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Friday 23 June 2017 01:53:49 AM
नई दिल्ली। रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने भारतीय रेल की आंतरिक लेखा प्रणाली और आंतरिक लेखा की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की और ऐसी प्रभावी आंतरिक नियंत्रण प्रणाली और आंतरिक लेखा को व्यवस्थित और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया, जो प्रक्रियाओं की अवहेलना, प्रणाली की विफलता आदि को ढूंढने में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय स्तर पर कार्य और जवाबदेही को सौंपने के कारण मजबूत एवं प्रभावी आंतरिक लेखा प्रणाली की जरूरत और भी बढ़ गई है। उन्होंने सुझाव दिया कि आंतरिक लेखा अध्ययन के लिए प्रत्येक जोन में आंतरिक लेखा समूहों का गठन किया जाना चाहिए।
रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने सुझाव दिया कि लेखा समूहों को बाहरी संगठनों के जानकारी दिए जाने से पहले ही लेखा प्रणाली की गड़बड़ियों को ढूंढने में सक्षम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंतरिक लेखा समूहों को कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए जैसे-यात्रियों के खानपान, टिकट, सफाई, यात्रा के दौरान साफ-सफाई की व्यवस्था और खरीद प्रक्रिया आदि। उन्होंने कहा कि आंतरिक लेखा समूह को आंतरिक प्रणाली आधारित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, जिसमें प्रणालीगत विफलताओं को ढूंढने में मदद मिले, लेखा समूह को प्रणाली को बेहतर बनाने तथा अन्य सुधारों के लिए भी सुझाव देने चाहिएं। रेलमंत्री ने कहा कि आंतरिक लेखा से राजस्व की हानि रोकी जानी चाहिए और ज्यादा खर्च को नियंत्रित करना चाहिए, इसके लिए नीतियों और प्रक्रियाओं में संतुलन स्थापित करते हुए प्रणालियों एवं प्रक्रियाओं को और भी मजबूत बनाना चाहिए। बैठक में वित्त आयुक्त रेल बीएन महापात्र, सलाहकार निगरानी, वित्त सलाहकार और रेलवे के अधिकारी उपस्थित थे।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने क्षेत्रीय रेलवे के क्षेत्राधिकार में आने वाली जमीन पर भी राज्य सरकारों के साथ मिलकर वृक्षारोपण के बारे में रेल बोर्ड के अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। सुरेश प्रभु ने निर्देश दिया है कि रेलवे की जमीन पर राज्य सरकार की एजेंसियां वृक्षारोपण के बारे में राज्यवार सूची तैयार करें। उन्होंने वृक्षारोपण के लिए प्रादेशिक सेना की ईकाईयों से सहायता लेने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने सुझाव दिया कि सहायता के लिए विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से भी संपर्क साधा जा सकता है। समीक्षा के दौरान रेलमंत्री को महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्य में आने वाले रेलवे जोन में विकास के बारे में जानकारी दी गई। इन दोनों राज्यों में रेल प्रशासन और वन राज्य निगमों के बीच सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। रेलवे अपने परिसरों में जमीन की पहचान करेगा और राज्यों के वन विभाग इस पहचान में सहायता और जुलाई 2017 में मॉनसून से पहले विभिन्न तरह के स्थानीय पौधों की सप्लाई करेंगे।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु को बताया गया कि मध्य रेलवे में क्षेत्रीय मुख्यालय स्तर पर राज्य वन विभाग के साथ सहमति ज्ञापन और डिविजन स्तर पर मुख्य वन संरक्षण अधिकारी के साथ सहायक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। मध्य रेलवे ने 6 लाख वृक्षारोपण के लिए 227 हेक्टेयर रेलवे की जमीन की पहचान की है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में छत्तीसगढ़ राज्य वन निगम लिमिटेड के साथ सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है। पेड़ लगाने के लिए जमीन की पहचान की जा रही है। सुरेश प्रभु ने इस काम में तेजी लाने का निर्देश दिया, ताकि मॉनसून के आगमन से पहले कारगर तरीके से पेड़ लगाए जा सकें। रेलमंत्री ने कहा कि जोनल रेलवे की चिन्हित जमीन पर वृक्षारोपण में राजस्थान की मुख्यमंत्री ने दिलचस्पी व्यक्त की है।