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Monday 26 June 2017 06:03:10 AM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध राज्य होने के बावजूद अभी तक इसकी पूर्ण क्षमता का उपयोग नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान दिलाने के लिए कार्य कर रही है और भविष्य में उत्तर प्रदेश देश में यह मुकाम हासिल कर लेगा। उन्होंने कहा कि आधारभूत सुविधाओं और अर्थव्यवस्था के विकास से पर्यटन की गतिविधियां बहुत तेजी से बढ़ रही हैं, जो पर्यटन के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित करने पर बड़े पैमाने पर लोगों को रोज़गार मुहैया कराया जा सकता है और राज्य सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होटल रेनेसां में पर्यटन विकास पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि प्राचीनकाल से ही भारतवर्ष में तीर्थाटन पर्यटन का अभिन्न अंग रहा है, अयोध्या, काशी, मथुरा, विंध्याचल, चित्रकूट, नैमिषारण्य इत्यादि धार्मिक स्थलों पर लोग तीर्थाटन के लिए निरंतर आते-जाते रहते हैं, इसी प्रकार शारदीय और ग्रीष्म नवरात्रि के दौरान लोग बड़ी संख्या में विंध्याचल पहुंचते हैं, चित्रकूट का अपना एक अलग स्थान है। उन्होंने कहा कि चित्रकूट का इतिहास लगभग आठ हजार वर्ष पुराना है, धर्म में आस्था रखने वाले तमाम लोग चित्रकूट की यात्रा करते हैं। उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि धार्मिक पर्यटन इस क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण गतिविधि है, जिसे और प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति की पहल सत्ता में आते ही कर दी गई थी, ताकि तीर्थाटन के लिए आने वाले पर्यटकों को कोई असुविधा न हो, इन स्थलों पर साफ-सफाई सुनिश्चित करने और जनसुविधाएं विकसित करने के भी साफ निर्देश हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृति है, ऐसे में भारत को विश्व पर्यटन मानचित्र में प्रमुखता के साथ स्थापित करना होगा, जिसमें उत्तर प्रदेश की प्रमुख भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के अनेक आकर्षक पर्यटन स्थल हैं, जहां पर पर्यटकों का आना-जाना लगातार बना रहता है। प्रदेश में अनेक वन्य जीव अभ्यारण्य मौजूद हैं, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए इनका और अधिक विकास किया जाना चाहिए, इसी प्रकार ऐतिहासिक स्थलों पर जनसुविधाएं बढ़ाने पर भी कार्य किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन के विकास के लिए कई योजनाएं प्रस्तावित की हैं, नई योजनाओं में केंद्रीय योजना के अंतर्गत प्रासाद स्कीम तथा स्वदेश दर्शन स्कीम के अलावा अन्य चालू योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि लोककल्याण संकल्प पत्र के अनुरूप अयोध्या, गोरखपुर, इलाहाबाद, नैमिषारण्य, वाराणसी आदि स्थलों के लिए वृहद योजना तैयार की जा रही है, पर्यटक स्थलों पर विभिन्न जन सुविधाओं का विकास कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न सांस्कृतिक पर्यटन सर्किटों जैसे राम सर्किट, कृष्ण सर्किट, बुद्ध सर्किट आदि का विकास करके इनकी अवस्थापना सुविधाएं और बेहतर करेगी, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, प्रयाग, विंध्याचल, नैमिषारण्य, चित्रकूट, कुशीनगर और वाराणसी आदि में पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में मौजूद बौद्धधर्म स्थलों का विकास किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उड़ान योजना के तहत जेवर में स्थापित किए जा रहे हवाई अड्डे से पर्यटकों को बहुत सुविधा होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, इसी प्रकार कुशीनगर हवाई अड्डे को भी अपग्रेड किया जा रहा है, प्रदेश के प्रमुख शहरों को हवाई सेवाओं से जोड़ने की दिशा में कार्य चल ही रहा है, हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने के भी प्रयास हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार यह प्रयास कर रही है कि वर्ष 2019 में प्रयाग में अर्द्धकुम्भ से पहले हुगली से प्रयाग तक पानी के जहाज से आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने बताया कि सरकार प्रयाग अर्द्धकुम्भ से पहले वहां एक अच्छे होटल की आवश्यकता भी पूरी कर देगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पर्यटन विभाग को राज्य में पर्यटन के विकास के लिए और योजनाएं बनाने के लिए कहा गया है। उन्होंने पर्यटन पर केंद्रित ऐसे ही सेमिनार अन्य शहरों में भी आयोजित करने के निर्देश दिए। कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि भारत की संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीनतम है, प्रदेश में पर्यटन की बड़ी सम्पदा और संभावनाएं मौजूद हैं, जिनके माध्यम से प्रदेश का आर्थिक विकास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने पर्यटन के विकास के लिए कोई कार्य नहीं किया, जबकि योगी सरकार प्रदेश के पर्यटन को शीर्ष पर स्थापित करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास के लिए सरकार और निजी क्षेत्र की भागीदारी आवश्यक है, जिसमें उन्होंने अच्छे टूर पैकेजों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रयाग अर्द्धकुम्भ 2019 को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कैसे लोकप्रियता दिलाई जाए इस पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में बुंदेलखंड पर्यटन का उभरता हुआ क्षेत्र बनेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पर्यटन के विस्तार और विकास से 10 लाख रोज़गार निर्मित होंगे।
प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश अवस्थी ने पर्यटन विभाग के विकास और विस्तार के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि यह सेमिनार राज्य सरकार के 100 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, देश में दूसरे स्थान पर है, विदेशी पर्यटकों के उत्तर प्रदेश आने के संबंध में उत्तर प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि रामायण सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट, नैमिषारण्य, वन्य जीव स्थल इत्यादि पर्यटकों के प्रिय गंतव्य हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग कई नई योजनाओं पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन के विकास में सरकार के अलावा पर्यटन से जुड़ी निजी संस्थाओं टूर ऑपरेटर्स इत्यादि की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कार्यक्रम को पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक ने भी संबोधित किया। सेमिनार में मुख्यमंत्री ने ‘वन स्टॉप ट्रैवेल सॉल्यूशन पोर्टल’ का भी शुभारम्भ किया। पर्यटकों के लिए यह पोर्टल आठ भाषाओं में उपलब्ध होगा। कार्यक्रम में शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, बड़ी संख्या में पर्यटन से जुड़े निजी क्षेत्र के लोग तथा गणमान्य नागरिक मौजूद थे।