्रता: सीसीएच से मान्यता प्राप्त बीएचएमएस डिग्री। पीएचडी पाठ्यक्रम-आयुर्वेद में पीएचडी 3 साल का पाठ्यक्रम। पात्रता: सीसीआईएम से मान्यता प्राप्त एमडी (आयुर्वेद) डिग्री।
आवेदन के लिए प्रक्रिया-आईसीसीआर विदेश में भारतीय दूतावासों को छात्रवृत्ति की पेशकश के लिए पत्र भेजता है। जिन देशों में छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं, उन देशों में भारतीय दूतावास इसका विज्ञापन देते हैं। छात्रवृत्तियों के लिए आवेदन पत्र भारतीय दूतावासों में उपलब्ध होते हैं। इच्छुक विद्यार्थियों को इन दूतावासों में पूर्ण आवेदन पत्र की छह प्रतियां सौंपनी होती हैं।