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Friday 23 June 2017 06:12:11 AM
नई दिल्ली/ लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी आज डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस मना रही है। इस अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और भाजपा के तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। उत्तर प्रदेश में राज्यपाल राम नाईक ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय यानी सिविल अस्पताल प्रागंण में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल ने इस मौके पर कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन प्रेरणामयी था, उनमें अद्भुत विद्वता थी, उनकी भाषाशैली की विशेषता थी कि बड़ी सहजता से वे अपनी बात दूसरों तक पहुंचा सकते थे।
राम नाईक ने कहा कि महज 33 वर्ष की आयु में वे कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति बने थे, जो अपने आप में एक उदाहरण है, वे हिंदू महासभा के अध्यक्ष थे। उन्होंने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में कांग्रेस के बाहर से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर को मंत्रिमंडल का सदस्य बनाया गया था। उन्होंने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने मंत्रिपरिषद में रहते हुए अविस्मरणीय कार्य किए। राज्यपाल ने कहा कि उद्योग मंत्री के रूप में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश में औद्योगिक विकास की नींव डाली, वे देश के औद्योगिकीकरण के जनक थे।
राम नाईक ने कहा कि कांग्रेस से कश्मीर पर वैचारिक मतभेद होने के कारण उन्होंने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया था और भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि लोकसभा में जनसंघ के मात्र तीन सदस्य होने के बावजूद भी विपक्ष ने एकजुट होकर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता दी थी, विपक्ष में रहते हुए वे संसदीय परंपराओं का सम्मान करते थे और प्रतिरोध भी बड़ी शालीनता से करते थे। उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता और संविधान की रक्षा के लिए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने जीवन का बलिदान दिया। बलिदान दिवस पर सरकारी स्तर पर अनेक कार्यक्रम हुए। इस अवसर पर प्रदेश की मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, मंत्री बृजेश पाठक, मंत्री आशुतोष टंडन, राज्यमंत्री स्वाति सिंह, विधायक पंकज सिंह और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।