स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 27 June 2017 05:59:48 AM
वाशिंगटन डीसी। वैश्विक और इस्लामिक आतंकवाद पर करारा प्रहार करने के लिए भारत और अमरीका एक साथ खड़े हो गए हैं। यही इन दोनों देशों की प्रथम प्राथमिकता थी, जिसकी उपेक्षा दोनों के लिए खतरनाक थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरीकी यात्रा पर व्हाइट हाउस में जारी एक प्रेस वक्तव्य में सबकुछ संकेत दे दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको अमरीका में मित्रतापूर्ण शानदार अतिथि सत्कार देने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप का जिन शानदार शब्दों में तहेदिल से आभार व्यक्त किया है, वे भारत और अमरीका की नई दोस्ती और विश्वास को परवान चढ़ाते हैं। भारत और अपने सम्मान से अभिभूत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्गारों में कहा कि उनकी अमरीकी यात्रा भारत और अमेरिका के आपसी और सर्वाधिक सहयोग के इतिहास में एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण पृष्ठ कहलाएगी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी बातचीत अत्यंत कामयाब और महत्वपूर्ण रही, क्योंकि यह परस्पर विश्वास और एक-दूसरे के लिए परम सहयोग पर जो आधारित थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी बहुमूल्यताएं, प्राथमिकताएं, चिंताएं और रूचियों की समानता और परस्पर सहभागिता की चरम सीमाओं की उपलब्धियों पर केंद्रित है, हम दोनों विकास के वैश्विक इंजन हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका का चहुंमुखी आर्थिक विकास तथा इनकी साझी प्रगति राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का और मेरा मुख्य लक्ष्य था, जो आगे भी रहेगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों से अपने समाजों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं मे से एक है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका विश्व के दो विशाल प्रजासत्तात्मक राज्य हैं, जिनका साझा सशक्तिकरण हमारा उद्देश्य है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम दोनों की ऐसी मजबूत सामरिक भागीदारी है, जिसने मानव प्रयासों के लगभग सभी क्षेत्रों को छुआ है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मैंने भारत-अमेरिका के संबंधों के हर आयाम पर विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि दोनों ही देश एक ऐसे द्विपक्षीय वास्तुकला को लेकर प्रतिबद्ध हैं, जो हमारी सामरिक भागीदारी को नई ऊंचाईयों पर ले जाएगी। इस संदर्भ में दोनों देशों में उत्पादकता में वृद्धि, विकास, रोज़गार सृजन और सफल प्रौद्योगिकियों पर मजबूत वचनबद्धता हमारे सहयोग तथा संबंधों को मजबूत गति देगी।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के सामाजिक और आर्थिक बदलाव के लिए हमारे प्रमुख कार्यक्रम में हम अमेरिका को प्रमुख साथी मानते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि मेरा नए भारत का विज़न तथा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 'अमेरिका ग्रेट फिर से करें' के विज़न में निहित अभिसरण हमारे सहयोग के नए आयाम पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि मेरा यह स्पष्ट मत है कि एक मजबूत और सफल अमेरिका में ही भारत का हित है, इसी तरह भारत का विकास और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती भारत की भूमिका अमेरिका के हित में है। उन्होंने कहा कि व्यापार, वाणिज्यिक और निवेश संधियों का भरपूर विश्वास और विकास हमारे प्रयासों की साझी प्राथमिकता होगी तथा इस संदर्भ में प्रौद्योगिकी, नवाचार एवं ज्ञान अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार और उनमें गहनता हमारे मुख्य लक्ष्यों में से एक होगा, इसके लिए सफल डिजिटल साझेदारी को और सुदृढ़ करने के लिए हम और भी कदम उठाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम न केवल संभावनाओं के सहयोगी हैं, अपितु हम अपने सामने मौजूदा और आने वाली चुनौतियों से निपटने में भी सहभागी हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में हमने आंतकवाद, अतिवाद और उग्रवाद से पूरे विश्व में उत्पन्न गंभीर चुनौतियों पर चर्चा की तथा इसमें अपने सहयोग को बढ़ाने पर भी सहमति बनाई। उन्होंने कहा कि आंतकवाद से लड़ना और आंतकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों को समाप्त करना हमारी सहभागिता का एक महत्वपूर्ण भाग होगा। उन्होंने कहा कि हम आंतकवादी संगठनों से जुड़ी हुई समान चिंताओं के संबंध में बुद्धिमत्ता और सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ाएंगे तथा नीति समन्वय को यथासंभव गहरा करेंगे। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे बीच क्षेत्रीय मामलों पर भी चर्चा हुई, अफगानिस्तान में आतंकवाद के कारण बढ़ती हुई अस्थिरता हमारी समान चिंता है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ने ही अफगानिस्तान के पुर्ननिर्माण और इसकी सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, हम अफगानिस्तान में शांति तथा स्थिरता के उद्देश्य की पूर्ति के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका से निकट परामर्श, संचार तथा समन्वय बनाए रखेंगे।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में खुशहाली, शांति और स्थिरता हमारे सामरिक सहयोग का मुख्य उद्देश्य है, इस क्षेत्र में संभावनाओं का विस्तार और उभरती हुई चुनौतियां, भारत और अमेरिका के सामरिक हितों की सुरक्षा हमारी सहभागिता के आयाम निर्धारित करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हम अमेरिका के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में हमारा बढ़ता रक्षा और सुरक्षा सहयोग अत्यंत महत्वूपर्ण है। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत की रक्षा क्षमताओं के सशक्तिकरण की हम सराहना करते हैं, हमने हर प्रकार से अपने बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग को भी बढ़ाने पर निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशो के बीच द्विपक्षीय रक्षा प्रौद्योगिकी, व्यापार तथा विनिर्माण भागीदारी की सुदृढ़ता परस्पर लाभकारी होगी। उन्होंने कहा कि हमने अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अपने सामरिक हितों की बात की है, इस संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों तथा शासनों में भारत की सदस्यता के लिए हम संयुक्त राज्य अमेरिका के लगातार समर्थन के आभारी हैं। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप को जल्द से जल्द मिलने की उत्सुकता थी, जिसका सबसे बड़ा कारण एशिया में पाकिस्तान और चीन की दोस्ती, पाकिस्तान की आड़ में चीन का विस्तारीकरण, भारत को दबाव में लेने की कुत्सित कोशिश और बलूचिस्तान को एक रणनीति के तहत चीन को सौंपने की पाकिस्तान की कोशिश माना जाता है। अमेरिका को इसमें भारत की सख्त जरूरत है और भारत को अमेरिका की भी आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्विपक्षीय संबंधों के लिए उनकी मजबूत प्रतिबद्धता का अभिनंदन किया और कहा कि उनके नेतृत्व में भारत और अमेरिका की परस्पर लाभकारी रणनीतिक साझेदारी को एक नई मज़बूती, सकारात्मकता तथा ऊंचाई प्राप्त होगी और उनका व्यापार जगत का असीम व्यक्तिगत सफल अनुभव इस सहयोग को एक आक्रामक तथा आगे दिखने वाला एजेंडा प्रदान करेगा। उन्होंने भारत और अमेरिका संबंधों की इस यात्रा में एक उत्तम नेतृत्व प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का धन्यवाद किया और कहा कि वे सपरिवार भारत यात्रा पर आमंत्रित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमरीका दौरे ने वास्तव में एक ऐसे युग की शुरुआत की है, जिसमें यह तय हो जाना है कि दुनिया में शांतिपूर्ण समाज रहेगा या फिर आतंकवाद ही सबकुछ तय करेगा। भारत और अमरीका की नई रणनीतियों का जहां तक फोकस है, उसमें यही तय पाया गया है कि आतंकवाद को अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह दोनों देश मानते हैं कि चीन अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए एशिया में अस्थिरता फैला रहा है और एक ऐसे पड़ोसी को हद से ज्यादा संरक्षण दे रहा है, जिसके मंसूबे आतंकवाद के रूप में कहर बरपा रहे हैं। पाकिस्तान में पनाह पाए हुए कश्मीरी आतंकवादी सैय्यद सलाउद्दीन को अमरीका ने आखिर आतंकवादी घोषित कर ही दिया है, जिससे पाकिस्तान को करारा झटका मिल गया है।